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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Monday 27 May 2019

मेरा सफर और युवा साहित्य मंच द्वारा ओपन माइक का आयोजन 26-05-2019 को पटना में सम्पन्न

जमाने को हँसाया है,  बना जब भी  यहां जोकर


युवावर्ग ऊर्जा से लबालब भरा होता है। उसके प्रकटीकरण के दो रास्ते हो सकते हैं- विध्वंशात्मक या रचनात्मक। इस वर्ग की आवेगमयी ऊर्जा को विध्वंश के रास्ते पर ढलकने की बजाय रचनाशीलता की राह में मोड़ना आवश्यक होता है।  इस लिहाज से देश के विभिन्न शहरों में चल रहे ओपेन माइक कार्यक्रम का यह आधुनिक दौर महत्वपूर्ण है। इस दौर में वे लोग भी कविता और शायरी की ओर उन्मुख हो रहे हैं जिन्हें पहले हँसी-विनोद और उद्देश्यहीन रोमांच से फुरसत ही न थी।

दिनांक 26.5.2019 रविवार को मंगल तालाब पटना सिटी स्थित हितैषी पुस्तकालय में साहित्यिक संस्था "मेरा सफर" एवम "युवा साहित्य मंच" के संयुक्त  तत्वाधान में ओपन माइक का आयोजन किया गया।   'मेरा सफर" की संस्थापक कुमारी स्मृति एवम युवा साहित्य मंच  के संस्थापक राहुल वर्मा अश्क़ हरियाणा  ने बताया कि संस्था का उद्दयेश्य युवा वर्ग को साहित्य से जोड़ना, उनकी प्रतिभा को निखारना और उन्हें मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे मशहूर शायर मो. नसीम अख़्तर और विशिष्ट अतिथि के रूप में कवि सिद्धेश्वर। प्रतिभागियों में मुख्य रूप से डॉ. सुधा सिन्हा, शुभचन्द्र सिन्हा, सोनू कुमार मिश्रा, साकेत पाठक, जय श्री, अमित कुमार आज़ाद, गौरव सिन्हा, मनीष राही, मधु रानी, अर्चना सिंह, विष्णु विशाल, दिनेश राय, अंजनी भगत, शाइस्ता अंजुम, प्रभात कुमार धवन इत्यादि थे।

सब ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओंका मन मोह लिया। कार्यक्रम की समाप्ति से पहले अतिथियों को स्मृतिचिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

मो. नसीम अख़्तर ने ये शेर पढ़ा ..
मैं चला अपना घर जलाने को,
रोशनी चाहिए ज़माने को ।

राहुल वर्मा अश्क़ की पंक्ति कुछ यूं थी-
जमाने को हँसाया है,
बना जब भी  यहां जोकर
ख़ुशी को आज़माया है
बुराई में लगी ठोकर ।

कुमारी स्मृति ने एक खास रोमांटिक अंदाज में अपनी ग़ज़ल से सभी का मन मोह लिया -
तिश्नगी रात भर,
हमनशीं रात भर।

इसके अतिरिक्त गौरव सिन्हा और जय श्री एवम कॉमेडियन साकेत पाठक ने भी खूब तालियां बटोरी। इस तरह से हँसी-खुशी के माहौल में यह कार्यक्रम समाप्त हुआ. 
......

आलेख - मो. नसीम अख्तर
छायाचित्र - कुमारी स्मृति
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com









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