**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Friday, 19 April 2019

विश्व विरासत दिवस पर इंटैक, पटना संग्रहालय, मैथिली साहित्य संस्थान और अन्य का संयुक्त कार्यक्रम पटना में 18.4.2019 को संपन्न

बिहार की अनेक धरोहरों को विश्व धरोहर का दर्जा मिले



विश्व के इतिहास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान है. यहाँ के अनेक भग्नावशेष प्रागैतिहासिक से लेकर उत्तरोत्तर कालों में मानव की विकास यात्रा के उत्थान और पतन को रेखांकित करते हैं. जहाँ जहानाबाद जिले का बराबर और नागार्जुनी गुफा अत्यंत प्राचीन होने के कारण अमूल्य है वहीं शेरशाह का मकबरा अपने सौंदर्य में ताजमहल को टक्कर देने के लायक है. रोहतासगढ़ का भव्य किला, सप्तपर्णी गुफाएँ और राजगीर की अतिविशाल दिवारें  बिहार और भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की धरोहर है. इन सब को विश्व विरासत का दर्जा मिलना चाहिए.

18.4.2019 को पटना संग्रहालय के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में एक से एक बड़े विद्वान इकट्ठे हुए और बिहार के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतों और अन्य निर्माणों आदि के संरक्षण के बिंदु पर गहन चर्चा का दौर चला. इसमें डॉ. चितरंजन प्रसाद, डॉ. जे.के.लाल, प्रेम शरण, डॉ. विमल तिवारी, डॉ. रत्नेश्वर मिश्र, डॉ. उमेश चंद्र द्विवेदी, विवेकानंद झा, गजानन मिश्र आदि ने अपने विचार व्यक्त किये. सुश्री गार्गी और मनीष ने इस विषय पर छायाचित्र प्रस्तुत किये. 

इस आयोजन में उमेश मिश्र, डॉ. बी.के.कर्ण, दिनेश चंद्र झा, राम सेवक राय, के.के.शर्मा, डॉ. शंकर सुमन, किरण कुमारी, निभा लाल, अरबिंद कुमार, डॉ. इंद्रकांत झा, वीरेंद्र झा, विजय श्रीवास्तव, दीपक ठाकुर, सादिक हुसैन, अमरनाथ झा आदि भी उपस्थित थे.

संस्कृतिविद और इतिहासकार भैरब लाल दास ने स्वागत भाषण किया और धन्यवाद ज्ञापन दरभंगा के संग्रहालय के क्यूरेटर शिव कुमार मिश्र द्वारा क्या गया. 

बिहार की सभ्यता, संस्कृति के प्राचीन संवाहक इन विश्व स्तर के धरोहरों के संरक्षण की चिंता और उस दिशा में प्रयास अत्यंत आवाश्यक है. उस दिशा में किये गए इस संगोष्ठी के प्रयास की सराहना की जानी चाहिए.
........
आलेख- हेमन्त दास 'हिम'
छायाचित्र सौजन्य - शिव कुमार मिश्र
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com







1 comment:

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.