शोक में दोहे
22 वर्षीय श्रेष्ठ दोहाकार ग़ज़लकार अमन चांदपुरी के असामयिक निधन पर कविता
कवि - हरि नारायण सिंह 'हरि'
अमन चाँदपुरी (जन्म 25 नवम्बर 1997 – निधन 10 अक्टूबर 2019)
(बिहारी धमाका / बेजोड़ इंडिया ब्लॉग की ओर से
अत्यंत अल्प आयु के एक अति प्रतिभाशाली कवि के निधन पर हार्दिक शोक)
अमन शांति की खोज में, गया स्वर्ग के द्वार ।
यहाँ निरंतर रो रही, कविता जार-बेजार ।
ऐसे निष्ठुर क्यों बने, अमन! गये क्यों भाग ।
यहाँ अभागा रो रहा, सुबुक-सुबुक अनुराग ।
सबके प्रिय तुम थे बने, सबके जिगरी यार ।
अमन! तुम्हारे बिन यहाँ, फीके सब त्योहार ।
यद्यपि परिचय था नहीं, भले बहुत थे दूर ।
तुमको रचता देख-सुन, मैं भी था मगरूर ।
दोहा मंथन में अमन हम हैं तेरे साथ ।
इतनी जल्दी चल दिये, अरे, छुड़ाकर हाथ !
राहुल रो-रो कह रहा, कहाँ गये तुम यार ।
फैजाबादी हरि सुबक, करता दुख इजहार ।
खेरवार तो दुःख से हुआ कि ऐसा मौन ।
उसे मनाये किस तरह, और मनाये कौन ।
गरिमा और सुमित्र हरि, करुण और कवि अन्य ।
सभी शोक विह्वल अमन! तुम थे प्रिय अनन्य ।
वश में रही न 'भावना', आँखों में है लोर।
अमन! हाय!क्यों चल दिये, इतनी जल्दी छोड़ ।
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कवि - हरि नारायणसिंह 'हरि'
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शोक संतप्त कवि - हरिनारायण सिंह 'हरि' |
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बिहार के कुछ कवियों के साथ अमन चांदपुरी |
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बिहार के कवियों के साथ अमन चांदपुरी |
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