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Shuns glitter caring about the last listener
You might be surprised to know that The Radio is more concerned than TV about the pronunciation of words and quality of voice. This is so because it is only the voice which connects listeners to Radio. In audio-video medium like TV, there are many spheres of performance. A viewer may like some programs judging them by the look of the presenter and the set and decoration of the stage. Very now than none this kind of fondness might not have any connection with his/her merit.
With supporting radio channels of AIR- Rainbow (MW- 101.6) and Vividh Bharti, Patna at medium wave (MW102.5), Akashwani (AIR, Patna) has assured all listeners from Bihar and outer area about it's high standard of performance.. Had Akashvani, Patna (main channel) wanted it would have preferred it's radio channel at Medium Wave (MW) but the reason why it which desisted from preferring FM to MW is that it knew well the superb reach of MW which is multiple times more than that of those at FM. After all it cares for it's last listener sitting in far-flung area as much as those in metro cities. Bravo to akashvani and it's broad-mindedness!
Akashvani, Patna acts like a savior and motivator of the litterateurs and persons involved in cultural activities in Bihar. It has been able to maintain the high standards of the talks, literary programs, drama, folk music and much more specifically the programs in local languages.
चमक से दूर रहते हुए अन्तिम श्रोता का ध्यान
आपको यह जानकर हैरान हो सकते हैं कि रेडियो शब्दों के उच्चारण और आवाज़ की गुणवत्ता के बारे में टीवी से ज्यादा चिंतित हुआ करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह केवल आवाज है जो श्रोताओं को रेडियो से जोड़ता है जबकि टीवी जैसे ऑडियो-वीडियो माध्यम में, प्रतिभा-प्रदर्शन के अनेक क्षेत्र हैं। दर्शक को व्यक्ति और सेट के आकर्षण में कुछ कार्यक्रम पसंद हो सकते हैं जिसका कि कार्यक्रम की मूल गुणवत्ता से कोई सम्बंध नहीं भी हो सकता है।
आकाशवाणी (मेगावाट - 101.6) के रेडियो चैनलों के साथ और मीडियम वेव (MW- 102.5) आकाशवाणी (ए.आई.आर, पटना) पर और रेनबो और विविध भारती, पटना अपने उच्च स्तर के कार्यक्रमों के प्रसारण के बारे में सब को आश्वस्त करते हैं। आकाशवाणी, पटना ने मिडियम वेव (MW) में अपने रेडियो चैनल को रखना पसंद किया है। आकाशवाणी पटना ने मीडियम वेव.के स्थान पर एफ.एम. पसंद नहीं किया क्योंकि वह मीडियम वेव की लम्बी पहुंच को अच्छी तरह जानता था। उसे मालूम था कि मीडियम वेव की पहुँच एफ.एम. की तुलना में कई गुनी अधिक है। आखिरकार आकाशवाणी दूर-दराज इलाके में रहनेवाले अपने अंतिम श्रोता का भी उतना ही ख्याल रखता है जितना कि मेट्रो सीटी में रहने वाले का। धन्य है आकाशवाणी और इसकि विस्तृत सोच।
आकाशवाणी, पटना बिहार में सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल साहित्यिकों और व्यक्तियों के उद्धारकर्ता और प्रेरक की तरह काम करते हैं। यह वार्ता, साहित्यिक कार्यक्रमों, नाटक और अधिक विशेष रूप से स्थानीय भाषाओं के कार्यक्रमों के उच्च मानकों को बनाए रखने में सक्षम रहा है।
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Dr. Kishore Sinha, Asstt Direcotor (Program)
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Sudhanshu Kumar, PEX |
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Amarnath Prasad Gupta, PEX |
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