1. क्रिया-पद कोश :
महावैयकरण दीनबंधु झा
2. मैथिली साहित्य
विमर्श : गोविन्द झा
3. हरिमोहन झाक
रचना-कर्म : विभूति आनन्द
4. चित्र : नारायणजी
5. मानो दाइक हवेली
: अरविन्द अक्कू
6. पह : अभिलाषा
7. इस्स : विभूति
आनन्द
8. फुटानी चौक :
अरविन्द अक्कू
9. वॉर अगेंस्ट वॉर
: अंशुमान सत्यकेतु
10. बाबा मोनक बस्ती
सँ : विभूति आनन्द
11. घुरि आउ गाम : अविन्द
अक्कू
12. अनामिका : डॉ.
चंद्रमणि झा
13. सजना सिनेहिया :
सतीश साजन
14. मधुर विद्यापति
भान : गिरीश चन्द्र
15. खण्ड-खण्ड मे
बँटैत स्त्री : कामिनी
16. जेहने करनी,
तेहने भरनी : अजित मिश्र आ
17. बाल-बन्धु
पत्रिका : अजित आज़ाद
पंडित गोविन्द झा
जीक 95म जन्मदिनक अवसर पर हुनक
गाम इशहपुर मे हुनक उपस्थिति मे आइ 10 अक्टूबर केँ 16 किताब आ एक
पत्रिका लोकार्पित भेल।
कोनो लेखकक
जन्मदिन पर हुनकहि हाथे एतेक किताब लोकार्पित होइ बला ई पहिल अवसर छल।
लोकार्पित होइ
बला किताब सभ मे कथा, कविता, उपन्यास, नाटक, समीक्षा, व्याकरण, इतिहास, बाल साहित्य आ
पत्रिका आदि शामिल छल।
जन्मदिन आ
लोकार्पण समारोहक आरम्भ पंडित जीक सम्मान सँ शुरू भेल। उपस्थित सभ गोटे हुनक
सम्मान मे ठाढ़ भ' करतल ध्वनिक संग
शताधिक वर्ष जीबाक कामना कयलनि। तदुपरांत 95 गोट पुष्प-माल हुनका उपस्थित जन समुदाय द्वारा पहिराओल
गेल। प्रो. सती रमण झा आ पंडित रामचंद्र मिश्र मधुकर जी पंडित जीक सम्मान मे अपन
काव्य-पुष्प अर्पित कयलनि। डॉ. भीमनाथ झा आ विभूति आनन्द जी सेहो अपन संबोधनक क्रम
मे काव्य-पुष्प अर्पित कयलनि। पुस्तक लोकार्पणक उपरांत अपन उद्बोधन मे पंडित
गोविन्द झा जी कहलनि, 'जीवन मे एहि सँ
श्रेष्ठ सम्मान कहियो नहि भेल छल। लेखक लोकनिक एहि सम्मान सँ अभिभूत छी।' ओ अपन जीवन मे कयल अनेक ज्ञात-अज्ञात भूल अथवा
गलती सभक लेल सकल मिथिला समाज सँ क्षमा मंगलनि। ओ आर किछु लिखय चाहैत छथि।
बनावटीपन सँ दूर रहि सार्थक जीवन जीबाक संदेश लेखक लोकनि केँ देलनि।
एहि अवसर पर
पंडित रामजी ठाकुर, डॉ. किशोरनाथ झा,
डॉ. विशेश्वर मिश्र, डॉ. भीमनाथ झा, डॉ. जगदीश मिश्र, विभूति आनन्द,
प्रो. भैरवेश्वर झा आदि मंचक शोभा बढ़बैत पंडित
जीक लेखन-कार्यक महत्व केँ रेखांकित कयलनि। एहि सारस्वत कार्यक्रम मे नवीन जायसवाल,
सुखदेव राउत, केदारनाथ झा, हिन्दी कवि अमिताभ सहित पूर्व वीसी विश्वनाथ झा, भवेश चन्द्र मिश्र, रेवानंद झा, रामेश्वर निशान्त,
योगेन्द्र पाठक वियोगी, विभूति नाथ झा, इशनाथ झा, ऋषिनाथ झा,
ऋषि वशिष्ठ, प्रणव नार्मदेय, सच्चिदानंद सच्चू, अनुराग मिश्र आदि
उपस्थित रहथि। लोकार्पित होइ बला पुस्तकक लेखक लोकनि अपन उद्गार मे एहि क्षण केँ
अलौकिक आ ऐतिहासिक बतौलनि। लेखक गिरीश चंद्र जी, नारायणजी, कामिनी अपरिहार्य
कारणवश उपस्थित नहि रहथि। संचालन अजित आज़ाद आ धन्यवाद ज्ञापन उदय कुमार झा कयलनि।
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इस आलेख के लेखक
- अजित आज़ाद
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प्रतिक्रिया इस ईमेल पर भी भेज सकते हैं- hemantdas_2001@yahoo.com
अजित आजाद मैथिली
भाषा के जाने-माने कवि, साहित्यकार हैं.
मैथिली भाषा के प्रचार प्रसार और सम्मान के लिए इनका काम काफी महत्वपूर्ण है.
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