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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Tuesday, 2 July 2019

आगमन और भा.यु.सा.प.के संयुक्त तत्वावधान में पटना में 29.6.2019 को आयोजित कवि गोष्ठी सम्पन्न

जो तेरा है खुदा वही तो मेरा 'राम' है

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पटना ।साहित्यिक संस्था आगमन (पटना) और भारतीय युवा साहित्यकार परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित काव्य संध्या की अध्यक्षता करते हुए जाने-माने साहित्यकार और प्रख्यात चित्रकार सिद्धेश्वर ने कहा कि -" कविता हृदय से निकली हुई शब्दों की अभिव्यक्ति है।"

उन्होंने कविता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि-" कविता की खाशियत, इनकी सादगी और सरलता में है, जो किसी कवि की कठिन उपलब्धि है। सिर्फ मात्राओं का जोड़-घटाव करनेवाले की ऐसे कवि हैं जो कविता का ढांचा तो  तैयार करलेते हैं लेकिन , उसमें प्राण तत्व नहीं डाल पाते!" 

पटना के एसकेपुरी के खुले मैदान में दिनांक 29.6.2019  को आम जन के बीच  इस कवि गोष्ठी का संचालन करते हुए  वीणाश्री हेम्ब्रम ने  क्ई शेर प्रस्तुत किया -
" जुंबा पर दर्द और जेहन में, कोई ख्याल न रहे
क्यों, कब, कैसे, किसने जैसा कोई सवाल न रहे। "

काव्य पाठ की शुरुआत नेहा नूपुर जी की समकालीन कविता से हुई। 

कवि मधुरेश नारायण जी की सुरीली कविताओं ने  पार्क में टहल रहे राहगीरों के कदम रोक लिए -
"शाम की तन्हाईयों में, तुम चले आओ 
जाओ कहीं भी दूर मगर, लौट के आ जाओ!

शायर  शुभचन्द्र सिन्हा जी ने कहा -
"यहां मिलना-जुलना तो रिवायत है
 जरूरी नहीं कि दिल ही मिला रहे।" 

मो. नसीम  अख्तर ने अपने अलग अंदाज में गजल प्रस्तुत की -
"फूल गुलशन में महकते कम हैं
अब परिंदे भी चहकते कम हैं!" 

कवि सिद्धेश्वर ने की शेर पेश कर खूब वाह-वाही लूटी- 
"देना-लेना तो खुदा का काम है
दुनिया में बेवजह बदनाम मेरा नाम है!
वही लौटाया है मैंने जो मुझे मिला 
जो तेरा है खुदा वही तो मेरा राम है!"

युवा कवयित्री रश्मि अभय का अंदाज-ए-बयां ही कुछ अलग था-
"उसके सजदे में जो सर झुकाया मैंने, 
वो खुद को खूदा समझ बैठे, 
जर्रा समझा मुझको जमीं का,
और खुद को आस्मां समझ बैठे!"

 नवोदित कवि अमर नाथ दूबे -
"कितनी रहस्यमयी है ज़िंदगी" तथा श्रीमती मीना कुमारी ने "आगमन से मेरा मन हुआ गुलजार" जैसी एक से बढ़कर एक कविताओं से खुशनुमा माहौल बनाया। 

काव्य संध्या का समापन, मो नसीम अख्तर के धन्यावाद ज्ञापन के साथ हुआ।  
......

आलेख - बीना गुप्ता
छायाचित्र - वीणाश्री हेम्ब्रम / सिद्धेश्वर
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com




   







 











2 comments:

  1. सभी कवि मित्रों को हार्दिक बधाई।

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