कोई तो हो जो कह सके मुझे अपना
साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था आगमन व भारतीय युवा साहित्यकार परिषद पटना की मासिक काव्य संगोष्ठी स्थानीय एस. के. पुरी पार्क में रविवार 31 मार्च 2019को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। विभिन्न विधाओं की शानदार प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। गोष्ठी की अध्यक्षता लोकप्रिय लेखिका आ. पुष्पा जमुआर ने की। आगामी आयोजन की विस्तृत जानकारी मो. नसीम अख़्तर ने दी तथा संस्था की विशेष जानकारी ई. गणेश जी बाग़ी द्वारा दी गई।
संचालन का मौका पुनः वीणाश्री को दिया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन कवि सिद्धेश्वर ने किया। सभी सुधी कवियों आ. कृष्णा सिंह, निलांशु रंजन, समीर परिमल, सुनील कुमार, मधुरेश नारायण, पुष्पा जमुआर, श्रीकांत व्यास, शुभचन्द्र सिन्हा, पूनम सिन्हा श्रेयसी, ई. गणेश जी बागी, मो. नसीम अख़्तर, सिद्धेश्वर जी, शाइस्ता अंजुम, मो. रब्बान अली, अमृता सिन्हा, रवि श्रीवास्तव, प्रीति कुमारी, सुजाता प्रसाद आदि ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं।
पढी गई रचनाओं में से कुछ के अंश निम्नवत हैं-
मेरी खातिर न सही लौट आओ
उस गुलाब की खातिर ही
जिसे लगाया था मैंने
दिसम्बर की एक शाम
(नीलांशु रंजन)
किसी की याद आये बन के एक सपना
कोई हो जो कह सके मुझे अपना
(मधुरेश नारायण)
अब एक खोजने चलो तो हजार मिलेंगे
ठगने के लिए फिर से रोजगार मिलेंगे
(ई. गणेश सिंह बागी)
मैं बेल नहीं जो
ढूंढती फिरूँ सहारा
मैं नारी हूँ
अपना सहारा खुद बनूँगी
(पुष्पा जमुआर)
ख्वाब इन आँखों में जिंदा रहना चाहिए
प्यार का अहसास दिल में धड़कना चाहिए
(सिद्धेश्वर)
वो हमारे कद को घटाने आ गए
हथेलियों से पर्वत हटाने आ गए
(श्रीकांत व्यास)
मैं एक पत्ता हूँ / टूट गया हूँ
दूर हो गया हूँ अपनों से
(-कृष्णा सिंह)
ममता की आँखें / हताशा के रंग
बचती नहीं सम्भावना
(पूनम सिन्हा श्रेय)
यूँ भी तो आराम बहुत है
जीवन में अभी काम बहुत है
(रवि श्रीवास्तव)
तेरी दुनिया में / गैरों सा रहा करता हूँ
किसी से हाथ मिलाने का / मशवरा न दे
(शुभ चंद्र सिन्हा)
छोटा सा एक पल किस्सा बन गया
न जाने कौन कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन गया
(शाईस्ता अंजुम)
मर्द की ऊंची आवाज चुप करा देती है
लेकिन औरत की खामोशी
मर्द की बुनियाद
हिला देती है
(डॉ. ख्वाब अली)
नाराज हो क्या तुम मेरी बातों से
नींदों ने रास्ता देखा रात भर
(अमृता सिन्हा)
हम नशेमन नया फिर बनाने चले हैं
लोग आंधी और तूफाँ उठाने चले हैं
(मो. नसीम अख्तर)
...
आलेख- वीणाश्री हैम्ब्रम
छायाचित्र - सिद्धेश्वर
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodinddia@yahoo.com
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सभी सुधिजनों का हार्दिक आभार!
ReplyDeleteआपको भी बधाई इस सफल आयोजन के लिए.
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