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बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Friday 8 December 2017

सांस्कृतिक परिक्रमा अंक- 8.12.2017 (Cultural Roundup by Bihari Dhamaka)/ श्रीनगर, दिल्ली, राँची, आकाशवाणी, दूरदर्शन, मुंगेर, सुल्तानगंज, खगौल आदि स्थान के कार्यक्रम भी

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नोट: सांस्कृतिक परिक्रमा में विश्व में किसी स्थान पर होनेवाली बिहारी संस्कृति की घटनाओं को शामिल किया जा सकता है. आप अपने चित्र और विवरण अथवा रिपोर्ट के लिंक ईमेल से hemantdas_2001@yahoo.com पर भेजें. धन्यवाद.

हाल ही में बहुचर्चित फिल्म 'आरा की अनारकली' के निर्देशक अविनाश दास (मध्य में )मूलत: बिहार से निकले एक रंगकर्मी साहित्यकार हैं. उनकी फिल्म का प्रदर्शन पटना फिल्म महोत्सव में हुआ.फिल्म छोटे बजट की किंतु दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करते हुए महत्वपूर्ण संदेश देनेवाली फिल्म है. बिहार के परिदृष्य में इस फिल्म को बनाने के लिए अविनाश दास बधाई के पात्र हैं और उन्होंने बिहार का नाम देश-दुनिया में खूब रौशन किया है. अभी हाल ही में कालिदास रंगालय में फिल्म महोत्सव में प्रदर्शन के बाद दर्शकों की जिज्ञासाओं को फिल्म के विविध पहलुओं से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए. उनके साथ हैं वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक शर्मा (बायेअं)  जिन्होंने फिल्म में इंस्पेक्टर की भूमिका निभाई है. साथ में हैं एक और कलाकार.
दिल्ली में आयोजित एक विशाल बिहारी समूह के एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में व्याख्यान देने पटना से भैरब लाल दास गए थे. उन्होंने उस समूह के इतिहास और वर्तमान पर वृहद चर्चा की और इस बात के लिए काफी तारीफ की जो आज भी विवाह करते समय समूह का बड़ा वर्ग दहेज बिल्कुल नहीं माँगता, पूरा समूह बुद्धिमत्ता और शिष्टाचार में लाजवाब है तथा अति शांतिप्रियता जिसकी पहचान है..हम तकनीकी कारणों से उस समूह के नाम को नहीं प्रदर्शित कर रहे हैं. किंतु यह कामना करते हैं कि सम्पूर्ण विश्व को इस विशिष्ट बिहारी समूह से सीख लेनी चाहिए. इन लोगों ने बिहार का मान बढ़ाया है. मंचासीन गणमान्य प्रतिनिधियों में बायें से दूसरे से चौथे हैं अभय कु. लाल दास, शेफालिका वर्मा और भैरब लाल दास. 

 डॉ.मिथिलेश कुमारी मिश्र की जयंती पर बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना द्वारा आयोजित कवि गोष्ठी-1

 डॉ.मिथिलेश कुमारी मिश्र की जयंती पर बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलनपटना द्वारा आयोजित कवि गोष्ठी-2


 30.11.2017 को कासिम  खुरशीद मुख्य अतिथि के रूप में मुंगेर में आयोजित सेमिनार मुशायरे में आमंत्रित धे । जलसे की सदारत ज़िला के DM जनाब उदय कुमार सिंह ने की जब कि सांस्कृतिक आंदोलन के मित्र जनाब सुबोध कुमार चौधरी सचिव कमिशनर मुंगेर के साथ ज़िला की सभी अहम शख़्सियतें यथा प्रो इक़बाल हसन आज़ाद प्रो राशिद तराज़ जनाब तारिक़ मतीन डॉ शब्बीर हसन जनाब जावेद अख़्तर आज़ाद प्रो अनीस इमाम जनाब सुहैल शम्स जनाबअनिरुद्ध प्रयाद जनाब सय्यद ग़ुलाम मुहम्मद डॉ फ़रहत यासमीन जनाब ख़ालिद शम्स जनाब निज़ाम उद्दीन शम्सी और दूसरी अहम तरीन शख़्सियतों ने प्रोग्राम को यादगार बनाया. (एक चित्र नीचे भी)


एक और साहित्यिक पत्रिका "अंग-पतंग " त्रैमासिक का श्रीगणेश अंग क्षेत्र से हो गया।साथी सुरेश "सूर्य"के सम्पादन में "अंग-पतंग" के प्रवेशांक का लोकार्पण अंगिका अकादमी, बिहार के अध्यक्ष डा0 लखनलाल सिंह "आरोही " के कर-कमलों द्वारा कल दिनांक-3-12-2017 को गनगनियाँ में सम्पन्न हुआ। बकौल सम्पादक -हिन्दी और अंगिका के अलावे भोजपुरी, मैथिली, मगही,बज्जिका, राजस्थानी, मारवाड़ी एवम् संथाली भाषाओं की रचनाएँ भी अंग-पतंग में प्रकाशित होती रहेंगी। सम्पादकीय पता है- शिक्षण सेवा कुटीरगनगनियाँ, सुलतान गंज,भागलपुर-811211,  मोबाइल-9801360564 9507512001 सुरेश सूर्य रचित निम्नलिखित किताबों का लोकार्पण एक साथ होना अभूतपूर्व है- 1-गुंज (गीत संग्रह)- 2-चल हंसा उस देश(भजन- सुख -सार) 3-करमैती (अंगिका नाटक) 4-सवाद अच्छे छै(अंगिका ग़ज़ल संग्रह ) 5-अंगना (अंगिका लोक गीत संग्रह) 6-गीत मेरे देश के.(एक चित्र नीचे भी)


 04.12.2017 को द इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स (इंडिया) के आर.ब्लाक चौराहा, पटना स्थित सभागार में लेख्य-मंजूषा का प्रथम वार्षिकोत्सव एवं 101वें वर्ष में 13 वां हाइकु-दिवस मनाया गया.



  

कवि नसीम खान को समानित किया गया.

  
 दिल्ली मेंविश्व उर्दू सम्मेलन की तैयारी के सिलसिले की मीटिंग के बाद कासिम खुरशीद दिल्ली से पटना पहुंच कर airport से सीधे राजभाषा उर्दू द्वारा अभिलेख भवन पटना में आयोजित गंगो जमन मुशायरे में शामिल होने के लिए पहुँचे। इस मुशायरे में निदेशक राज भाषा इम्तियाज़ अहमद करीम, शफ़ी मशहदी सत्य नारायण सुल्तान अख़्तर क़ैसर समस्तीपुरी अब्दुल मन्नान तर्ज़ी सुनील कुमार तंग आलम ख़ुर्शीद कासिम खुर्शीद महेश अश्क क़ौस सिद्दीक़ी शांति जैन रेहाना नवाब शकील मोइन संजय कुमार कुंदन शंकर केमूरी जलाल काकोवी प्रेम किरन चांदनी पांडे अरुण कुमार आर्य काज़िम रज़ा समीर परिमल हसन इमाम और उपेंद्र नाथ पांडे जैसे रचनाकारों की कहकशां ने प्रोग्राम को यादगार बनाया.
9 दिसम्बर को पटना म्यूजियम सभागार में कैशी लिपि पर कर्यशाला आयोजित हो रही है जो भैरब लाल दास संचालित करेंगे- समय है 11 बजे से 5 बजे तक.पूरे बिहार के ब्यापारियों के पास पुरानी पद्धतियों के बहीखाते में अभी भी प्रयुक्त इस लिपि को जो दरभंगा महाराज की राजकीय भाषा भी थी,इसे सीखने का सुनहरा अवसर बिल्कुल भी न गवायें. और तुरंत एकदिवसीय कार्यशाला हेतु नमांकन करायें वरना कोई सीखानेवाला और कोई दूर दूर तक नहीं मिलेगा.

दूरदर्शन, पटना के स्टूडियो में साहित्यकी कार्यक्रम के तहत 2017 : महिला लेखन (संदर्भ- बिहार) विषयक परिचर्चा की रिकॉर्डिंग के दौरान वरिष्ठ रचनाकार पद्मश्री उषा किरण खान, कवयित्री भावना शेखर और नताशा के साथ । कार्यक्रम का प्रसारण 18 दिसंबर, 2017 को सुबह 10:00 बजे होगा ।


कानपुर से तशरीफ़ लाईं मशहूर शायरा चाँदनी पांडेय को 'दिल्ली चीख़ती है' भेंट करती हुई बिहार से उभरे बहुचर्चित शायर समीर परिमल की शरीके-हयात रूपांजली.

हाल ही में प्रकाशित पत्रिका जिसमें बिहार के युवाओं और वरिष्ठ जनों की रचनाएँ हैं.

1.12.2017.  हाल ही में बाबा नागार्जुन पर राजभाषा विभाग ने एक ख़ूबसूरत आयोजन किया था । बाबा पर विस्तार से चर्चा हुई थी । हमारे युग के नामचीन और प्रभावशाली कवि आलोक धन्वा ने भी बाबा के साथ अपनी यादों को ज़िन्दा किया था।


पटना पुस्तक मेला में वरिष्ठ साहित्यकार (बायें से)  संजय कु. कुंदन, शिवदयाल, मुकेश प्रत्यूष,अवधेश प्रीत, अनिल विभाकर एवं भगवती प्र. दिवेदी
बायें से दूसरे डॉ.संकर प्रसाद, फिर डॉ. अनिल सुलभ अंत में योगेंद्र प्रसाद मिश्र. अन्य दो गणमान्य कवियों के साथ

नाटक 'सिपाही की माँ' का सफल मंचन 6 दिसम्बर को पटना में हुआ. 

एक नाटक के मंचन के बाद उसके कलाकार

बिहार के सबसे वरीय रंगकर्मी अमियनाथ चटर्जी नाटक के मंचन के बाद कलाकारों को अपनी प्रतिक्रिया और सीख देते हुए.

मंधित मैथिली नाटक 'घुग्घू' के कलाकार

हाल ही में बिहार सरकार द्वारा एक बहुत अच्छा मुशायरा का आयोजन अभिलेख भवन पटना में हुआ



पटना फिल्म महोत्सव के सदस्य

फिल्म महोत्सव में आये पत्रकार लेखक राजेश राज (बायें0 और रंगकर्मी एवं  हिन्दी और मगही ब्लॉग चलानेवाले विक्रान्त




  (बायें से प्रथम) बिहार से निकले प्रसिद्ध कवि 'हास्य सम्राट विश्वनाथ प्रसाद वर्मा श्रीनगर के एक कार्यक्रम में आमंत्रित थे जहाँ उन्होंने अपनी कविताएँ भी पढ़ीं.

एक कोरियन संस्था के कार्यक्रम में डॉ.शंकर प्रसाद और कुमार अनुपम

नाटक इज्जतघर का प्रदर्शन हुआ हाल ही में स्वच्छता अभियान के तहत मंथन कला परिषद, खगौल द्वारा (एक चित्र नीचे भी)
 





Lamps were illuminated by a group of aware women of Bihar recently leaded by Mamta Mehrotra.

Jharkhand  Literary Meet  was conducted on Dec 2 in Ranchi.  The culture of Jharkhand is not different from Bihar and we think all of  the  Jharkhandi culture a part of broader Bihari culture.


साहित्य अकादमी, दिल्ली के कार्यक्रम में बिहार से गए चर्चित कवि शहंशाह आलम (बायें से) दूसरे स्थान पर

प्रभात कुमार धवन अपने विचार प्रकट करते हुए. मंच पर गणमान्य लोगों में डॉ. संकर प्रसाद भी हैं.


आकाशवाणी पटना की ए ग्रेड गायिका नंदिता चक्रवर्ती के गायन का प्रसारण देश भर के सभी आकाशवाणी चैनल पर एक साथ हुआ हाल ही में. बिहार के लिए एक गौरव की बात है.

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