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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Thursday 12 September 2019

'मिथिलांगन' द्वारा महान मैथिली कवि मणिपद्म की जयंती पर 8.9.2019 को दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न

मणिपद्म के कृतित्व पर चर्चा, बैशाखनंदन नाटक का मंचन और सुंदरम का गायन

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सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था 'मिथिलांगन' ने इस वर्ष मणिपद्म जयंती देवेश्वरी भवन, आनंद विहार, नज़फ़गढ़, नई दिल्ली में अत्यंत हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाई.

दीप प्रज्जवलन द्वारा इस भव्य कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया. तत्पश्चात सुप्रसिद्ध संगीतकार सुन्दरम, मिथिलांगन मंचकी जानी मानी गायिका राखी के साथ मिथिलांगन के बच्चे-बच्चियों ने साथ मिलकर "जय मिथिलांगन, जय मिथिला" वृंदगान अत्यंत सुरूचिपूर्ण ढंग से गायन किया. सुंदरम और साथियों के गायन से वह स्माँ बंधा कि दर्शक वाह-वाह कर उठे.

मिथिलांगन पत्रिका के संपादक मुकेश द्वारा मणिपद्म के व्यक्तित्व और कृतित्व पर सारगर्भित चर्चा की गई.

अहि अवसर पर विख्यात पत्रकार मानवर्धन कंठ के संचालन में "आजुक परिवेश में युवा वर्गक सामाजिक, साहित्यिक आ सांस्कृतिक दायित्व" विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें लब्ध प्रतिष्ठित विद्वज्जन यथा नूतन कंठ, आलोक कुमार, के.के.चौधरी और रवीन्द्र कलाकार ने अपने विद्वतापूर्ण विचारों से उपस्थित श्रोता खास कर युवाओं को लाभावन्वित किया.

मिथिलांगन रंगमंच के प्रसिद्ध निर्देशक संजय चौधरी, राजेश और सुन्दरम के दमदार निर्देशन से सुसज्जित और मिथिलांगन के बाल कलाकारों विशेषकर बच्चियों के मंझे हुए अभिनय से परिपूर्ण हास्यपूर्ण और शिक्षाप्रद नाटक "बैशाखनंदन" का मंचन किया गया. संस्था के अध्यक्ष कमलेश और कार्यकारी अध्यक्ष अधीर मल्लिक द्वारा सभी कलाकारों और वक्ताओं को मिथिलांगन का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन रविन्द्र ने अत्यंत सहजता से किया. मिथिलांगन के मीडिया प्रभारी शंभू शंकर द्वारा सम्मानीय अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

अल्पाहार के पश्वात इस भव्य कार्यक्रम की पूर्णाहुति हुई। इस संपूर्ण कार्यक्रम में कार्यकारी सचिव निर्भय कुमार की नेतृत्व क्षमता का कुशल प्रदर्शन देखा गया। सरिता, जयानंद, जितेन्द्र, संजीव, नवीन, अरविंद , आभा, अर्चना, विनीता, दयाकांत, नूतन, यश, पीयूष और मिथिलांगन के सभी कार्यकर्ता के योगदान से यह कार्यक्रम अविस्मरणीय बन गया.

इस बार के कार्यक्रम में दो उल्लेखनीय काम हुए - पर्यावरण की रक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार सम्मानित अतिथियों को पुष्प गुच्छ के बदले पौधा देकर सम्मानित किया गया. दूसरा, इस बार का मुख्य आकर्षण था मिथिलांगन की बेटियों का दमदार और उत्साहवर्धक प्रदर्शन। अनन्या मिश्रा, साक्षी मिश्रा, प्राची, प्रेम मिश्रा, सुप्रिया मिश्रा, शिवानी गुप्ता, पीहू और गहना ने अपने दमदार अभिनय से एक नई उम्मीद जगाई है. इस बार का समारोह पूर्ण रूप से मिथिलांगन की बेटियों के नाम रहा। इसका सारा श्रेय संजय चौधरी, सुन्दरम और राजेश कर्ण को जाता है। अंकित चौधरी भी कलाकारों में शामिल थे. 

यश और पीयूष जैसी नव पीढी जिस तरह से आगे आकर दायित्व ग्रहण कर रही है, हमें मिथिलांगन का भविष्य अत्यंत उज्जवल दिखाई देता है. मात्र जरुरत है युवा पीढी को उत्साहित और प्रोत्साहित करने की जिसमें कमी दिख रही है। 
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आलेख - शम्भू शंकर 
छायाचित्र - मिथिलांगन
प्रतिकिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
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