**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Thursday, 7 December 2017

मुफ्त में पुस्तकें भेजनेवाले का स्टाल और अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम - 6.12.2017 को पटना पुस्तक मेले में

Main pageview- 50366 (Check the latest figure on computer or web version of 4G mobile)

कला, संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार एवं सीआरडी के पटना  पुस्तक मेला में 6  दिसम्बर को अनेक कार्यक्रम आयोजित हुए.



कविता की कार्यशाला  में संजय कुंदन ने नवोदित कवियों को कविता लिखने और पढ़ने के गुर समझाये. बताया गया कि कविता लिखना एक दुरूह प्रक्रिया है और इसे साधना पड़ता है कभी-कभी तो खुद को जोखिम में भी डालना पड़ता है. लगभग नब्बे फीसदी लोग कवि होते हैं लेकिन उन्हें छ्पाने में उतावलापन नहीं दिखाना चाहिए. भाग लेनेवालों में थे अंचित, विक्रान्त, कुमार राहुल, सुधाकर रवि, रूचि, प्रीति, नेहा नूपुर, राहुल शर्मा और उत्कर्ष. कल की कार्यशाला में आलोक धन्वा सीखाएंगे कविता लिखना. 

कल यानी 7.12.2017 को होंगे ये कार्यक्रम-
1. कविता की कार्यशाला कवि आलोक धन्वा के साथ - प्रात: 9 से 11 बजे
2. निवेदिता झा की पुस्तक 'प्रेम का डर' पर चर्चा- 2 बजे 
3. 'शायरी और समाज' पर बातचीत तीन नामचीन शायरों द्वारा
संजय कुमार कुन्दन, कासिम खुरशीद और समीर परिमल    - दोपहर 2.20 बजे
4. युवा कवयित्रियाँ -3.30 बजे दोपहर
5. 'राह भटकती कविता' पर परिचर्चा 
डॉ. शिवनारायण, डॉ. विनय कुमार, डॉ. सुनीता गुप्ता  - अपराह्न 4.20 बजे
6. डॉ. सुजीत वर्मा की पुस्तक 'वाकिंग ऑन दि ग्रीन ग्रास' पर चर्चा - 5.50 बजे सायं


'सदा', खगौल और 'हर्षलोक मंच', पुनपुन के द्वारा 'बिटिया बहादुर' नाटक का मंचन किया गया जिसमें पूजा, अशोक गिरि, राजेश गुप्ता, योगेन्द्र केवट, चन्दा,  सपना, पिंटू, अमरेंद्र,विनय, कामेश्वर और आदित्य ने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं. लेखक और निर्देशक थे उदय कुमार. नाटक में दहेज की विभीषिका के कारण बचपन से ही लड़की के साथ हो रहे भेदभाव को बखूबी दिखाया गया.

'आयाम' के तत्वावधान में प्रस्तुत कवयित्री सम्मेलन में पद्मश्री उषा किरण खान. निवेदिता झा, डॉ. भावना शेखर, डॉ. सविता सिंह नेपाली, डॉ. वीणा अमृत, केकी कृष्णा, रानी श्रीवास्तव, डॉ. रानी सुमिता, मंगला रानी, डॉ. नीलिमा सिंह और  ने भाग लिया.

गीताश्री के उपन्यास 'हसीनाबाद' का लोकार्पण हुआ. लोकार्पित करनेवाले थे डॉ. उषाकिरण खान, हृषीकेश सुलभ और अवधेश प्रीत. लोकार्पण के पश्चात सुनीता गुप्ता ने उपन्यास पर बातचीत की. 

कृष्णकान्त और उर्मिलेश ने राष्ट्रवाद पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे जयप्रकाश. कृष्णकान्त ओझा ने कहा कि युरोप में राजनीति पर पोप का बोलबाला रहा लेकिन भारता में कभी भी ऋषियों ने हस्तक्षेप नहीं किया. चूँकि मातृभूमि माता के समान है इसलिए 'वंदे मातरम' कहने में किसी को कोई हर्ज नहीं होना चाहिए. उर्मिलेश ने बताया कि 1857 की क्रांति में मौलवी मोहम्मद बाकर को फाँसी पर चढ़ा दिया गया और बाद में गणेश शंकर विद्यार्थी की एक दंगे में हत्या कर दी गई जबकि ये लोग बड़े राष्ट्रवादी लोग थे. 

एक अन्य कार्यक्रम में मंच पर 'आरा की अनारकली' के निर्देशक और साहित्यकार अविनाश दास के साथ कवि राजेश कमल अपनी कविता पढ़ते दिखे जिसे अच्छी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने खूब सराहा.

पवित्र कुरान की स्टालों पर अनेक गैर मुस्लिम देखे गए तो आर्य प्रतिनिधि सभा के स्टाल पर अनेक इस्लाम धर्मावलम्बी उत्साहपूर्वक पुस्तकों को पलटते हुए देखे गए. (चित्र देखिए)  इस सांस्कृतिक सहिष्णुता पर कोई बिहारी अपने बिहार पर गर्व कर सकता है. 

मायपुस्तक डॉट कॉम (mypustak.com) एक ऐसा पोर्टल है जो मुफ्त में पुस्तकें देता है जिसके लिए कोई भी अपनी पसंद को तय कर ऑनलाइन ऑर्डर रजिस्टर कर सकते हैं. उन्हें सिर्फ मामूली शिपिंग चार्ज देने होंगे. इस वेबसाइट के स्टॉल का चित्र देखिये. 
..........
विशेष आभार - कुमार पंकजेश, मीडिया प्रभारी
आलेख- हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र् - हेमन्त 'हिम'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- hemantdas_2001@yahoo.com


(दाहिने से) कवि राजेश कमल, फिल्म 'आरा की अनारकली' के निर्देशक अविनाश दास एवं एक अन्य गणमान्य साहित्यकार


(दाहिने से) कवि राजेश कमल, फिल्म 'आरा की अनारकली' के निर्देशक अविनाश दास एवं एक अन्य गणमान्य साहित्यकार
   



मुफ्त में पुस्तकें देनेवाला पोर्टल मायपुस्तक डॉट कॉम के स्टाल में ओनलाइन रजिस्टर करने के तरीके को समझाता स्टाल संचालक


आयोजक संस्था सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर सिंह








No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.