"साहित्यिक स्पन्दन" और "पटना वाला प्यार" का लोकार्पण एवं रचनाओं का पाठ
दिनांक
04.12.2018 को आई.ई.आई. भवन पटना में आयोजित "लेख्य-मंजूषा का द्वितीय वार्षिकोत्सव। हाइकु दिवस
एवं लेख्य-मंजूषा साहित्योत्सव का आयोजन, गुलाबी सर्दी में मंच द्वारा मिल रहा गजब का उत्साहवर्धक मौका और सदस्यों में लगी होड़ अपनी रचनाओं को
सुनाने की।
इस मौके पर संस्था की अपनी पत्रिका 'साहित्यक स्पंदन'
का लोकार्पण भी किया गया। लेख्य-मंजूषा के उप सचिव अभिलाष दत्त की कहानियों की पुस्तक 'पटना वाला प्यार' का भी लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम में
हाइकु दिवस भी मनाया गया एवं गद्य चर्चा में डॉ. सतीशराज पुष्करणा ने हिंदी
साहित्य में गद्य विधा की विशेषता पर रोशनी डाला। लघुकथा के पुरोधा डॉ.
सतीशराज पुष्करणा जी को वरिष्ठ हाइकुकार के रूप में सम्मानित करते हुए
लेख्य-मंजूषा ने स्वयं भी गर्व का अनुभव किया।
प्रस्तुतियों में जहां सुनील
कुमार की रूमानियत से भरी ग़ज़ल, संजय संज की जीवन की आखिरी सच्चाई मृत्यु
शीर्षक वाली कविता, मधुरेश नारायण की जीवंत कविता, हिमांशु शेखर, चंदन
कपूर, शाइस्ता अंजुम की ग़ज़लें, शैलेश कुमार वर्मा, एवं डॉ. सुधा सिन्हा की प्यार भरी रचनाओं से आयोजन में चार
चाँद लगे वहीं पूनम आनन्द, मो. नसीम अख्तर, वीणाश्री हेम्ब्रम, डॉ. अनीता
राकेश, महिमाश्री, के हाइकु पाठ
तो ज्योति मिश्रा की हाइकु और कहानी तथा सुषमा सिंह, ज्योति स्पर्श के लघुकथा तथा संस्मरण का पाठ में संगीता गोविल,
सीमा रानी, ईशानी सरकार, प्रतिमा
सिन्हा, प्रेमलता सिंह , राजकांता सिंह , नीतू कुमारी, डॉ. रब्बान अली, मिनाक्षी सिंह, एकता कुमारी, डॉ पूनम देवा, मीरा
प्रकाश, विभूति कुमार एवं सुबोध कुमार सिन्हा, रंजना सिंह और नूतन सिन्हा ने साहित्य की गद्य विधा
को भी रूचिकर बनाकर मंच पर पेश किया जिसे आमतौर पर मंच पर प्रदर्शित करने
का मौका नहीं दिया जाता। सभी कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
गया। कहना ना होगा कि सभी कवियों और रचनाकारों को ना सिर्फ तालियां मिली
बल्कि मंचासीन अतिथियों से भी खूब दाद मिली।
अनीता मिश्रा (हजारीबाग), शशि शर्मा खुशी (हनुमान गढ़, राजस्थान), सुनीता पाटिल (चेन्नई), कमला अग्रवाल (इंदिरापुरम एनसीआर), कल्पना भट्ट (भोपाल) की रचनाएँ भी उपस्थित सदस्यों द्वारा पढ़ी गईं।
साहित्य और समाज को
जागरूक करती संस्था के मंच पर संस्था की अध्यक्ष विभा रानी श्रीवास्तव के
साथ अतिथियों में डॉ. सतीशराज पुष्करणा, श्री अवधेश प्रीत , श्रीमती पूनम
आनन्द, श्री निलांशू रंजन, डॉ. ध्रुव कुमार, श्री समीर परिमल उपस्थित रहे।
मंच संचालन श्रीमती वीणाश्री हेम्ब्रम (सचिव) एवं धन्यवाद ज्ञापन मो. नसीम
अख्तर (महासचिव) ने किया।
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आलेख - संजय कुमार संज
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