धीरे धीरे मेरी जिन्दगी में आना, धीरे धीरे मेरे दिल को चुराना
कार्यक्रम का उदघाटन प्रसिद्ध लेखिका एवं डीपीएस वर्ल्ड स्कूल की प्राचार्या श्रीमती ममता मेहरोत्रा तथा समाजसेवक और नेता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। फिर विद्यालय द्वारा पंकज झा को अंगवस्त्र एवं स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय की छात्राओं नेहा, रानी, स्टेनशीला मुर्मू, नैना तथा अंजनी ने सरस्वती वंदना की तथा पंकज झा द्वारा संस्कृत में अनूदित गीत को उन्हें गाकर समर्पित किया। कार्यक्रम के संयोजक समीर परिमल ने स्वागत-भाषण करते हुए कहा कि संस्कृत को देववाणी से जनवाणी बनाने की दिशा में पंकज झा का प्रयास अनूठा और सराहनीय है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालय के बच्चों में संस्कृत के प्रति एक अनुराग पैदा होगा। ममता मेहरोत्रा ने पंकज झा के टैलेंट की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों के साथ साथ बड़ों में भी संस्कृत के प्रति प्रेम उत्पन्न होगा। मुख्य अतिथि राजीव रंजन ने कहा कि सरकारी विद्यालय में संस्कृत भाषा और साहित्य के संवर्द्धन हेतु किया जा रहा प्रयास अत्यंत सराहनीय है और इससे बिहार की शिक्षा व्यवस्था और भी उन्नत होगी।
कार्यक्रम का संचालन किया कुमारी सुनीता ने तथा धन्यवाद ज्ञापन किया अशोक कुमार ने। इस अवसर पर प्राचार्य मो. अख्तर इमाम, संकुल समन्वयक संतोष कुमार साह, बीआरपी गुड्डू कुमार सिंह, चंद्रकला देवी, मीरा कुमारी, भावना, फौज़िया बानो, रामनाथ शोधार्थी, ई. गणेश जी बाग़ी, सिंधु, हेमंत दास 'हिम', सूर्यकांत गुप्ता, अविनाश झा, अविनाश पांडेय, शकुंतला जी समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर पंकज झा ने कई हिट फिल्मी गीतों के संस्कृत वर्शन प्रस्तुत किए और दर्शकों की फरमाइशें भी पूरी कीं। उनके हर गीत पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं समेत उपस्थित दर्शकगण ने जमकर तालियाँ बजाईं। संस्कृत गीतों की लोकप्रियता और दर्शकों के प्यार से गदगद पंकज झा ने संस्कृत में 'रैप सांग" भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में पंकज झा द्वारा गाये गए कुछ गीत (संस्कृत वर्शन)
"धीरे-धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना,
धीरे-धीरे से दिल को चुराना"
"सनम रे सनम रे, तू मेरा सनम हुआ रे"
"तुम ही हो, मेरी आशिक़ी तुम ही हो"
"हमें तुमसे प्यार कितना, ये हम नहीं जानते"
"डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दे"
"शनै: शनै: मम जीवने आगच्छ, शनै: शनै: मम हृदयं चोरय"
"प्रियतमे प्रियतमे, त्वं मम प्रियतमा त्वभवः"
...................
आलेख- समीर परिमल एवं हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र- हेमन्त दास 'हिम' एवं समीर परिमल
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- hemantdas_2001@yahoo.com
पंकज कुमार झा के संस्कृत गीतों के कुछ वीडियो लिंक-
https://goo.gl/9f88Ep
https://www.youtube.com/watch?v=yOFfzGkBflU
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