**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Sunday, 24 February 2019

बिहार सरकार मं.स. (रा.भा.) के दो-दिवसीय हिन्दी साहित्य समागम एवं कवि गोष्ठी का प्रथम दिन 23.2.2019 को पटना में

अपनी भाषा से प्रेम करिए लेकिन दूसरी भाषाओं का आदर करिए


बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग के दो-दिवसीय हिन्दी साहित्य समागम एवं कवि गोष्ठी में आज प्रथम दिन 23.2.2019 के आयोजन, ए. एन. सिन्हा इन्स्टीट्यूट ऑफ़ सोशल स्टडीज, गाँधी मैदान, पटना में साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। डॉ. उषा किरण खान, राम कुमार पासवान, हरिहर सिंह, सुशील भारद्वाज, कथाकार विपिन बिहारी और शैलेंद्र कुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे

कार्यक्रम की शुरुआत बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा के उद्घाटन से हुई। राजभाषा निदेशक इम्तियाज अहमद करीमी के स्वागत भाषण के बाद शिक्षा मंत्री का सम्बोधन हुआ। शीघ्र ही मंत्री महोदय के द्वारा राजभाषा पाण्डुलिपि प्रकाशन योजनान्तर्गत चयनित पाण्डुलिपि के रचनाकारों को पुरस्कार वितरित कर दिया गया। श्री वर्मा  उर्दू बहुत अच्छा बोलते हैं। उनके उर्दू शब्दों के उच्चारण कमाल के हैं।

मंच पर सत्य नारायण, अध्यक्ष, हिन्दी प्रगति समिति, बिहार भी मौजूद रहे।

पुरस्कार पानेवालों में बहुत जाने पहचाने साहित्यकार हैं। जिन्हें पुरस्कार मिला उनमें से कुछ हैं-

अरविन्द पासवान : 'मैं रोज लड़ता हूँ' कविता संग्रह
हरिनारायण सिंह हरि - "हुआ कठिन अब सच सच लिखना" गीत संग्रह 
विपिन बिहारी : 'उनसे दूर' कहानी संग्रह
सुशील भारद्वाज : 'जनेऊ' कहानी संग्रह

एक कवि हरिनारायण सिंह हरि ने बताया कि उन्हें रु. 29750/= की राशि इस योजना में मिली। वस्तुतः सभी रचनाकारों की पाण्डुलिपि के पृष्ठों के आधार पर उनके प्रकाशन की राशि के खर्च को ध्यान में रखते हुए ये राशियाँ दी गई हैं।  अरविंद पासवान ने कहा कि उनकी पाण्डुलिपि तैयार करने-कराने और राजभाषा विभाग को प्रेषित करने में डॉ. मुसाफ़िर बैठा जी की खास भूमिका रही। 

उद्घाटन सत्र का प्रतिपाद्य : हिन्दी और हिन्दी समाज

विषय पर बीज वक्तव्य डॉ. बलराम तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना का रहा। अपनी बात शुरु करने से लेकर वे अन्त तक कहते रहे : यह अन्तिम बात कह रहा हूँ। और अन्त-अन्त तक वह बात अन्तिम न हो सकी। हालाँकि इस व्यापक विषय पर उन्होंने जनसरोकार से जोड़ते हुए सरस होकर तकनीकी पक्षों के साथ अकादमिक बातें कीं जो सराहनीय है।

इसी विषय पर अमृतसर से आए हुए डॉ. पाण्डेय शशिभूषण शीतांशु ने अपनी बात रखी।

अध्यक्षता डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, साहित्य अकादमी, तथा संचालन डॉ. पल्लवी विश्वास ने किया।

अध्यक्षीय भाषण में तिवारी जी ने कहा : भाषा कोई हो, वह अपने-आप में पूर्ण है। चाहे उसे सौ या दो सौ लोग बोलते हों।

लगभग सभी वक्ताओं ने कहा : अपनी भाषा से प्रेम करिए, लेकिन दूसरी भाषाओं का आदर करिए।


दूसरे सत्र का विषय था : 'वर्तमान समय में साहित्य की प्रासंगिकता'


अध्यक्षता : डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 
संचालन : भावना शेखर, लेखिका,
विजय प्रकाश, लेखक
वक्ता : डॉ. बलराम तिवारी 
डॉ. रेवती रमण 
डॉ. भगवान सिंह और
बद्री नारायण

प्रख्यात आलोचक श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि "साहित्य के लिए शब्द, शस्त्र बन जाता है। साहित्य शब्द के माध्यम से एक अहिंसक कार्रवाई है। 

विषय पर वक्तव्य से सहमति-असहमति व्यक्त की जा सकती है, पर विचार को खारिज नहीं किया जा सकता। संदर्भों, उदाहरणों और रचनाकरों की रचनाओं का उल्लेख कर वक्ताओं ने साहित्य की प्रासंगिकता को समझाने की कोशिश की।

कार्यक्रम में कई रचनाकरों, संस्कृतिकर्मियों और साहित्य प्रेमियों ने शिरकत की जिनमें विजय प्रकाश, दिलीप कुमार, एम. के. मधु, सिद्धेश्वर ,  बी. एन. विश्वकर्मा, लता प्रासर, भावना शेखर, सिन्धु कुमारी, विशाखा, डॉ. प्रतिभा कुमारी, अनिल लोदिपुरी और राकेश शर्मा आदि भी शामिल थे
....

आलेख - अरविंद पासवान / सिद्धेश्वर / हरिनारायण सिंह हरि
छायाचित्र सौजन्य - अरविन्द पासवान / सिद्धेश्वर / हरिनारायण सिंह हरि
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com

नोट- प्रतिभागी अपने चित्र और वक्तव्य भेजें.














 





    





No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.