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बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Wednesday, 4 October 2017

सांस्कृतिक परिक्रमा अंक 5.10.2017 (Cultural Roundup by Bihari Dhamaka)

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नोट: सांस्कृतिक परिक्रमा में अपने कार्यक्रमों को शामिल करवाने हेतु फोटो और संक्षिप्त विवरण ईमेल  से भेजें जिसके लिए आईडी है - hemantdas_2001@yahoo.com / आप Hemant Das Him के फेसबुक मेसेजबॉक्स में भी सामग्री भेज सकते हैं

पालीगंज।बिहार के चर्चित नाट्य संस्था"एकजूट" एवं रंगमहल पालीगंज के रंगकर्मीयो के द्वारा पालीगंज बाजार में गाॅधी जी के रूप में पैदल मार्च किया गया. गाॅधी जी के रुप में रंगकर्मीयो का काफिला पालीगंज थाना, अस्पताल स्कूल एवं पुरे पालीगंज बाजार में भ्रमण कर लोगों को स्वछता के बारे में बताया और कुड़ा कचरा हमेशा कुड़ेदान में डालने की अपील की। पालीगंज हाई स्कूल के मैदान में अनुमण्डल पदाधिकारी एवं प्रखण्ड पदाधिकारी पालीगंज ने गाॅधी जी को मल्यार्पण कर स्वागत किया और "एकजूट" के रंगकर्मीयो के इस प्रयास को सराहा। उसके बाद ये काफिला पी०एन०के० काॅलेज अछुआ पहूंचा जहां मगही साहित्य सम्मेलन में उपस्थित साहित्यकारो को भी साफ-सफाई की जानकारी दी। कलाकारों में सोनु कुमार (गाॅधी जी), रजनी कान्त कुमार,संजीत,पुजा,प्रिया, अम्बुज, नीतीश, अभिषेक,शशि भूषण, दीपू,वरूणआदि उपस्थित थे।वहीं संस्था के महासचिव अमन कुमार ने बताया कि पटना जिला के गाँव जाकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दहेज प्रथा ओर नशा मुक्ति के बारे मे नाटक इज्ज़त घर की प्रस्तुति करेंगे
 



Hindustan ke vikhyat shayar Sanjay Kumar Kundan ki nayi kitab

Pratibhashali puraskrit yuva kavi Pratyush Chandra Mishra ki nayi pustak

समस्तीपुर, बिहार के नगर भवन में विद्यापति परिषद् के द्वारा विद्यापति पर्व समारोह -2017आयोजित हुआ जिसमें महामहिम केसरी नाथ त्रिपाठी जी की गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चाँद लग गया। 04:10:2017की संध्या में कविगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता डा0 भीमनाथ झा ने की ।मुख्य अतिथि के रूप में डा0 बुद्धि नाथ मिश्र, विशिष्ट अतिथि ईश्वर करुण,कैलाश झा किंकर ,गणेश झा आदि मंचस्थ थे।मंच संचालन अमलेन्दु शेखर पाठक ने किया। कविता पाठ करने वालों में उपरोक्त कवियों के अलावे डा0 अवधेश झा,डा0 एस0एन0 झा,परमान्द झा,विजयव्रत कंठ,डा0गगन देव चौधरी, कल्प कवि,परमान्द प्रभाकर,एवम् राम पुनीत ठाकुर प्रमुख थे। इससे पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम में ममता ठाकुर ने दर्जनों विद्यापति गीत गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मिथिला शारदीय दुर्गा पूजा समिति, इंदर इन्कलेव, किरारी, नई दिल्ली द्वारा २९.०९.२०१७ (नवमी रात्रि) क मिथिलांगन संस्था के मैथिली भाषा लेल २५ बरख स' कएल गेल काज लेल सम्मानित कएल गेल। मंच पर मिथिलांगनक मिडिया सहप्रभारी श्री हृदय नारायण मिश्रा जी सेहो उपस्थित छलाह।

Chandana Datta  of vill. Ranti Madhubani receivng the honour
 

Begusarai

Hindi poet (shayar) Samir Parimal getting honour




लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच द्वारा लाल बहफूर शास्त्री की 113वीं जयन्ती का भव्य आयोजन रविन्द्र भवन, पटना में हुआ। उद्घाटनकर्ता थे त्रिपुरा के भूतपूर्व राज्यपाल डी. एन. सहाय एवं मुख्य अतिथि थे पद्मश्री नरेंद्र प्रसाद। विशिष्ट अतिथि थे - रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ बी बी सिन्हा, वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा, बी एन मंडल विवि के पूर्व कुलपति विश्वनाथ प्र सिन्हा, पटना के ट्रैफिक एस पी पी के दास, दूरदर्शन की उपनिदेशक रत्ना पुरकायस्थ आदि। इस अवसर पर शास्त्री जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं संयोजन किया लाल बहादुर विचार मंच के संयोजक अजय वर्मा ने जबकि संचालन किया राजीव रंजन ने। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले 6 लोगों को सम्मानित किया गया - वी. एन. दास, डॉ. दिवाकर तेजस्वी, कमल नयन श्रीवास्तव, समीर परिमल, नीरज कुमार, राहुल श्रीवास्तव

Doordarshan- Bihar Producer S. P. Singh :दिनांक 06 अक्टूबर 17 को शाम 6 बजे कार्यक्रम 'सरोकार' के अंतर्गत बुजुर्गों की समस्याओं पर आधारित "ढलते सूरज का दर्द" मेरे साथ डी डी बिहार पर।


फुलवारी शरीफ में ",बापू तेरे देश में " 2,अक्टूबर , फ़ुलवारी शरीफ .आज बापू जयंती के शुभ अवसर पर प्रदेश की बहुचर्चित सांस्कृतिक संस्था मंथन कला परिषद् द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद कुमार त्रिपाठी निर्देशित नाटक " बापू तेरे देश में"का मंचन खोजाई इमली मज़ार के पास किया गया l नाटक के माध्यम से यह दिखलाया गया कि दुनिया को मानवता का मार्गदर्शन देने वाले बापू के देश में आज भी उनके आदर्शों की अनदेखी हो रही है l दहेज़,नशा,बाल - विवाह ,भ्रष्टाचार ,स्वचछता आदि से मुक्ति लिए बापू का यह देश आज भी छटपटा रहा है.हम बापू के स्वभाव के विपरीत अपने कर्तव्य से विमुख होते जा रहे हैँ .नाटक जनसमुदाय को बापू के आदर्शों पर चलने को प्रेरित करता है.कलाकरों में अमन कुमार ,भीम कुमार ,राजेश शर्मा , अनिरुद्ध कुमार सिन्हा vऔर विवेक कुमार ने हमेशा की तरह अपने अभिनय से प्रभावित किया .शत्रुध्न सलोना के गीत - संगीत को दर्शकों ने खूब सराहा .उक्तअवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी ज्ञानी प्रसाद के अलावे काफी संख्या में दर्शक मौजूद थें.





Renowned singer Nitu Kumari Navageet


Alok Dhnwa payiing tribute to  the actor Tom Alter

prasiddh lekha Hrishikesh Sulabh karyakram 'Satyagrah' me bolate hue

karyakram Satyagrah, Premchand Rangshala, Patna pic-1




Prof Shiv Narayan (Sampadak - Nai Dhara) sahityakar Aravind Paswan ke sath. Aravind ki paanch kavitayen chhapi hain.
Dr. Shankar Prasad and his fan while new museum in Patna is being inaugurated




Tuesday, 3 October 2017

बलभद्र कल्याण को काव्यपूर्ण श्रद्धांजलि पटना में 01.10.2017 को सम्पन्न

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 हम साधारण जन ही रह गए आप बने बलभद्र

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना और अन्य दशाधिक संस्थाओं के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित साहित्य सारथी बलभद्र कल्याण -श्रद्धांजलि-सभा दिनांक 1 अक्टूबर, 2017 (निधन-18 सितम्बर, 2017) उनके घर के सामने शेखपुरा, बिंद टोली, पटना 800014 में के कतिपय दृश्य। अध्यक्षता-डा. अनिल सुलभ। मंच-संचालन श्री योगेन्द्र प्रसाद मिश्र। गण्य-मान्य उपस्थिति-न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद, स्वामी हरिनारायणानन्द, विधायक-संजीव चौरसिया, डा. शिववंश पाण्डेय, श्री नृपेन्द्रनाथ गुप्त, श्री राजीव कुमार सिंह, डा. तारा सिन्हा, डा. शान्ति ओझा, श्री विजोय प्रकाश, डा. मृदुला प्रकाश, प्रो. बलराम तिवारी, श्री रविनन्दन सिन्हा आदि लगभग सौ से अधिक के हिन्दी, भोजपुरी प्रेमी तथा पुण्यश्लोक कल्याण के सभी सगे-संबंधी।

विशुद्धानन्द ने बलभद्र कल्याण को याद करते हुए अपना एक शेर पढ़ा और कहा कि वे नेकनीयती और आदमीयत के उदाहरण थे-
तुन्द शोलों से भरी बस्ती में साफ नीयत कहीं नहीं मिलती
आदमी तो हजार मिलते हैं, आदमीयत कहीं नहीं मिलती.

गीतकार विजय गुंजन ने निम्न दोहों के माध्यम से अपनी सम्वेदना व्यक्त की-
छन्दों में सिद्धस्त थे कविकुलवर कल्याण
जब तक थे बन कर रहे श्रद्धा के प्रतिमान
चले गए अब छोड़कर अब कहाँ कौन किस देश
कैसे अब साहित्य का होगा नव उन्मेष
नवागन्तुकों में सदा भरते थे उत्साह
प्रोत्साहन दे-दे सदा नई दिखाते राह
गुंजन मन बेचैन है दिल में है अवसाद
छूटा जब सानिध्य तो उठने लगे निनाद
करें ईश से प्रार्थना उन्हें मिले चिर शांति
उनकी आत्मा को नहीं वहाँ कभी हो भ्रांति.
(-विजय गुंजन)

उदय शंकर शर्मा 'कविजी' ने बलभद्र कल्याण की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें इतने बड़े साहित्यकर्मी होने के बावजूद उपेक्षित रहना पड़ा. उनकी मगही में उद्गार थे-
रचलक जे इतिहास देस के, ऊ सब आड़े आड़े हे
जे राही ले राह बनइलक, ऊ सब सड़क किनारे हे

कवि कमलेन्द्र झा 'कमल' ने साहित्य सारथी बलभद्र कल्याण की स्मृति में अपनी कविता पढ़ी जिसकी पंक्तियाँ थीं-
अनमिट रहती वही कहानी जिसका नव उन्मेष
सरोकार सामाजिकता का और व्यक्तित्व अशेष
रचना की भू-वेदी पर जो कलम रात-दिन चलती
अंतर की संवेद भावना शब्दों में है ढलती
उन शब्दों के गहन अर्थ सारा समज गहता है
अमर वही है कलमवीर चप्पा चप्पा कहता है

स्थूल रूप में गए, सूक्ष्मता का हम भार गहेंगे

बिना आपके भावों के हम बिन आधार रहेंगे
अत:बसाएंगे हम प्रियवर अपने हृत्पिंडों में
कविता के एक-एक गवाक्ष में चौखट के खंडों में
क्योंकि आए गए करोड़ों नहीं आप सा अन्य
निर्विवाद रचनाकारों में एक आप मूर्धन्य
गए नहीं हैं कभी हे कविवर रूप सिर्फ बदला है
श्यामल कपड़े छोड़ वस्त्र पहना एक उजला है

भावों के नवपुष्प बना आँसू से भरकर अंजलि

साहित्यिक कुलपुरुष समर्पित है नतसिर श्रद्धांजलि
हम साधारण जन ही रह गए आप बने बलभद्र
कलम आपकी धन्य ये दुनिया करती रहेगी कद्र
धरा-धाम पर साहित्यिक किया खूब कल्याण
अवदानों को देख परंतप करूँ प्रवर सम्मान.
(-कमलेंद्र झा 'कमल')

विंध्याचल प्रसाद गिरि ने भोजपुरी में अपनी रचना पढ़ी-

मारे बिरहा करेजवा में बाण / तू छोड़ के कहाँ गईलS कवि कल्याण
हिन्दी साहित्य के अइसन सेवकवर /   भोजपुरी कविता के शान
सीधा-साधा भोला-भाला / नम्रता के रहलS तू खान
ऊँचा मनोबल हँसमुख चेहरा / रहलS तू सच्चा इंसान
कोमल हृदय में माखन भरल रहे, माथा में भरल रहे ज्ञान.
(‌विंध्याचल प्रसाद 'गिरि')

राजकुमार प्रेमी ने अपनी संवेदना स्वरचित मगही निर्गुण के माध्यम से व्यक्त की जो नीचे पहले चित्र के रूप में प्रस्तुत है-
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इस आलेख के लेखक - योगेंद्र प्रसाद मिश्र एवं हेमन्त दास 'हिम'
फोटोग्राफर - हेमन्त दास 'हिम'
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