STORY: Human relationship is peculiar in the sense that it is often seen to be working one-way only especially in the context of father and son. The retired King Bimbisar, the father of Ajatshatru loves his son whole-heartedly. Contrary to it, the son embarks on persecuting his father in all evil ways. Devdatta is the advisor of Ajatshatru who is jealous of Lord Buddha under whose influence Bimbisar had turned into a truly gentlemanly king. Devdatta wants to teach a lesson to the royal disciple of Buddha who is Bimbisar. The underlying motive is to undermine Buddha so as to gain dominance in religious sphere. बिहारी धमाका / بہاری دھماکا - A blog in English, हिन्दी, اردو, मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका and बज्जिका. / Contact us at editorbejodindia@gmail.com (IT'S LINKS CAN NOT BE SHARED ON FACEBOOK but CAN BE SHARED IN WHATSAPP, TWITTER etc.) (For full view, open the blog in web/desktop version by clicking on the option given at the bottom.)
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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]
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Monday, 27 February 2017
'Buddham Sharanam Gachchhami' staged in Patna on 25.02.2017 ( 'बुद्धम् शरणम् गच्छामि' का पटना में 25.02.2017 को मंचन)
STORY: Human relationship is peculiar in the sense that it is often seen to be working one-way only especially in the context of father and son. The retired King Bimbisar, the father of Ajatshatru loves his son whole-heartedly. Contrary to it, the son embarks on persecuting his father in all evil ways. Devdatta is the advisor of Ajatshatru who is jealous of Lord Buddha under whose influence Bimbisar had turned into a truly gentlemanly king. Devdatta wants to teach a lesson to the royal disciple of Buddha who is Bimbisar. The underlying motive is to undermine Buddha so as to gain dominance in religious sphere. Sunday, 26 February 2017
Sura Sundari -amazing video clipping of a drama in Patna (सुर सन्दरी - पटना में प्रस्तुत नाटक की विडियो क्लिपिंग)
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| Snapshot of Sura Sundari video clip prepared by Rajendra Sah & Mukesh Chaudhary | 
Thursday, 23 February 2017
सर्वभाषा कवि सम्मलेन पटना में 21.02.2017 को (All Lauguage Poets Assembly in Patna on 21.02.2017)
जब ये बेजुबान बोलेंगे
यूँ तो भरने न देंगे ज़ख्मों को
भर गए तो निशान बोलेंगे"
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| 21.02. 2017 को पटना में आयोजित सर्वभाषा कवि सम्मलेन | 
"तेरे इश्क में मरने का इरादा भी नहीं
है इश्क तुझसे पर इतना ज्यादा भी नहीं"
युवा कवि वैभव की कविता ने खुशनसीबी के रूप को उजागर करते हुए कहा-
"अदब की भरी महफ़िल में आना खुशनसीबी
हजारों की भीड़ में तेरा प्यार पाना खुशनसीबी"
प्रसिद्द शायर नाशाद औरंगाबादी ने इस अवसर पर उर्दू में कविता पढ़ी-
"ये किस समाज की तहज़ीब है
कि आपस में
जो राम-राम न हो
और दुआ-सलाम न हो"
पुनः
"कविता लिखना बहुत कठिन है
पूछो इन फनकारों से
हम सब पत्थर काट रहे हैं
कागज़ की तलवारों से"
सरोज तिवारी ने मगही में सुदंर कविताओं का पाठ किया. 'गंगा मैया चलनी' खूब पसंद की गई. राजकुमार प्रेमी ने मगही में नचारी का पाठ किया.जो काफी प्रभावशाली थी.
हेमन्त दास 'हिम' ने इस अवसर पर 'मुक्तता' की व्याख्या करते हुए भी जनता को प्रेरित करती पंक्तियाँ पढ़ी-
"श्रांत चाहे तन हो जाए मुख न होवे म्लान फिर भी
ब्याप्त तम हो पर रुके न दीप का संधान फिर भी"
ओम प्रकाश पाण्डेय ने पढ़ा-
"तू ही खेल तू ही खिलाड़ी
बाक़ी सब के सब मदारी"
शालिनी पाण्डेय ने भोजपुरी में काफी अच्छी कविता का पाठ किया. बी. एन. विश्वकर्मा ने नोटबंदी पर कुछ तंज कसे-
"पत्नी की परेशानी है चौकाबंदी
पति की परेशानी है मार्केट बंदी"
रामनाथ 'शोधार्थी' ने भी अनेक दमदार शेर पढ़े-
"किसी काँटे में अपना दिल फँसाकर
तुम्हारे दिल के अन्दर छोड़ दूंगा"
दूसरी ग़ज़ल में कहा-
"ज़िंदगी खेल है कबड्डी का
साँस टूट गयी तो मर गए सब"
भागवत अनिमेष की वज्जिका की कविता की पंक्तियाँ कुछ यूँ थीं-
"गोरी तोहर पार में मगन धीरे-धीरे
बहे लागल प्यार के पवन धीरे-धीरे"
जनार्दन सिंह ने मगही में प्रेम और सद्भाव पर कविता का पाठ किया।
गणेश जी त्यागी ने भोजपुरी में पढ़ा-
"बबुआ बंबई में बँगला बनौले बा
बाबू माय के अपना बएलौले बा"
राकेश प्रियदर्शी ने मगही में व्यवस्था पर चोट करती हुई कविता पढ़ी-
"चाहे कोनो देस के हो पालतू कुत्ता
अतीत के बिछौना पर
वर्तमान के चादर ओढ़ के
भविष्य के सपना देखे हे"
महेंद्र चौधरी ने भोजपुरी में पढ़ा-
"कब सकारात बीतल, छठ और फगुआ
बर खोजल साल बीतल बन-बन के अगुआ"
अनुपमा ने रिश्तों की क्शण्भंगूरता पर मगही में कहा-
"एक टच में बने ला रिश्ता
एक टच में टूटे ला भकभक करे ला मनमा
दुनिया ऑनलाइन हो गएल ना"
युवा कवि सूरज ठाकुर 'बिहारी' ने माँ और पत्नी के रूप में स्त्री के प्रेम रूप पर कविताओं का पाठ किया.-
"जिसके धरणों में दुनिया समायी हुई
करुण सागर सी बहती रही मेरी माँ"
रामेश्वर चौधरी ने भोजपुरी में गीत गाये -
"कहिया अइब तू हमरा दुआर मितबा
रहिया देखतानी अँखिया पसार मितबा"
इंद्र मोहन मिश्र 'महफिल' ने मैथिली में कविता पढी-
"अपन छुलाछन बुचनी के
जल्दी बजबालू पप्पा जी"
इस अवसर पर मगही अकादमी के अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा 'कविजी' और अंगिका अकादमी के ललन लाल सिंह 'आरोही',संजय कुन्दन,आरतू घायल, भागवत 'अनिमेश', विनय कु. विष्णुपुरी, महेंद्र सिंह 'फौजी' समेत अनेक गणमान्य साहित्यकार भी उपस्थित थे.
आनन्द किशोर शस्त्री ने वज्जिका में कविता पढ़ी-
"आम मोजरलक, महुआ महकल
भुलुक हवा गरम / चढ़ते फगुनमा
जाड़ा भागल / जइसे लाज-सरम"
डॉ. चतुरानन्द मिश्र ने मगही में नयनों पर कविता पढ़ी-
"नैनन भेटल हे नयना
तब नयनन से नैना हे जुड़ायल"
कवि-सम्मेलन में उत्कर्ष आनन्द, मोहन दूबे, तथा विकास राज ने भी भाग लिया.
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| संजय कुंदन Sanjay Kundan | 
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| मंचासीन | 
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| दर्शाक्गण audience | 
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| Rajkumar Premi राजकुमार प्रेमी with Nehal Singh | 
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| Om prakash Pandey ओम प्रकाश पाण्डेय | 
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| Samir Parimal समीर परिमल | 
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| B N Vishwakarma | 
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| रामनाथ शोधार्थी Ramnath Sodharthi | 
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| Nehal singh 'Nirmal- निहाल सिंह निर्मल | 
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| राकेश प्रियदर्शी Raakesh Priyadarshi | 
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| महेंद्र चौधरी Mahendra Chaudhary | 
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| Suraj Thakur Bihari सूरज ठाकुर बिहारी | 
Wednesday, 22 February 2017
'Hanste-hanste' -drama presented at Patna on 18.02.2017 ('हँसते-हँसते' नाटक की पटना में 18.02.2017 को प्रस्तुति)



























































