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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Monday, 22 May 2017

'नदी का पानी' नामक पटना में मंचित नाटक के कुछ छायाचित्र (Some pics related to'Water of River'- a play staged in Patna)

The effort of Boogey Woogey Academy should be encouraged. The play was directed by Niraj Kumar and the writer of the play is Chaturbhuj, the maestro of Historical plays. Venue was Kalidas Rangalaya, Patna and date of presentation was 18.5.2017. 
The king wants to snatch the right of common public on the water of the river. The queen is against this idea. A fight ensues. The dialogue of a commander touched the hearts of everyone when he requests the soldier from his enemy to kill him. That soldier has a great respect for this commander from opposite side though he discharges his duty by striking and killing the enemy's commander though very unwillingly. 
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बूगी वूगी अकादमी के प्रयास को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। यह नाटक नीरज कुमार द्वारा निर्देशित था और इसके लेखक चतुरभुज हैं, जो ऐतिहासिक नाटकों के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रस्तुति का स्थान था कालीदास रंगलाय, पटना और तारीख थी18.5.2017।
राजा नदी के पानी पर आम जनता के अधिकार को छीनना चाहता है। रानी इस विचार के खिलाफ है। दो सेनाओं में इस वास्ते एक लड़ाई छिड़ जाती है एक पक्ष के सेनापति के उस संवाद ने हर किसी के दिलों को छुआ, जब वह शत्रु के एक सैनिक से स्वयं को मारने के लिए अनुरोध करता है। उस सिपाही के मन में यद्यपि विपरीत पक्ष से इस सेनापति के प्रति बहुत सम्मान का भाव है, फिर भी वह दुश्मन के कमांडर को  मारने के द्वारा अपने कर्तव्य निर्वहन करता है हालांकि बहुत अनिच्छा से।

 
















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