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शिक्षकों के आचरण से बच्चों का मूल्य-बोध निर्धारित
पटना के विभिन्न विद्यालयों में सेवारत शिक्षकों के लिए यह अपनेआप में एक अनूठा सुअवसर था जब उन्हीं के व्यवसाय से जुड़े सहकर्मियों ने उन्हें सम्मानित किया. दरअसल समीर परिमल न सिर्फ एक बेहतर शिक्षक हैं बल्कि अपनी पुस्तक 'दिल्ली चीखती है' के प्रकाशन के पश्चात देश के अत्यंत लोकप्रिय नये शायरों में शुमार किये जाने लगे हैं. कुछ इसी तर्ज पर सरोज तिवारी एक उत्तम कोटि की शिक्षिका होने के साथ-साथ एक लोकप्रिय गीतकार और भक्ति-गायिका भी हैं. इसी तरह से शैलेश कुमर ने पढ़ाने के साथ-साथ मंच संचालन में अपना झंडा गाड़ा है.
पटना। दिनांक 06 जनवरी 2018 को प्राथमिक विद्यालय, हरनाहा टोला, चौक, पटना सिटी में पटना सदर प्रखंड के शिक्षक समुदाय द्वारा शिक्षा, कला एवं साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए श्री समीर परिमल (साहित्य, शायरी), श्रीमती सरोज तिवारी (कविता, गायन) एवं श्री शैलेश कुमार (मंच संचालक) को 'विशिष्ट शिक्षक सम्मान' प्रदान किया गया। ये तीनों शिक्षक के रूप में अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करते हुए शायरी, गायन एवं उद्घोषण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार के शिक्षकों का नाम रौशन कर रहे हैं।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीपीएस वर्ल्ड स्कूल की प्राचार्य श्रीमती ममता मेहरोत्रा एवं विशिष्ट अतिथि एससीईआरटी की व्याख्याता श्रीमती आभा रानी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अतिथियों का स्वागत विजय कुमार शर्मा एवं रामसज्जन सिंह ने किया। अध्यक्षता गुड्डू कुमार सिंह एवं संचालन प्रभात चौधरी ने किया। ममता मेहरोत्रा ने कहा कि एक शिक्षक होना अपने आप में सर्वोच्च सम्मान है और ये तीनों शिक्षक बच्चों के लिए आदर्श हैं। आभा रानी ने ऐसे आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षक का आचरण बच्चों में मूल्य-बोध पैदा करता है और ऐसे कार्यक्रमों के वीडियो को बच्चों को दिखाया जाना चाहिए ताकि ये शिक्षक रोल मॉडल बन सकें।
इस अवसर पर शैलेश कुमार ने मंच संचालन का नमूना पेश कर लोगों को हंसाया, समीर परिमल ने अपनी ग़ज़लें सुनाकर तालियाँ बटोरीं तथा सरोज तिवारी ने गीतों और भजनों पर दर्शक झूमे।
मौके पर चंद्र प्रकाश तारा, अंजू कुमारी, कात्यायन कुमारी त्रिपाठी, मणिकांत सिन्हा, मो. अख़्तर इमाम, राजेश दुबे, अमरेश कुमार, सूर्यकांत गुप्ता, संतोष कुमार साह, विनोद कुमार, उदय कुमार, निशि कुमारी, गोपाल प्रसाद, उषा कुमारी, पवन कुमार, अरविंद कुमार, विजय कुमार समेत कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं संकुल समन्वयक उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन पूर्णनाथ कुमार ने किया।
इस तरह से इस कार्यक्रम के द्वारा यह भी स्थापित हुआ कि संस्थाओं को अपने सदस्यों का सम्मान होने हेतु दूसरों का मुँह नहीं देखना चाहिए बल्कि स्वयं पहल करना चाहिए.
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