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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Thursday, 11 January 2018

'अदाकार ख्वाहिश' द्वारा नाटक 'ब्लेड' पटना में 9.10.2017 को प्रस्तुत / डॉ. नीतू कुमारी नवगीत

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सुधरने की कोशिश में जेबकतरे ने किया अनोखा बलिदान 



सआदत हसन मंटो की कहानियाँ जीवन की तल्ख सच्चाइयों से हमें रूबरू कराते हुए मानवता के धरातल पर हमें बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करती हैं । जेबकतरा उनकी प्रसिद्ध कहानी है जिसमें काशी नामक जेबकतरा के मानसिक द्वंद्व और कर्म के बीच के संघर्ष को दिखाया गया है । पटना के कालिदास रंगालय में अदाकार ख्वाहिश संस्था की प्रस्तुति ब्लेड इसी जेबकतरा कहानी पर आधारित है जिसका नाट्य रूपांतरण वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ किशोर सिन्हा ने किया । रवि मिश्रा के निर्देशन में मंचित इस नाटक के केंद्रीय पात्र काशी की भूमिका में भी डॉ. किशोर सिन्हा प्रकट हुए और उन्होंने बहुत ही बेहतरीन तरीके से काशी के मानसिक द्वंद्व और उसकी उधेड़बुन को अपनी प्रभावशाली अभिनय क्षमता से सबको प्रभावित किया । जब अपनी जेब काटने की आदत से जेबकतरा खुद को नहीं उबार पाता तो खुद को शरण देनेवाली अपनी प्रेमिका को खुश करने के लिए वह अपनी उँगली ही काट डालता है

 नाटक में अर्चना सोनी ने बिमला सुभाष चंद्र ने ब्लैकमेलर और आजाद शक्ति ने गिरधर के रुप में अपने-अपने अभिनय से प्रभावित किया । रंजन कुमार,विवेक ओझा, प्रेम कुमार, शिव कुमार, संजीत कुमार, रजनी कुमारी और ममता तिवारी ने भी कुशलतापूर्वक अपनी अपनी भूमिकाएं निभाई । सभी पात्रों और नेपथ्य के कलाकारों को जोड़कर रखने में रवि मिश्रा पूरी तरह से सफल रहे । अदाकार ख्वाहिश की ओर से राजधानी पटना और देश के विभिन्न शहरों में बलि का बकरा, हाय रे कलाकार, जनता पागल हो गई, बुद्धम शरणम गच्छामि, यही सच है, जैसी करनी वैसी भरनी, स्वर्ग का चक्कर, पाटलिपुत्र का राजकुमार, सच्चाई और बैंड मास्टर जैसे नाटक की प्रस्तुतियां हुई है । इस कड़ी में ब्लेड की प्रस्तुति निश्चित रूप से एक नया आयाम स्थापित करती हुई दिखी । 

सुभाष चंद्रा की मंच सज्जा, कुमुद रंजन की प्रकाश व्यवस्था, अशोक घोष की रूप सज्जा और डॉ किशोर सिन्हा का संगीत भी जानदार रहा । इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी गणेश प्रसाद सिन्हा, अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, सुमन कुमार, वरिष्ठ लोकगायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत, अविनाश झा, शास्त्रीय संगीत गायिका लक्ष्मी मिश्रा, गायिका नंदिता चक्रवर्ती,रंगकर्मी धर्मेश मेहता,वरिष्ठ समीक्षक डॉ शंकर प्रसाद और हेमन्त दास 'हिम' भी मौजूद रहे ।
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समीक्षक - डॉ. नीतू कुमारी नवगीत
छायाचित्र- डॉ. नीतू  नवगीत एवं हेमन्त 'हिम'
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समीक्षक -  डॉ. नीतू कुमारी नवगीत 


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