साहित्याकारों ने लोकप्रिय गीतों को ऑनलाइन गाकर सबका मनोरंजन किया
दैनिक गोष्ठियोंं की दैनिक शृंखला का समापन
पटना। भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में फेसबुक के "अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका" पेज पर, "हेलो फेसबुक साहित्य प्रभात" के दैनिक कार्यक्रम के तहत, 19/05/2020 को फिल्मी गीत संगीत का रंगारंग कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवि सिद्धेश्वर ने कहा कि - "फूल के लिए रस और सुगंध की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार जीवन को सही मायने में जीने के लिए गीत संगीत की जरूरत है। कहते हैं संगीत के बिना तो जीवन ही अधूरा होता है! संजीदगी भरी जिंदगी जीने वाले लोग बेसुरी आवाज में भी गाते दिख पड़ते हैं कि- "गाना आए या ना आए गाना चाहिए /सुर और संगीत के साथ दिल को मिलाना चाहिए।.
इस समारोह की मुख्य अतिथि वीणाश्री हेम्ब्रम ने कहा कि- "संस्था के संस्थापक अध्यक्ष सिद्धेश्वर को हार्दिक बधाई देते हुए आज गीत संगीत की प्रासंगिकता पर बताना चाहती हूँ कि, संगीत आज से ही नहीं वरन पुरातन काल से ही मनोविनोद का सबसे उत्तम साधन माना गया है। हम गौर करेंगे तो पाएंगे कि प्रकृति के हरेक कण व स्वरूप में संगीत विद्यमान है। आज भी भागम-भाग वाली वर्तमान जीवन शैली में यही संगीत दिनभर के थके हारे मन को एक सुकून प्रदान करता है। विशेषकर इस लॉकडाउन में ये एक सुनहरा अवसर है संगीतप्रेमियों के लिए की वो पूरा समय संगीत साधना व रियाज़ में लगा सकते हैं। संगीत जीवन में प्रेम का संचार करता है इसलिए गाना आये या न आये गाते रहिये, आनंदित रहिये।
इस यादगार आनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ गीतकार मधुरेश नारायण ने कहा कि - "भारतीय युवा साहित्यकार परिषद् और अवसर साहित्य धर्मी पत्रिका के संयुक्त तत्वधान में हैलो फ़ेसबुक साहित्य प्रभात दूारा आयोजित अॉन लाईन फ़िल्मी गीत/संगीत के कार्यक्रम कई मायने में सफल और सराहनीय रहा। साहित्य और संगीत का बहुत गहरा संबंध है।
आज जब हम लाँक डाउन के चौथे चरण में प्रवेश किये है। हरेक इंसान घर में रह कर ऊबने लगा है।ऐसे में इस तरह का कार्यक्रम संजीवनी का काम करता है।आज जितने भी प्रतिभागी इसमें हिस्सा लिये सबने एक से एक बढ कर गाना गाया।यह प्लेटफ़ार्म मनोरंजन को ध्यान में रख कर किया गया है जो सार्थक रहा। मैं सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
पिछले 15 दिनों से हर दिन लगातार 1 घंटे का यह लाइव कार्यक्रम पूरे देश भर में सराहा गया। इस लाइव प्रसारण के संयोजक सिद्धेश्वर ने कहा कि -" हमारे इस ऑनलाइन की बढ़ती हुई लोकप्रियता को देखते हुए, हम सप्ताह के प्रत्येक रविवार को, साहित्य की सभी विधाओं पर केंद्रित ऑनलाइन गोष्ठी जारी रखेंगे। और प्रत्येक माह के अंतिम रविवार" को "हेलो फेसबुक कवि सम्मेलन " का आयोजन करेंगे। हमारा अगला रविवार लघुकथा को समर्पित रहेगा।।
इस कार्यक्रम में जिन कलाकारों और कलाकारों ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति दिया, वह उस प्रकार है। -
आस्था दीपाली (नई दिल्ली)
सुशील साहिल
स्वास्तिका सिद्धेश्
नूतन सिंह (जमुई)
सुमन कुमारी
जुगल आशीष और सुमन 🇧🇩
कुमारी सुमन
वीणाश्री हेम्ब्रम
आरती कुमारी
सिद्धेश्वर
मधुरेश नारायण
.........
प्रस्तुति - सिद्धेश्वर
प्रस्तोता का पता - सिद्धेश सदन", द्वारिकापुरी रोड नं:02,पोस्ट :बीएचसी, हनुमान नगर, कंकड़बाग, पटना:800026
प्रस्तोता का मोबाइल -:92347 60365
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