**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Sunday, 16 July 2017

भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, पटना द्वारा 15.7.2017 को कवि-गोष्ठी का आयोजित

Blog pageview last count- 22179  (Check the latest figure on computer or web version of 4G mobile)
बन कर तमाशबीन तू आया तो है मगर / पत्थर चला तो जद में तेरा सर भी आएगा
              
  भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, पटना के तत्वावधान में दिनांक15.7.2017 को राजेंद्रनगर टर्मिनल, बिहार रेलवे स्टेशन के रामवृक्ष बेनीपुरी हिन्दी पुस्तकालय में एक कवि-गोष्ठी आयोजित हुई जिसमें अनेक गणमान्य कवियों ने भाग लिया. भाग लेनेवाले कवियों में जफर सिद्दीकी, सिद्धेश्वर प्रसाद,  जयन्त, मधुरेश नारायण, हेमन्त दास 'हिम', मो. नसीम अख्तर.,सुधाकर राजेन्द्, सागर आनन्द तथा कवयित्री सरस्वती कुमारी प्रमुख थीं.

       अपनी 'नन्हीं गौरैया' शीर्षक कविता का पाठ मधुरेश नारायण ने किया जिसकी कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार थीं-
"रोज गौरैया मेरे घर आती है 
अपनी चिचियाहट से 
मेरे मन को भाती है
जीने की एक नई उमंग
एक नया उत्साह जगाती है"
साथ ही उन्होंने 'जिंदगी फिर से मुस्कुरायी है' कविता भी पढ़ी.

      सुधाकर राजेन्द्र ने मशाल बन कर जलने का आह्वाहन करते हुए कहा-
"इम्तिहाँ है आपका हम हैं सवालों की तरह
आग मेरे पास है जलिए मशालों की तरह
दिन दहाड़े मैं सूर्य का अपमान न सह सका
'सुधाकर' की चाँदनी में हूँ उजालों की तरह"
अगले दौर में उन्होंने "मन में दुश्मनी ना घोलें' शीर्षक कविता भी पढ़ी.

       मो. नसीम अख्तर ने निडर होने की जरूरत बताई-
"रोज किस्तों में मरते रहेंगे सदा
मौत से जो 'नसीम' डर जाएंगे
कुछ इधर जाएंगे कुछ उधर जाएंगे
सूखे पत्ते हवा में बिखर जाएंगे"
इसके अतिरिक्त 'जिसको अपना बना लिया मैंने' शीर्षक कविता भी पढ़ी और इस गोष्ठी के पहले के कवियों की तरह वाहवाही लूटी.

     फिर भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, पटना के संयोजक सिद्धेश्वर प्रसाद ने अपनी एक गजल 'धूप' का पाठ करके सब का ध्यान आकृष्ट किया-
"इस में उस की कोई खता ही नहीं
वादा करके बदल रही है धूप
एक-न-एक दिन गरूर टूटेगा
आग में अपनी ही जल रही है धूप"
दूसरे दौर में उन्होंने 'पति, बच्चे और प्रेम' शीर्षक कविता पढ़ कर नारी विमर्श का रंग  घोला.

     इसके पश्चात 'बिहारी धमाका' नाम से बहुचर्चित ब्लॉग चलानेवाले हेमन्त दास 'हिम' ने अपनी रचना पढ़ी जिसका शीर्षक था 'मौत का अंधेरा'. उसकी कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार थीं-
"सच कहता हूँ / अब बिल्कुल नहीं डरता
जब बड़ा होकर ये जान गया हूँ
कि मौत का अन्धेरा बहुत अलग नहीं होगा
जीवन के अकेलेपन से"
उन्होंने 'इसके पहले कि मैं चलूँ' शीषक कविता भी पढ़ी.

      अपनी कविता 'लौटती राह' में नए छ्न्द का  प्रयोग करते हुए जयन्त ने इच्छाओं की प्रकृति उजागर की और कहा-
"खो गया न रहा कुछ शेष
पर आस अधूरी रह गई
सब कुछ मिल जाने पर भी
न मिटती अपरिमित चाहें"
इसके अलावे उन्होंने 'लौटती राहें' और 'ताड़, पवत और पहाड़' शीर्षक से अपनी अन्य कविता का पाठ भी किया. 

       युवा कवि सागर आनन्द ने सम्वेदना को पुकारते हुए कहा-
"बात जो भी बोलना है बोल रे साकी
बात में सम्वेदना भी घोल रे साकी
प्यार को जितना खरीदें और बेचें हम
प्यार का चुकता कहाँ है मोल रे साकी"

       अन्य सभी के द्वारा कविता-पाठ हो जाने के पश्चात सभा के अध्यक्ष नामचीन शायर जफर सिद्दीकी ने पढ़ी गई कविताओं पर अपनी टिपण्णी की और फिर अपनी कविताओं को पढ़ा. उन्होंने कहा कि कवि को यदा-कदा लिखनेवाला नहीं होना चाहिए बल्कि हमेशा कुछ-न-कुछ लिखते रहना चाहिए वरना रचनात्मकता को जंग लग जाएगी. शायरी करने के पहले खूब पढ़ना चाहिए और अच्छी तरह से खँगालना चाहिए. एक-एक शब्द के औचित्य को परख कर ही उसका प्रयोग किया जाना चाहिए. फिर उन्होंने एक गज़ल सुनाई जिसका हर एक शेर खूब दमदार था. कुछ शेर यूँ थे-
"रस्ते में दर्दनाक ये मंजर भी आएगा
कि चढ़ती नदी के बाद समंदर भी आएगा"
बन कर तमाशबीन तू आया तो है मगर
पत्थर चला तो जद में तेरा सर भी आएगा"

      अंत में सिद्धेश्वर प्रसाद ने आये हुए सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापण किया.
...........
आलेख: हेमन्त दास 'हिम'

इस रिपोर्ट के सम्बंध में अपनी प्रतिक्रिया को\आप इमेल के द्वारा hemantdas_2001@yahoo.com पर भेज सकते हैं.






















No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.