**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Wednesday 25 July 2018

मैथिली के वरिष्ठ आलोचक मोहन भारद्वाज को श्रद्धांजलि

बीति जायत ई राति एहिना कनैत / मुदा अहाँ नहि बीति सकब कहियो

पटना: 24 जुलाई 2018. जन संस्कृति मंच ने मैथिली के वरिष्ठ आलोचक मोहन भारद्वाज के निधन पर शोक संवेदना जाहिर करते हुए कहा है कि उनका निधन भारतीय साहित्य की प्रगतिशील साहित्यिक धारा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। जन संस्कृति मंच के राज्य सचिव सुधीर सुमन और जसम, पटना के संयोजक कवि राजेश कमल ने कहा है कि नागार्जुन और राजकमल चौधरी के बाद की पीढ़ी के जिन प्रमुख साहित्यकारों ने मैथिली साहित्य में आधुनिक-प्रगतिवादी मूल्यों और नजरिये के संघर्ष को जारी रखने की चुनौती कुबूल की थी, मोहन भारद्वाज उनमें से थे। यह संयोग नहीं है कि नागार्जुन और राजकमल चौधरी पर उन्होंने मैथिली आलोचना साहित्य में बेहतरीन काम किया, जिसे हिंदी में भी अनूदित होना चाहिए। नागार्जुन के उपन्यास पर केंद्रित उनकी पुस्तक का नाम ‘बलचनमा : पृष्ठभूमि आ प्रस्थान’ है और राजकमल पर केंद्रित पुुस्तक का नाम ‘कविता राजकमलक’ है। समकालीन साहित्य के साथ-साथ इतिहास और परंपरा पर भी उनकी गहरी नजर थी। उन्होंने मैथिली की बहुत ही पुरानी डाक-वचन की परपंरा पर काम किया और ‘डाक-दृष्टि’ नामक पुस्तक प्रकाशित की।

9 फरवरी 1943 में बिहार के मधुबनी जिले के नवानी गांव में जन्में मोहन भारद्वाज पिछले कुछ दिनों से कोमा में थे। रांची के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वहीं आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
मोहन भारद्वाज

मोहन भारद्वाज ने आरंभिक दौर में कुछ कविताएं भी लिखीं, जो ‘मिथिला मिहिर’ जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने कुछ कहानियां भी लिखीं। लेकिन बाद में उन्होंने सिर्फ आलोचनात्मक साहित्य ही लिखा। ग्रियर्सन के ‘भारत का भाषा सर्वेक्षण’ समेत कई अनुवाद भी किए। मैथिली गद्यक विकास, मैथिलीक प्रसिद्ध कथा, रमानाथ झा रचनावली, समकालीन मैथिली कविता आदि पुस्तकों का उन्होंने संपादन किया। मैथिली के प्रसिद्ध रचनाकार कुलानंद मिश्र के साथ उनके करीबी संबंध थे। उनके निधन के बाद उनकी कविताओं के प्रकाशन में उनकी महत्वपूूर्ण भूूमिका रही। ‘मैथिली आलोचना : वृत्ति आ प्रवृत्ति’ शीर्षक से मैथिली आलोचना पर भी उनकी एक पुस्तक प्रकाशित हुई। आलोचना के अलावा संस्मरण, नाटक, निबंध से संबंधित पुस्तकें भी उन्होंने लिखीं या संपादित कीं, जिनमें ‘अर्थात’, ‘स्मृृति संध्या : भाग- एक और तीन’, ‘किरण नाट्य संग्रह’ आदि प्रमुख हैं। उन्होंने इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए ‘मैथिली गद्य-पद्य संग्रह’ भी तैयार किया था। उन्हें यात्री चेतना पुरस्कार और प्रबोध सम्मान से सम्मानित किया गया था।

मैथिली साहित्य में प्रगतिशील आलोचनात्मक दृष्टि और समाजशास्त्रीय आलोचना की प्रवृत्ति को विकसित और मजबूत करना ही मोहन भारद्वाज जैसे प्रखर आलोचक के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
...............
आलेख- राजेश कमल
लेखक का मोबाइल नम्बर: 9304033554
लेखक का परिचय: राजेश कमल,  जन संस्कृति मंच, पटना के संयोजक हैं.
.......................
शीर्षक में दिया गया मैथिली शेर मोहन भारद्वाज द्वारा रचित है और मैथिली के जाने-माने साहित्यकार अजित आज़ाद के सोशल साइट से लिया गया है. अजित आज़ाद के वाल से ही ऊपर वाला प्रथम चित्र और निम्न जानकारी भी उद्धृत है- 
*पंचतत्व मे विलीन मोहन भारद्वाज*
सीटीओ घाट, धुर्वा, राँची मे अन्तिम संस्कार। सरस जी, कृष्ण मोहन झा मोहन, नरेन्द्र झा, प्रमोद कुमार झा, सीताराम झा सहित अनेक लेखक, अभियानी आ झारखंड सरकारक सचिव स्तरीय अनेक पदाधिकारी एवं परिजन-पुरजन उपस्थित। 
अजित आज़ाद  का लिंक- यहाँ क्लिक कीजिए
राजेश कमल अपने एक मित्र की पुस्तक को दिखाते हुए
राजेश कमल राष्ट्रीय स्तर के वरिष्ठ कवि आलोकधन्वा और अपने एक मित्र के साथ




No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.