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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Tuesday, 15 September 2015

त्रिवेणी काव्य संग्रह का प्रदर्शन ( Triveni kavya sangrah ka pradarshan )



त्रिवेणी काव्य संग्रह को हिंदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय राजस्व भवन, पटना के सम्मेलन कक्ष में 14.9.2014 को वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बी.एन.विश्वकर्मा  द्वारा प्रदर्शित किया गया और उसकी कवियाओं का पाठ उसके दो कवियों भागवत शरण झा 'अनिमेष' तथा हेमंत दास 'हिम' के द्वारा किया गया. डॉ. बी.एन.विश्वकर्मा ने कहा कि काव्य संग्रह के तीनों कवियों की रचनाएं तीन अलग-अलग धाराओं की है और इनके संगम से बनी त्रिवेणी एक अनूठी कृति बन गई है.











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