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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Saturday, 24 November 2018

मुजफ्फरपुर में लेख्य मजूषा की कवि गोष्ठी 23.11.2018 को सम्पन्न



शुक्रवार 23 नवम्बर 2018 को "लेख्य-मंजूषा साहित्योत्सव" शारदा सदन , शिवशंकर पथ, क्लब रोड, मिठनपुरा, मुजफ्फरपुर में मनाया गया. गद्य-पद्य में कविता , गज़ल , हास्य-व्यंग्य , लघुकथा और कहानियों का पाठ हुआ..

डी. ए. वी. के शिक्षक मिथलेश कुमार मिश्र 'दर्द' ने अपनी कहानी, "देवर के घर सोहर" के संग कविता का भी पाठ सस्वर किया। उनकी कविता में मठाधीशों के विरुद्ध रोष था.

अमीर हमजा ने अपने हास्य-व्यंग्य से श्रोताओं को खिलखिलाने में प्रेरित किया तो गज़ल से आनन्दित.

मौर्य आकाश ने रचना में ही अपना परिचय देते हुए महाविद्यालय का अनुभव बाँट लिया.

डॉ. कुमार विरल ने युवाओं को वरिष्ठ रचनाकारों के लेखन को पढ़ने का सुझाव दिया और कविता का पाठ भी किया.

लेख्य-मंजूषा की अध्यक्ष विभा रानी श्रीवास्तव ने लघुकथा का पाठ किया.

हिन्दी की शिक्षिका अनिता सिंह ने अपनी कहानी "जाई" में संवेदनशील बेटी का चित्र उकेरा जो अपनी माँ के जीवन में निर्णायक माँ की भूमिका अदा करती है तथा कविता में "संस्कृति की ध्वजा उठाये स्त्रियाँ" कार्तिक पूर्णिमा में सारे धर्म कर्म करती और "एक दिन यूँ लौटेंगी लड़कियाँ" सारे जुल्म सहने का अंत अब आ गया है. पँखुरी सिन्हा ने पर्यावरण पर आधारित पक्षियों का कलरव सुनाया.

एजुकेशन इंडिया के निदेशक सुनील सहाय हास्य-कहानियों के संग सुनाया -
लोहे लोहा को काटता है
सोने सोने को काटता है
शीशा शीशा को काटता है
चौराहे पर भाषण दे रहे नेता जी को कुत्ता काट कर चला गया. 

साहित्योत्सव में अध्यक्षता करती पूर्व प्राचार्या नीतीश्वर महाविद्यालय मुजफ्फरपुर अंजना वर्मा पाँच वर्षों से 'चौराहा' पत्रिका का सम्पादन और प्रकाशन कर रही हैं, ने किन्नर का दर्द बाँटती 'कहानी' और माँ की प्रतिच्छाया बिटिया पर कविता का पाठ किया..

विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों से विद्यार्थी और शिक्षक स्वाति , आकांक्षा , कोमल , काजल , दीपांजलि , कशिश , रिया , शिवानी , प्रगति , प्रियंका , अर्पणा , लवली और रश्मि तथा अश्वनी कुमार, सत्यम भारद्वाज , रितिक  कुमार, राजा शिवम , भोला ने भागीदारी की तो अर्चना श्रीवास्तव , अरविंद कुमार , रणधीर श्रीवास्तव ने मेजबानी निभाई.

मंच संचालन अमीर हमजा और धन्यवाद ज्ञापन विभा रानी श्रीवास्तव ने किया.
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आलेख- विभा रानी श्रीवास्तव
छायाचित्र- लेख्य मंजूषा
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी- editorbiharidhamaka@yahoo.com


 






 












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