**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Saturday, 10 October 2020

राइजिंग बिहार" के द्वारा 3.10.2020 को ऑनलाइन कवि गोष्ठी सम्पन्न

फैक्ट्री आबाद उन्हीं दीन लोगों से !
 
(मुख्य पेज - bejodindia.in / हर 12 घंटों पर देखें- FB+ Bejod India /  यहाँ कमेंट कीजिए )




जब दोस्त बनते हैं, पुराने छूट जाते हैं 
मजबूत बंधन रिश्ते के भी टूट जाते हैं ! 
कसक यूं ना होती भूल जाने से पहले !,
 परखा जो मैं होता, अपनाने से पहले !

 श्रमिकों को कहां मिलती?, उनकी कमाई !, जबकि फैक्ट्री आबाद उन्हीं दीन लोगों से !/ कितना सहेज रखा फिर भी,  कभी-कभी गलतफहमी से, / रिश्तेदार यूं ही रूठ जाते हैं!/ मैं तो मर जाऊंगा,  तेरी कातिल अदा पे!/ सोच लेना जरा मुस्कुराने से पहले! / जो न बुरा देखे, बुरा  सुने, बुरा कहे !, मिला करो  बेहतरीन, ऐसे  तीन लोगों से!/ लगता कौन, कैसा कब? यह बताता है आईना /सब का सिर्फ सच ही,  दिखाता है आईना !!"

एक से बढ़कर एक अश'आर सुनाते रहे, झारखंड के वरिष्ठ शायर कामेश्वर कुमार "कामेश "ने, एकल ऑनलाइन एकल काव्य पाठ के मंच पर l  मौका था "राइजिंग बिहार"(साप्ताहिक) के तत्वाधान में आयोजित,  फेसबुक के "अवसर साहित्यधर्मी  पत्रिका" के पेज पर, "हेलो फेसबुक विविधा  कार्यक्रम के तहत!

कामेश्वर कुमार कामेश ' की सृजनात्मकता पर डायरी पढ़ते हुए, संयोजक और संचालक सिद्धेश्वर ने कहा कि-" यह  अधिकारी कवि आम-आदमी की तरह व्यक्ति, समाज, रिश्तो के बंधन की जीवंतता से भी खुद को अलग नहीं रख पाता  हैl 

जीवन की कर्म भूमि पर,  हाथों में लिए बंदूक को,  कलम बनाकर, कागज को अपने जीवन की स्याही से रंगने में,  कामेश्वर कुमार कामेश सृजनशील हैं  और संघर्षशील भी ! उनके शब्दों में गज़ब की कशिश है ! शब्दों में खनकती रवानगी है l कामेश की रचनाओं में, भविष्य की अनंत संभावनाएं देख रहा हूं l 

ऑनलाइन इस आयोजन के दूसरे सत्र में, विविधा कार्यक्रम के तहत,बेतिया से सत्यम मिश्रा, मधुरेश नारायण कुमारी अनुराधा, खुशबू मिश्रा,  ने संगीत गायन की प्रस्तुति दीl इसके अतिरिक्त नई दिल्ली से अनुजा मनु, नई दिल्ली से घनश्याम कलयुगी, गुजरात से संजीव प्रभाकर, लखीसराय से राजेंद्र राज, हाजीपुर से अपूर्व कुमार, मीना कुमारी परिहार और ऋचा वर्मा ने कविता, पूनम सिंह श्रेयसी ने शिव भजन,  राज प्रिया  रानी ने लघुकथा का पाठ कर, इंद्रधनुषी रंग बिखेरा l
.......

प्रस्तुति - ऋचा वर्मा
परिचय -  सचिव,  भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, पटना 
प्रतिक्रिया हेतु इस ब्लॉग का ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com

No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.