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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Thursday 14 May 2020

राष्ट्रीय संस्था "महिला काव्य मंच" बिहार प्रांत की मासिक काव्य - गोष्ठी (आभासी) दिनांक 10-5-2020 को संपन्न

जहां गयी आवाज तो देदो

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अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक गोष्ठी आयोजित करने वाली राष्ट्रीय संस्था "महिला काव्य मंच" बिहार प्रांत  की मासिक काव्य - गोष्ठी दिनांक 10-5-2020 को 3 बजे से प्रारंभ हो कर 6 बजे तक बिहार अध्यक्ष डॉ उषा किरण श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, सचिव डॉ सुधा सिंहा सावी , पटना जिलाध्यक्ष डॉ मीना परिहार बेतिया की डॉ शिप्रा मिश्रा, डॉ अणिमा, नूतन सिंहा  डॉ संगीता  आदि कवयित्रियों की उपस्थिति एवंआन लाइन काव्य पाठ  से आयोजन सार्थक हुआ   बिहार के विभिन्न जिलों कीअध्यक्ष एवं सदस्यों ने बढ़ चढ कर भाग लिया! सुखद संयोग कल मातृदिवस रहने के कारण अधिकांश कवयित्रियों के काव्य पाठ की केन्द्र बिंदु माँ ही रही। सबों ने विभिन्न रूपों में "माँ " को अपनी भावनाएँ समर्पित की!अध्यक्ष डॉ उषा किरण जी,उपाध्यक्ष डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव एवं सचिव डॉ सुधा सिंहा सावी की उपस्थिति एवं संगीता जी के कुशल संचालन में सम्पन्न की गई!


पढ़ी गई रचनाओं में से कुछ की झलक प्रस्तुत है - 

अध्यक्ष ऊषा किरण ने माँ  की विविध रूप को दिखाया -
ये मां तुम क्या कहां नहीं हो,
तुम प्रकृति की हरियाली हो
बच्चों के होंठों की लाली  हो

उपाध्यक्ष डॉ. अन्नपूर्णा श्रीवास्तव ने माँ को अप्रतिम भगवान् बताया -
तेरी ममता का प्रतिदान नहीं
तुझ जैसा तो भगवान नहीं
  
सचिव डॉ. सुधा सिन्हा ने अपनी दिवंगत माँ को बुलाना चाहा - 
जहां गयी आवाज तो देदो
अपनी एक झलक दिखला दो,
समझाना मुश्किल आंखों को,
रोक न सकूं अश्रुधार को।

इस कार्यक्रम के आल्योजन में महासचि डॉ. नीलिमा वर्मा की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही.

......
रपट की प्रस्तुति - डॉ. अन्नपूर्णा श्रीवास्तव / डॉ. सुधा सिन्हा
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