Pages

Thursday, 23 July 2020

आज घायल हुए अश'आर / अर्जुन प्रभात की दो गज़लें

ग़ज़ल -1
    आज घायल हुए अश'आर     

(मुख्य पेज - bejodindia.in / हर 12 घंटों पर देखें- FB+ Bejod India /  यहाँ कमेंट कीजिए  / Latest data- Covid19 in Bihar)



आज घायल हुए अशआर ग़ज़ल रोती है 
जिन्दगी खुद से है बेज़ार ग़ज़ल रोती है ।

जल रहे शम्मा के मानिंद रात काली है 
तीरगी आज बेशुमार ग़ज़ल रोती है ।

यूँ तो तनहाइयाँ बढ़ी बड़ी खामोशी है 
जाने किसका है इंतज़ार ग़ज़ल रोती है ।

वो जो अपने थे कभी आज हैं बेगानों में
बीच में बन गयी दीवार ग़ज़ल रोती है ।

अजनबी आज क्यों हुए हैं यहां हम अर्जुन ?
कर के रिश्तों को दरकिनार ग़ज़ल रोती है ।
.....   
         
                
ग़ज़ल -2 
 कहाँ जायें बतलाओ
              
थके -थके हैं पाँव ,कहाँ जायें बतलाओ ?
हुआ वीराना गाँव, कहाँ जायें बतलाओ  ?

द्रोहानल में आज दग्ध होता जन जीवन ।
नहीं नेह की छाँव कहाँ जायें बतलाओ  ?

काका, भैया के रिश्ते अब पड़े पुराने ।
अब हर ओर तनाव, कहाँ जायें बतलाओ ?

सूने हैं चौपाल आज पनघट सूना है ।
सबसे है अलगाव, कहाँ जायें बतलाओ  ?

आज न दरवाजे पर लोगों की है टोली ।
बुझते सभी अलाव, कहाँ जायें बतलाओ  ?

खूनी होली, नफरत की अब है दीवाली ।
सभी खोजते दाँव, कहाँ जायें बतलाओ  ?

अर्जुन आहत हृदय और आंखें पथरायी ।
हरे हुए सब घाव, कहाँ जायें बतलाओ  ?
                ...


कवि - अर्जुन प्रभात
पता - मोहीउद्दीन नगर, समस्तीपुर ( बिहार )
कवि का ईमेल आईडी - arjunprabhat1960@gmail.com
प्रतिक्रिया हेतु इस ब्लॉग का ईमेल आईडी - editorbejodindia@gmail.com

No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.