लाल दास का सम्पूर्ण साहित्य स्त्री-केन्द्रित

दिनांक 9.2.2025 को पटना के विद्यापति भवन में महाकवि लाल दास की जयंती चेतना समिति के तत्वावधान में संपन्न हुई जिनमें अनेक साहित्यानुरागी लोगों के साथ उनके परिजन भी उपस्थित थे। इसमें मुख्य वक्ता थे रमानंद झा रमण। इस अवसर पर रमानंद झा रमण द्वारा संपादित महाकवि लाल दास रचनावली भाग-दो का लोकार्पण किया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रेमलता मिश्र ने की।
श्री रमण ने अपने व्याख्यान में कहा कि महाकवि लाल दास का सम्पूर्ण साहित्य शक्ति-केन्द्रित अर्थात् स्त्री-केन्द्रित है। उनका समस्त साहित्य शास्त्रों और पुराणों के अध्ययन से प्राप्त ज्ञान, कहानियों, पात्रों और छवियों पर आधारित है। उनकी गद्य रचना ‘स्त्री-धर्म-शिक्षा या पतिव्रताचार’ अचर्चित है। उनके द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक संदर्भ और कहानी शास्त्रों और पुराणों के उद्धरणों से पुष्ट होती है।
लाल दास के पौत्र मनहर गोपाल , भवनाथ झा, विजय कुमार मिश्र, निशा मदन झा , मदन पाठक, अम्बरीश कान्त, वैद्यनाथ मिश्र, अशोक कुमार आदि शामिल थे।
मिथिला संस्कृति के प्रसिद्ध विद्वान् भैरब लाल दास का संक्षिप्त भाषण भी हुआ। उन्होंने महाकवि लाल दास रचित मिथिला रामायण में समाविष्ट "पुष्कर काण्ड" की चर्चा की जिसमें स्त्री अवहेलना का विस्तृत विवरण है।
वक्ताओं ने लाल दास द्वारा पुरुष की बजाय स्त्री की भूमिका पर बल देने की भूरि भूरि प्रशंसा की। तमाम आपदाओं को झेलते हुए भी सीता ने जिस तरह से अपने पुत्रों को वन में शिक्षा दिलवाकर वीर योद्धा के रूप में तैयार किया इसकी भी चर्चा हुई।
वक्ताओं ने कविवर लाल दास के वंशजों की प्रशंसा की जिन्होंने उनकी पांडुलिपियों को सैकड़ों वर्ष से संभाल कर रखा है। ध्यातव्य है कि पुस्तक का प्रकाशन महाकवि लाल दास स्मृति न्यास, खड़ौआ, मधुबनी ने किया है जिसे आदित्य पब्लिकेशन, पटना-1 के द्वारा मुद्रित किया गया है।
इस अवसर पर सभागार में पंडित लाल दास के पौत्र, प्रपौत्र के साथ भी उपस्थित थे। अन्य उपस्थित लोगों में राजेश चौधरी, फ़कीर मुहम्मद, हेमन्त दास 'हिम' आदि भी शामिल थे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता मंजू झा ने किया।
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रपट - हेमन्त दास 'हिम'
प्रतिक्रया हेतु ईमेल आईडी- hemantdas2001@gmail.com
(मुख्य चित्र साभार - रमानंद झा रमण जी के एफ बी वाल से)
(नोट - कार्यक्रम के साफ़ चित्र रपट में जोड़ने के लिए ऊपर दिए गए ईमेल आईडी पर भेजें.)













CMA Basant Das की टिप्पणी :-
ReplyDeleteमहाकवि पंडित लाल दास जी के जयंती समारोह का जीवंत रपट पढ़कर एवं इसमे दिये गए चित्रों को देखकर अत्यधिक प्रसन्नता हुई।
इस प्रकार के कार्यक्रमों से अपनी भाषा, संस्कृति एवं महान साहित्यकारों के बारे मे नई पीढ़ी को अवगत करना बहुत ही आसान एवं प्रभावी रहता है।
विस्तृत रपट के लिए हार्दिक साधुवाद।
सीएमए (श्री) बसंत दास जी को उनकी सुन्दर प्रतिक्रया हेतु बहुत आभार.
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