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बिहार की लोक-संस्कृति विश्व में एक अलग स्थान रखती है. यहाँ प्रचलित अनेक लोक-नृत्यों में सामा चकेवा, कजरी नृत्य आदि बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हैं जिसे करते समय ग्रामवासी घंटों भाव-विभोर होकर लीन रहते हैं. ऐसा करने में न सिर्फ उनका मानसिक आह्लाद प्राप्त होता है वरन शारीरिक स्फूर्ति भी बनी रहती है और दुनियाई उलझनों से दूर एक अलग काल्पनिक आनंददायक संसार में चले जाने का अनोखा अनुभव भी मिलता है.
सोनपुर । 18.11.2017. सोनपुर मे आयोजित विश्व प्रसिद्ध  हरिहर क्षेत्र    मेला में प्रदेश की सोनपुर , यहाँ आयोजित विश्व प्रसिद्ध  हरिहर क्षेत्र    मेला में प्रदेश की बहुचर्चित संस्था मंथन कला परिषद के कलाकारों ने  बिहार की लोक  नृत्य  पर आधारित कई मनोरम  प्रस्तुतियों  से दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी. 
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ,बिहार सरकार के सौजन्य से आयोजित पर्यटन  विभाग के मंच पर  कलाकार विकास, अमित राज, आदित्य  राहुल, तान्या, दिव्या , सोनाली, निशा, पम्मी  और अंशु  आदि  ने हम हैं नारी-  बिहार की नारी ( साझा नृत्य ), कृषि  नृत्य, लोक नृत्य सामा चकेवा , कजरी नृत्य और   पिया  हमरा  के युगल  नृत्य के प्रदर्शन  से भीड़ को खूब आकर्षित  किया. 
उक्त अवसर पर बिहार संगीत  नाटक अकादेमी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार त्रिपाठी ,युवा रंगकर्मी अमन कुमार ,राजेश कुमार शर्मा और निखिल  प्रकाश   आदि मौजूद थें. पूरे कार्यक्रम को प्रदेश की उत्कृष्ट उद्घोषिका  सोमा चक्रवर्ती  ने अपने मोहक  अंदाज़  से और भी प्रभावशाली  बना  दिया. उन्हें आकशवाणी और दूरदर्शन में काम करने का पर्याप्त अनुभव है और नृत्य का अच्छा ज्ञान भी.
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आलेख - अमन राज 
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