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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Sunday, 13 October 2019

बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा डॉ. कुमार विमल जयंती -सह- कवि गोष्ठी 11.10.2019 को पटना में सम्पन्न

सौंदर्य शास्त्र के महान आचार्य 

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(डॉ. कुमार विमल का जन्म 12.10.1931 को हुआ और 26.11.2011 को उनकी मृत्यु हुई. वे बिहार सरकार के अनेक महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित रहे. उन्हें समालोचना और सौंदर्यशास्त्र अध्ययन हेतु विशेष रूप से सम्मान प्राप्त था. उनकी दो पुस्तकें राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित थीं - "सौंदर्यशास्त्र के तत्व" और "छायावाद का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन". उनके जन्मदिन पर एक गोष्ठी पटना में आयोजित की गई. प्रस्तुत है उसकी रपट.)

डॉ. कुमार विमल सौंदर्य शास्त्र के प्रथम विशेषज्ञ माने जाते हैं। ललित ढंग से सौंदर्य की  शब्दाकृति होती है कविता। एक साथ कई पुस्तकें पढ़ा करते थे वे। समालोचना में, नलिन विलोचन शर्मा के बाद यदि किसी को स्मरण कर सकता हूं, तो वो कुमार विमल हैं। 

अध्यक्ष अनिल सुलभ  के उपरोक्त उद्गार के पश्चात डां एस एन पी सिन्हा ने कहा कि- "वे सौंदर्य शास्त्र के महान आचार्य थे। अपने  समय के वे जीवित साहित्य कोश थे। उनका संपूर्ण जीवन साहित्य और पुस्तकों के साथ जुड़ा रहा

 पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा एस एन पी सिन्हा ने यह भी कहा कि" डां विमल एक विद्वान लेखक ही नहीं, अत्यंत प्रभावकारी वक्ता भी थे।" 

इनके अतिरिक्त डां शिववंश पांडेय ने कहा कि - "कुमार विमल की ख्याति साहित्य संसार में आज भी बनी हुई है। उन्होंने कंई महत्वपूर्ण ग्रथ लिखे हैं। साथ में कल्याणी कुसुम सिंह, प्रो भूपेंद्र कलसी, नागेश्वर प्र यादव और  श्रीकांत सत्यदर्शी ने भी डां कुमार विमल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से सारगर्भित विचार व्यक्त किए। 

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में, डां कुमार विमल की जयंती सह कवि सम्मेलन में अपनी काव्यमय प्रस्तुति देने वाले कवियों में प्रमुख थे - अनिल सुलभ, डां शांति जैन ,बच्चा ठाकुर, इंद्रकांत मिश्र, नृपेन्द्र गुप्त, डां मेहता नागेन्द्र सिंह, सविता मिश्र माधवी, श्रीकांत व्यास, कुंदन आनंद, शुभचन्द्र सिंहा, पुष्पा जमुआर, सीमा रानी, ओम प्रकाश पांडेय प्रकाश, सुनील दूबे, यशोदा शर्मा, जय प्रकाश, धर्मवीर कु शर्मा, रवीन्द्र कुमार, नीरव रामदर्शी, राजकुमार प्रेमी और सिद्धेश्वर। 

गोष्ठी का संचालन योगेन्द्र प्रसाद मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन किया कृष्ण रंजन सिंह।
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आलेख - सिद्धेश्वर
छायाचित्र - सिद्धेश्वर
लेखक का ईमेल - sidheshwarpoet.art@gmail.com
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