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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Tuesday 28 May 2019

खगड़िया में हिन्दी भाषा साहित्य परिषद् खगडिया के द्वारा 26:05:2019 कवि सम्मेलन सम्पन्न

नये ज़ज़्बात गिरते हौसलों में बो रहे हैं / है छोटी आँख फिर भी, लाख सपने ढो रहे हैं 




बिहार वह राज्य है जहाँ विश्व का पहला गणराज्य बना, जैन तीर्थंकर महावीर ने जन्म लिया, भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया, कालिदास और विद्यापति ने जन्म लिया। यहाँ के   कोने-कोने में संस्कृति की अजस्र धार बहती है। खगडिया अंगिका भाषा का एक प्रमुख केंद्र है. यहाँ अक्सर कैलाश झा किंकर की उपस्थिति में बहुत गर्मजोशी से कवि-गोष्ठियों का आयोजन होता रहता है.

26:05:2019 की शाम 07:00 बजे से श्री दुर्गास्थान, हरिपुर, अलौली, खगड़िया में कवि सम्मेलन का आयोजन हिन्दी भाषा साहित्य परिषद् खगड़िया के द्वारा अवधेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।  कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कवि/ ग़जलकार घनश्याम (पटना) मंचस्थ थे। विशिष्ट अतिथि के रूप मे डा0, अंजनी कुमार सुमन, व्याख्याता, महाबोधि बी एड कालेज नालंदा , डा0 सिद्धेश्वर काश्यप, हिन्दी विभाग, भूपेन्द्र नारायण विश्व विद्यालय मधेपुरा एवम् बिनोद कुमार हँसौड़ा, अध्यक्ष अर्णव कलश बिहार उपस्थित थे। राष्ट्र को समर्पित इस कवि सम्मेलन के उद्घाटन कर्ता थे सुभाष चन्द्र जोशी, संयोजक  , जिला संघर्ष मोर्चा,खगड़िया ।

श्रीदुर्गास्थान हरिपुर से इस कार्यक्रम में महासचिव कैलाश झा किंकर ने प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को अलौली प्रखंड में कविसम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की। गाँवों को सजाने -सँवारने वाले महान स्मृति शेष के नाम से सम्मान जारी करने और वर्ष के अंत में उन महान विभूतियों के जीवन परिचय पर आधारित पुस्तक प्रकाशन करके अपनी पीढ़ियों को प्रेरित करने का संकल्प भी लिया गया। 

प्रथम कड़ी में आज जिन नामित सम्मानों को जारी किया गया ,वे हैं- यमुना प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, शहीद दामोदर झा स्मृति सम्मान, शहीद राम प्रकाश सोनी स्मृति सम्मान, संतमती सावित्री देवी स्मृति सम्मान, रामरक्षी प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान,यमुना ठाकुर स्मृति सम्मान, गंगा प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, उधो प्रसाद केशरी स्मृति सम्मान, बखोरी प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, महावीर प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान, भजन पासवान स्मृति सम्मान, रामोतार शर्मा स्मृति सम्मान, त्रिवेणी प्रसाद भगत स्मृति सम्मान, राम बहादुर सिंह स्मृति सम्मान ।

सभी उपस्थित कवियों को ग्राम पंचायत राज हरिपुर के मुखिया अरुण कुमार सिंह ने अंगवस्त्रादि से अलंकृत करके उपरोक्त स्मृति सम्मान से सम्मानित किया ।

कवि सम्मेलन की शुरुआत स्थानीय कवि कैलाश झा किंकर की सरस्वती-वन्दना से हुई

मुख्य अतिथि घनश्याम ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
अमन का जिस्म जब चोट खाकर क्रुद्ध होता है,
तो जीवन-मौत का जमकर भयंकर युद्ध होता है।

मंच संचालन कर रहे शिवकुमार सुमन ने कहा-
नफरतों का दौर है कुछ प्यार लिखना चाहिए, 
खत कभी महबूब को इक बार लिखना चाहिए।

अवधेश्वर प्रसाद सिंह ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
कर इरादा चल पड़े तो पत्थरें भी कण में हों,
मोड़ देंगे हम हवा को हौसला गर मन में हो।

कैलाश झा किंकर ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
अमर प्रेम वसुधे,
मुझे भी मिले तो,
शहीदों के शव पर,
वतन फिर खिले तो,
अभी आ रहा हूँ,

बिनोद कुमार हँसौड़ा ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
ढूँढ़ता हूँ ऐसे नौजवान को, 
हो वतन से प्यार उस इन्सान को,
हों विवेकानन्द और सुभाष-सा,
स्वर्ग जो बनाए हिन्दुस्तान को

डा0 अंजनी कुमार सुमन ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
नये ज़ज़्बात गिरते हौसलों में बो रहे हैं,
है छोटी आँख फिर भी, लाख सपने ढो रहे हैं।

डा0 सिद्धेश्वर काश्यप ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
आप खुद पे यकीं कीजिए, ज़िन्दगी आशिकी कीजिए, 
हर क़दम है ज़हर आजकल, ये सदी विषपगी कीजिए।

सुखनन्दन पासवान ने शिक्षा गीत,बाल विवाह गीत और शराब बन्दी पर अपनी रचनाएँ सुनाकर वाहवाही लूटी तो स्थानीय नवोदित कवि नीतीश कुमार ने अपनी युवा दृष्टि को निष्पक्ष करने की बात कहते हुए कई कविताएं सुनाई।

संयुक्त सचिव विकास कुमार ने ऐसे आयोजन की शुरुआत अलौली प्रखंड से करने के लिए परिषद् का आभार प्रकट किया।

उद्घाटन कर्ता सुभाष चन्द्र जोशी ने कहा कि जहाँ साहित्यिक और सांस्कृतिक समारोह होते रहते हैं, वहाँ अपराध नहीं होता। खुशी है कि हरिपुर गाँव इस मामले में बड़ा धनी है जहाँ विन्ध्येश्वरी प्रसाद वर्मा, कैलाश झा किंकर, राजेश कुमार राही, शंकरानन्द, सुमन शेखर डोंगरियाल, रामदेव प्रसाद शर्मा और नीतीश कुमार जैसे साहित्यकार मौजूद हैं। वहीं उदय कुमार सिंह, अंजनी कुमार शर्मा, संजय कुमार, अरविंद कुमार सिंह, लाल बहादुर मिश्रा, राजीव कुमार झा सरीखे दर्जनों  विभूतियां सांस्कृतिक विरासत को सँभाले हुए हैं। अवकाश प्राप्त शिक्षक और विद्यालय बाल विकास केन्द्र हरिपुर की संस्थापना करके निजी विद्यालय की दिशा में प्रथम पहल करने वाले श्रीनारायण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अध्यक्ष के आदेश से देर रात तक चले इस कवि सम्मेलन के समापन की घोषणा की।
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आलेख-  कैलाश झा किंकर
छायाचित्र सौजन्य - कैलाश झा किंकर
लेखक का ईमेल - kailashjhakinkar@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु वैकल्पिक ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com
लेखक का परिचय- श्री किंकर, हिन्दी भाषा साहित्य परिषद् खगड़िया, बिहार के महासचिव हैं और अत्यंत सक्रिया हिंदी एवं अंगिका के कवि हैं.

















5 comments:

  1. इस शानदार कविसम्मेलन की सफलता के लिए हार्दिक बधाई मान्यवर!

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  2. बहुत ही सुंदर शब्द चित्रण।

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  3. बेहतरीन रिपोर्टिंग।

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  4. हार्दिक बधाई

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