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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Sunday, 6 January 2019

'संयम' द्वारा आयोजित ललित कला अकादमी, पटना में कलाकृतियों की प्रदर्शनी जारी है

ज्यामितीय प्रतीकात्मक चित्रों ने मोहा सबका दिल 

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'संयम' की ओर से ललित कला अकादमी, पटना की कला दीर्घा में समकालीन कलाकारों की कलाकृतियों की समूह प्रदर्शनी लगाई गई है। 5 जनवरी को प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अंजनी कुमार सिंह और ए. एन. काॅलेज की उप प्राचार्या प्रो. पूर्णिमा शेखर सिंह ने किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिहार संग्रहालय के निदेशक मो. यूसुफ, प्रो. श्याम शर्मा , मो. नसीम अख्तर उपस्थित थे। भारी संख्या में पटना के कला प्रेमी और दर्शक भी देखे गए।

 सुधीर कुमार पंडित की कृतियां भक्तिमय आनंद की अभिव्यक्ति कर रही हैं तो सत्या सार्थ की कृति ज्यामितीय प्रतीकात्मक स्वरुप सुकून दे रहा है।अन्य कलाकारों में अनीता,निशी सिंह ,सुनील कुमार ,रंजीत कृष्ण ,स्मिता पराशर ,संगीता ,रामू कुमार एवं दिनेश कुमार की लगभग 150 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई है। 9 जनवरी तक प्रदर्शनी दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
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आलेख-  मो. नसीम अख्तर
छायाचित्र  सौजन्य  -  मो. नसीम अख्तर
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