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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Sunday, 21 January 2018

102 वीं अनिल कुमार मुखर्जी जयन्ती सह 27 वां पटना थियेटर फेस्टिवल 2018 का समापन समारोह 20.1.2018 को पटना में सम्पन्न

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पूनम राठौर और आर. नरेंद्र सम्मानित हुए अनिल कु. मुखर्जी शिखर सम्मान से
नाटक के कलाकारों के चित्र भी इसमें देखिए


स्थानीय कालिदास रंगालय में बिहार आर्ट थियेटर द्वारा आयोजित सात दिवसीय नाट्योत्सव 102 वीं अनिल कुमार मुखर्जी जयन्ती सह 27 वां पटना थियेटर फेस्टिवल 2018 का समापन माननीय विधायक नितिन नवीन एवं विधान परिषद सूर्यनन्दन मेहता की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।आगत अतिथियों द्वारा 2018 का अनिल कुमार मुखर्जी शिखर सम्मान महिला रंगकर्मी पूनम सिंह राठौर एवं पुरुष रंगकर्मी आर नरेंद्र को प्रदान किया गया। मौके पर आयोजन संस्थान के सचिव कुमार अनुपन,उपाध्यक्ष सह आयोजन संयोजक डॉ निहोरा प्रसाद यादव,अशोक प्रियदर्शी, अशोक घोष,अरुण कुमार सिन्हा आदि उपस्थित थे। अंतिम दिन माध्यम फाउंडेशन पटना ने सतीश प्रसाद सिन्हा लिखित कुणाल सिकंद निर्देशित नाटक सतरंगे लोग की प्रस्तुति हुई। नाटक की कहानी रात के सन्नाटे में फुटपाथ पर सोई एक अकेली महिला के इर्द गिर्द घूमती है। उस रास्ते से गुजरने वाले राहगीर की नजर उस महिला पर पड़ती है। 

हर राहगीर उस महिला को अपने आगोश में लेने को लालायित दिखता है। उसे पाने के लिए रात के अंधेरे में वह हर हरकत करने को तैयार  है,जिसे वह सामाजिक तौर पर अपने सिद्धांतवादी बातों से खंडित करता आया है। पर जब आज उसे मौका हाथ लगा तो वह हरगिज गवाना नहीं चाहता। व्यक्ति के दिखावटी आवरण पर उसका अंतः आवरण बेनकाब होता जाता है। हमें सोचने पर मजबूर करता है कि अगर हमारा अंतर आवरण ऐसा है तो सचमुच हमें अपने इस शर्मिंदगी से बाहर निकलने के लिए एक दृढ़ संकल्प कठोर इच्छा शक्ति विकसित करने की आवश्यकता है। मंच पर भाग लेने वाले कलाकारों में कुणाल सिकंद,सुशांत चक्रवर्ती,सौरभ, पारस कुमार झा,सरविन्द कुमार,सौरव सिंह थे। नाटकोपरांत सहभागी नाट्यदलों दस्तक (पटना), बी आई डी (पटना), अदब(पटना),जन विकल्प (सीतामढ़ी), रंग गुरुकुल (पटना), माध्यम फाउंडेशन(पटना) को आभार व्यक्त करते हुए स्मृति चिन्ह,सहभागिता प्रमाणपत्र एवं राशि से सम्मानित किया गया। मंच संचालन गुप्तेश्वर कुमार ने किया।
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आलेख- राजन कुमार सिंह
छायाचित्र- हेमन्त 'हिम'
प्रतिक्रिया इस ईमेल पर भी दी जा सकती है - hemantdas_2001@yahoo.com
















सतीश प्रसाद सिन्हा - नाटक 'सतरंगे लोग' के लेखक












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