वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग, चित्रा मुद्गल, ममता कालिया, शेफालिका वर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये
महादेवी वर्मा की जयंती पर दिनांक 26.3.2019 को बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देश भर की सौ विदुषी महिलाओं का सम्मान बिहार की राजधानी पटना में हुआ। भारत के प्रायः सभी प्रांतों से पहुंची विदुषियों को शताब्दी सम्मान से सम्मानित कर एक इतिहास रचा गया। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का परिसर आधी आबादी से भरा-पूरा था। गोआ की राज्यपाल डॉo मृदुला सिन्हा सम्मेलन के मंच पर इन महिला विदुषियों से मिलकर अभिभूत थी एवं आधी आबादी की उपलब्धि को देखकर गौरवान्वित थी।
यह शताब्दी सम्मान समारोह 11बजे से शुरू हो कर 2 बजे तक चला पुनः भोजनोपरांत 3 बजे से 8 बजे तक राष्ट्रीय कवयित्री सम्मेलन चला। जिसमें देश की प्रमुख जानी-मानी कवयित्रियों ने कविता पाठ किया। गोआ की राज्यपाल ने भी अपनी रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को अभिभूत किया। सम्मान पाने वाली विदुषियों में देश की एक से बढ कर एक चर्चित हस्ती शामिल थी। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, द्वारिका से लेकर पश्चिम बंगाल तक। यहाँ तक कि अंडमान निकोबार एवं पूवोत्तर भारत से भी विदुषियां सम्मान समारोह में शामिल होने आईं थी।
झारखंड एवं बिहार की भी कई विदुषियों को इस सम्मान समारोह शामिल होने का मौका मिला। इनमें वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला गर्ग, चित्रा मुद्गल, ममता कालिया, डॉo शेषा रत्नम, डॉo अहिल्या मिश्र, शान्ति सुमन, शेफालिका वर्मा, डॉo राजलक्ष्मी कृष्णन इत्यादि के साथ बिहार के छोटे से जिला खगड़िया की डॉo विभा माधवी भी शामिल हुई। उत्तराखंड के देहरादून से कुसुम भट्ट एवं बसन्ती मठपाल भी शामिल हुई। यह सम्मान महिलाओं को आसमान की बुलंदियों को छूने के लिए प्रेरित करने की ओर एक सराहनीय कदम है।
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आलेख- विभा माधवी
छायाचित्र सौजन्य - विभा माधवी
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