**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Tuesday 19 November 2019

लेख्य मंजूषा द्वारा लघुकथा एवं काव्यपाठ का आयोजन 17.11.2019 को पटना पुस्तक मेला में संपन्न

 उनको तो बिरयानी मिलती / मुफ़लिस तेरा मुक़द्दर पानी 
लघुकथा पाठ में बच्चे भी शामिल 

(मुख्य पेज पर जाइये- bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटे पर देखते रहें - FB+ Today )



अभिव्यक्ति का कोमलतम माध्यम काव्य है तो सबसे तीक्ष्ण माध्यम है लघुकथा । कविता हवा में लहराते हुए आती है और पाठकों को हौले से अपने आगोश में ले लेती है वहीँ लघुकथा सीधा हमला करती है और कोई मुरव्वत नहीं करती।

17 नवम्बर 2019 पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के राष्ट्रीय पुस्तक मेला में लेख्य मंजूषा द्वारा लघुकथा एवं काव्यपाठ का सुंदर आयोजन किया गया जिसने मंच पर उपस्थित अतिथियों श्रोताओं, साहित्यकारों तथा पुस्तक प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच के अध्यक्ष डॉ. सतीशराज पुष्करणा ने किया ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ अनीता राकेश के साथ डॉ. विरेंद्र भारद्वाज की उपस्थिति में लेख्य मंजूषा के सदस्यों के अलावा किलकारी के बच्चों ने भी अपनी लघुकथा का पाठ कर आने वाले समय में हिंदी साहित्य तथा लघुकथा के सुंदर भविष्य का प्रदर्शन किया ।

इसमें रवि श्रीवास्तव,  संजय कुमार 'संज',  सुबोध कुमार सिन्हा, मो. नसीम अख्तर, अमृता सिन्हा, डॉ. कल्याणी कुसुम सिंह, पूनम कतरियार , मीनाक्षी सिंह, डॉ. प्रो. सुधा सिन्हा, सीमा रानी, प्रियंका श्रीवास्तव, राजकांता राज तथा रीता सिंह ने अलग-अलग विषयों पर पाठ किया।

लघुकथा पाठ के पश्चात काव्यपाठ में जिन्होंने अपनी रचना सुनाई उनमें प्रमुख रहे कवि संजय कुमार संज, गज़लकार सुनील कुमार, मो. नसीम अख्तर तथा सुबोध कुमार सिन्हा ।

सिद्धेश्वर प्रसाद की लघुकथा का शीर्षक था - "एक बेटे की कीमत".

श्रीमती कतरियार की लघुकथा का शीर्षक था - "अमर शहीद".

संजय कुमार ने पिछली बरसात में अप्रत्याशित मूसलाधार बारिश से मची तबाही का मंज़र रखा -
शहर बना समंदर पानी
कैसा था वो मंज़र पानी
उनको तो बिरयानी मिलती
मुफ़लिस तेरा मुक़द्दर पानी
उनकी हीं आंखों से उतरा
बेशर्मी बेगैरत पानी
पीने को नहीं मिलता पानी
सड़कों पे भर-भरकर पानी
प्रकृति से ही छेड़छाड़ का
है परिणाम भयंकर पानी

इस अवसर पर लघुकथा संग्रह "मुट्ठी में आकाश सृष्टि में प्रकाश" का लोकार्पण भी किया गया जिसका संपादन विभा रानी श्रीवास्तव ने किया है। लघुकथा का पाठ करनेवाले सभी साहित्यकारों को डॉ. सतीशराज पुष्करणा द्वारा "लघुकथा का सौन्दर्य" उपहार स्वरूप दिया गया.

इस अवसर पर डॉ. आलोक चोपड़ा, डॉ सविता सिंह नेपाली, कवि सिद्धेश्वर, कुमार गौरव , मृणाल आशुतोष, वीणाश्री  हेंब्रम के साथ अनेक श्रोता गण मौजूद रहे तथा कार्यक्रम का आनंद लिया।

मंच का संचालन अध्यक्ष विभा रानी श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन रवि श्रीवास्तव ने किया।
....................
प्रस्तुति - बेजोड़ इंडिया ब्यूरो
मूल आलेख - संजय कुमार 'संज' / रवि श्रीवास्तव
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com





  









5 comments:

  1. वाह बहुत सुंदर। धन्यवाद जी

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया.आपने मेरी रचना-पंक्तियों को स्थान दिया, हार्दिक धन्यवाद एवं आभार.
    पूनम (कतरियार)

    ReplyDelete
    Replies
    1. महोदया, मुझे जानकारी मिली है कि आपने उस दिन कविता पाठ नहीं किया था. अतः इस रपट के लिए आपको कविता नहीं भेजनी चाहिए थी.

      Delete
  3. 16 नवंबर को हुए काव्यपाठ में मैंने कविता पढ़ी थी.

    ReplyDelete
  4. आपके वॉल पर तिथि का कोई जिक्र नहीं है,तो मैंने कविता की पंक्तियां भेज दी.

    ReplyDelete

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.