भोजपुरी और हिंदी साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने 'सँझवत' के आकर्षक आवरण पृष्ठ की जमकर प्रशंसा करते हुए उसमें प्रकाशित सामग्री की स्तरीयता और उपादेयता पर प्रसन्नता व्यक्त की। श्री द्विवेदी ने भरपूर खुशी और विश्वास के साथ कहा कि डॉ. विमल के संपादन में यह पत्रिका निस्संदेह भोजपुरी भाषा के मानकत्व तथा साहित्य को एक विशिष्ट ऊँचाई प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि विभिन्न गद्य विधाओं के लिए विषय देकर और काव्य के क्षेत्र में विशिष्ट छंदों में लेखन कराकर नई पीढ़ी की ऊर्जा को भोजपुरी लेखन के लिए प्रेरित किया जा सकता है। संपादक नए लेखकों को यह भरोसा दिला पाएँ कि उनकी रचनाओं को संशोधित कर बेहतर रूप दिया जा सकता है तो वे युवा रचनाकारों की एक अच्छी टीम तैयार कर सकते हैं।
पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल ने 'सँझवत' में प्रकाशित सामग्री का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह प्रवेशांक वास्तव में पत्रिका का अनंतिम रूप नहीं है, वरन् मूल्यवान सुझावों के आलोक में अगले कुछ अंकों के बाद ही इसके रूप की सुनिश्चितता स्पष्ट हो पाएगी।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे नई पीढ़ी के रचनाकारों की टीम तैयार करने और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए जितना भी संभव हो पाएगा, प्रयत्न करते रहेंगे। वे जहाँ 'सँझवत' को मुख्य रूप से शोध और समीक्षा की पत्रिका के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, वहीं साहित्य की हर विधा में लेखन हेतु उसे एक मानक और प्रेरक मंच भी बनाना चाहते हैं।
जय हो । बधाई आ शुभकामना । एक नजर हेनियो - www.cartoondhun.com
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteबिल्कुल। समय-समय हम कार्टूनधुन डॉटकाॅम देखत रहींले।
धन्यवाद चित्रांगन जी. जी www.cartoondhun.com को भी अवश्य देखा जाएगा.
Deleteप्रस्तुत आलेख के लेखक के आग्रह पर इसके शीर्षक और लेख में "जुललई-सितम्बर 2019" के स्थान पर "अप्रैल-जून 2019" किया गया है. पूर्व में प्राप्त मूल सामग्री में ही त्रुटि थी. इस त्रुटि हेतु हमें खेद है.
ReplyDeleteI love भोजपुरी
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