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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Sunday, 3 December 2017

लोक गायिका नीतू नवगीत का सांस्कृतिक कार्यक्रम सोनपुर मेला के रेलवे सांस्कृतिक मंच पर 2.12.2017 को सम्पन्न

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 खेले धूपे के दिन में न शादी करी होईहैं बर्बादी हो
गायन में द्वारा बाल विवाह, दहेज प्रथा, भ्रूण-हत्या और नारी अशिक्षा के विरोध के स्वर
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सोनपुर : 2 दिसंबर, 2017  सोनपुर मेला के रेलवे सांस्कृतिक मंच पर बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत और दूसरे लोक कलाकारों ने बाल विवाह, दहेज प्रथा, भ्रूण-हत्या और नारी अशिक्षा के प्रतिरोध में आवाज बुलंद की । नीतू कुमारी नवगीत ने अपने नए एल्बम "बिटिया है अनमोल रतन" के गीतों के माध्यम से लोगों से आग्रह किया कि नई सामाजिक चेतना और नए बिहार के निर्माण के लिए सब लोग एकजुट होकर आगे आएँ । अपनी प्रस्तुति के पहले गीत में नारी शिक्षा पर जोर देते हुए नीतू कुमारी नवगीत ने गाया-बिटिया के भैया पढ़ावल जाई हो, जननी है काल्हे  की, बचावल जाई हो ।

दहेज प्रथा की समाप्ति और नारियों के मान की रक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने लोकगीत पेश किया- या रब हमारे देश में बिटिया का मान हो
 जेहन में बेटों जितना ही बेटी की शान हो
इज्जत बची रहे सभी बिटिया की मुल्क में
खेलें न कोई खून की होली दहेज में

इसी तरह नारी अशिक्षा और बाल विवाह की बुराई की समाप्ति के लिए एक लड़की की अपील को उन्होंने स्वर दिया -
खेले धूपे के दिन में न शादी करी होईहैं बर्बादी हो
रऊवा आई सब खराबी,  हम तोहके  बता दी हो ।

बेटियों के अरमानों को जिंदा रखना और उन्हें समाज में आगे बढ़ने के लिए सही माहौल पैदा करने की जरूरतों पर बल देते हुए डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने लोक गीत पेश किया-
बेटी को बचाने चलो देश ने पुकारा है
आज समय फिर आया लेने, इम्तेहां हमारा है
छीनेंगे ना बिटिया के हाथों से गुड़िया
तोडेंगे न बगिया से फूलों की कलियां
मिलजुल कर हम बाल विवाह को जड़ से मिटायेंगे ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में राकेश कुमार, दयानंद सिंह अखिलेश कुमार और रामसुंदर ने भी संगीतमय  प्रस्तुति दी और उपस्थित दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया । लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत को हारमोनियम पर राकेश कुमार,  नाल पर बृजेश कुमार सिंह, तबला पर संतोष कुमार, झंझरी पर अजीत कुमार यादव ने संगत किया ।
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प्रतिक्रिया हेतु ईमेल है - hemantdas_2001@yahoo.com






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