**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Wednesday 30 October 2019

भाईदूज पर दो कविताएँ / कवयित्री - अलका पाण्डेय

कविता -1

(मुख्य पेज पर जायें- bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटे पर देखते रहें - FB+ Today Bejod India)

कवयित्री अपने भाई के साथ

भाई दूज का पर्व है आया
कुमकुम अक्षत थाल सजाया
भाई को प्रेम से तिलक लगा
रक्षा का अनमोल वादा पाया

भाई पर अटूट प्रेम बरसाये
बहनों के मन खूब हर्ष समाये
बचपन का वो लड़ना झड़ना
बीती हुई यादों से मन हर्षाये

भाई बहन रिश्ता होता खास है
कोई फ़र्क़ नहीं दूर है या पास है
ह्दय से जब एक दूजे से प्रेम हो
हर दिन ही होता फिर ख़ास है

घर आँगन में ख़ुशियाँ छाई
बहनें अक्षत रोली ले कर आई
सजी हुई थाली प्रेम की हाथो में
अधरो पर मुस्कान सजाकर आई

ह्दय की गगरी से ममता रस छलके
प्रीत डोर के प्यार में एक दूजे में बँधके
हरदम दूर रहे बहन- भाई की विपदाएँ
दुख न हो जीवन में सुख के अंकुर फूटे

मस्तक चंदन तिलक लगाकर
रक्षा का अनमोल वादा पाकर
बहना की ख़ाली झोली भर जाऐ
आओ धूम धाम से हम पर्व मनाएँ.


कविता -2

भाई दूज का पर्व मनाया
रोली अक्षत थाल सजाया
भई बहन का प्यार अमर है
हर कोई यह है जाने- माने
माँ देती खूब दुआएँ
सब की लेती है बलाऐ
भाई छोटा हो या बड़ा
बहन रक्षा का वचन है लेती
जीवन की हर कठिन डगर पर 
साथ कभी न छूटे
जीवन की आपा धापी में
रिश्तों की ये नाव कभी न टूटे
मस्तक तिलक लगाकर
गाऐ प्यार के नगमें
भर कर आँखों में आशाएँ
ममता का रस छलकाए
प्रेम ही प्रेम ह्दय समाये
एक दूजे पर विश्वास अटूट
बहन भाई का प्यार है अटूट
भाईदूज की अनुपम बेला
बहन खुशहाली के दीपजलाये
भाईदूज का पर्व मनाये
रोली अक्षत थाल सजाये.
....
कवयित्री - अलका पाण्डेय
कवयित्री का ईमेल- alkapandey74@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com


2 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (01-11-2019) को "यूं ही झुकते नहीं आसमान" (चर्चा अंक- 3506) " पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित हैं….

    -अनीता लागुरी 'अनु'
    ---

    ReplyDelete
  2. सुन्दर। शुभकामनाएं।

    ReplyDelete

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.