**New post** on See photo+ page

बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

यदि कोई पोस्ट नहीं दिख रहा हो तो ऊपर "Current Page" पर क्लिक कीजिए. If no post is visible then click on Current page given above.

Friday 13 March 2020

होली मिलन समारोह पटना के रामकृष्ण नगर चित्रगुप्त समिति का 7.3.2020 को संपन्न

बीवी एक सुनियोजित आतंकवाद है! तो, प्रेमिका तस्करी का माल है 

(मुख्य पेज - bejodindia.blogspot.com / हर 12 घंटों पर देखें- FB+ Bejod India /  यहाँ कमेंट कीजिए  / Latest - Covid19 in Bihar)




पटना के रामकृष्ण नगर चित्रगुप्त समिति के द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह के अंतर्गत एक यादगार फागुनी कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। फागुनी कवि गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए, वरिष्ठ कवि- कथाकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि "यह होली का त्यौहार प्रेम और सौहार्द का संदेश लेकर आता है!"

कार्यक्रम रामलखन महतो पथ, पटना में सम्पन्न हुआ. इस संस्था के अध्यक्ष- सत्येन्द्र नारायण, उपाध्यक्ष-अप्पू और  सचिव- वाई.के.वर्मा हैं।

होली  काव्योत्सव  का रंगारंग संचालन करते हुए कवि सिद्धेश्वर ने कहा कि "सद्भावना भाईचारा का उत्सव है होली का त्योहार। आपसी रंजिशें  भूलकर, आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करने वाला पर्व है होली!" कवि मधुरश नारायण के संयोजन में  प्रस्तुत इस साहित्यिक आयोजन में अपनी रंगीले छबीले और मदमस्त करने वाले गीतों, गजलों और व्यंग्य कविताओं का पाठ करने वाले चर्चित कवियों में प्रमुख थे- भगवती प्रसाद द्विवेदी , विश्वनाथ वर्मा, सुनील कुमार उपाध्याय, मनोज कुमार, मधुरेश शरण, सिद्धेश्वर और लता प्रासर!" भोजपुरी और हिंदी के चर्चित कवि सुनील कुमार ने अपनी कविता में फागुनी उन्माद भरते हुए कहा-
 "जिंदगी के सोलहो शृंगार बन के आव  
 सावन के  झमझम फुहार बनके आव !"  

दूसरी तरफ गीतकार मधुरेश नारायण ने अपनी दो फागुनी गीतों गाते हुए श्रोताओं को मन मुग्ध कर दिया 
- "हौले-हौले,चुपके-चुपके है यह किसकी आहट
खिड़की से बाहर झाँका तो खड़ी मिली फगुनाहट।!"

 कवि - कथाकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने सावन का स्वागत इस प्रकार किया - 
"चिड़ियों की चह-चह / फूलों की मह-मह
 तितली की अठखेलियां /भंवरों की रंगरेलियां
 हैं तुम्हारी ही बदौलत तुम्हीं ने बना रखे हैं 
पशु- पक्षी, पेड़- पौधों से ताल- तलैया
नदी - पोखर घाटी - पहाड़ों से 
चंदा सूरज और  तमाम सितारों से/
अटूट मानवीय रिश्ते!" 
और उन्होंने फागुन के स्वागत में गीत सुनाया-
"फागुन आहट गाल पर /आंखों में मधुमास 
अधरों पर जगने लगी /अब पावस की प्यास/
तन के गुलशन में खिले /नए-नए ये फूल 
लगा गुदगुदाने पवन कर बैठूं न  भूल !"

 संचालन के क्रम में ही कवि सिद्धेश्वर ने  होली को रंगीन बनाते हुए कहा-
"रंगीं मिजाज लिए हम भी बैठे तेरी जानिब  / थोड़ी अबीर , थोड़ा रंग -  हमें लगा दीजिए 
यौवन के नशे में डूबे स 'मायूस' को  वासंती आंचल की जरा-सी हवा दीजिए। 
/घर - घर पहुंच गया, खुशबू का पता प्यार की तितली हवा में उड़ा दीजिए!" 

और इसी क्रम में मनोज कुमार अम्बष्टा ने सकारात्मक संदेश पहुंचाया श्रोताओं के बीच -
"दिल में हो जो उमंग तो क्या कर नहीं सकते 
करने पर जो आ जाए तो क्या कर नहीं सकते!"
नफरत की आग में जल रहा यहां हर इंसां 
दो बोल प्यार के हों तो क्या कर नहीं सकते! "

कवयित्री लता प्रासर ने फागुन का स्वागत करते हुए कहा- 
"भोरे - भोरे चली पुरवइया फागुन का लेकर संदेश
/कहां उड़े रंग , कहां गुलाल मौसम को देने संदेश!"

हास्य - व्यंग्य कवि विश्वनाथ वर्मा ने कुछ व्यंग्य कविताओं का पाठ किया -
"मोहब्बत के बिना जिंदगी नमक के बिना दाल है 
बीवी एक सुनियोजित आतंकवाद है! तो, प्रेमिका तस्करी का माल है 
बीबी सत्यनारायण जी की कथा है, तो प्रेमिका प्रसाद है!" 

फागुनी काव्योत्सव का समापन करते हुए सिद्धेश्वर ने कहा -
 "मूंठ पर गुलाल, चढ़े हैं / चित्त पर रंग
मस्त होली को / रंगीं बना दीजिए! "

समारोह में कवियों और चित्रगुप्त समिति के सैंकड़ों युवा बुजुर्ग पुरुष और महिलाओं ने जमकर अबीर गुलाल का गुब्बार उड़ाया। एक-दूसरे का अभिवादन किया। एक पारिवारिक महौल तैयार कर, नाचा गाया। 

और इन सब के साथ-- साथ हास्य-व्यंग्य से लबालब रंगीन कविताओं का आनंद भी लिया। 
.............

प्रस्तुति एवं छायाचित्र - सिद्धेश्वर 
एक प्रस्तोता का ईमेल - sidheshwarpoet.art@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु ब्लॉग का ईमेल - editorbejodindia@gmail.com


No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.