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Saturday, 2 November 2019

छठ पूजा पर कविताएँ / मधुरेश नारायण, वेद प्रकाश तिवारी, सिद्धेश्वर

क्या बताएँ - छठ क्या है / मधुरेश नारायण

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छठ, नहाय-खाय का "कद्दू-भात" है
छठ, खरना का पवित्र "प्रसाद" है
छठ, बाबुजी के ललाट का टीका है
छठ, माँ के हाथ का आशीर्वाद है।

छठ, डाला के फलों की ख़रीदायी है
छठ, बांस से सूप की बनवाई है
छठ, प्रसाद के आटे की पिसवाई है
छठ, ठेकुआ के सोंधी महक की छनाई है।

छठ, घाट की सजावट और सफाई है,
छठ, सुबह सुबह उठके घाट की छेकाई है,
छठ, सबसे पहले प्रसाद की लुटाई है,
छठ, घर से घाट तक डाला की धुलाई है।

छठ, अर्ध्य के दूध की धार है
छठ, बच्चे के मुंडन की बहार है
छठ, बचे हुए पटाखों की बौछार है
छठ, सुरुज भगवान के उगने का इंतज़ार है।

छठ, डूबते सूरज का प्रणाम है
छठ, उगते सूरज का सलाम है
छठ, प्रकृति का मान-सम्मान है
छठ, पूजा-अर्चना का विधान है।

छठ, खून में रचा-बसा संस्कार है
छठ, जेहन में उमड़ रही माटी की पुकार है
छठ, आध्यात्म चेतना की हुंकार है
छठ, मैं, आप, तुम और वो क्या, पूरा बिहार है।

छठ, बच्चों का हर्ष-कलरव है,
छठ, परिवारों का वार्षिक संगम है
छठ, शारदा सिन्हा की भजन का मर्म है,
छठ, लोक-आस्था का, मान्यताओं का महापर्व है।

छठ....छठ क्या है,
क्या बतायें, छठ क्या है,
कैसे बतायें, छठ क्या है ।
...

छठ महापर्व / वेद प्रकाश तिवारी

ताल, तलैया, नाहर, पोखर
हो गंगा, गंडक या कोशी
सबके तट पर भीड़ है भारी
सूर्य अर्घ्य की है तैयारी
जल में खड़ी सभी मातायें
हाथ अर्घ्य का सूप उठाये
सूरज से ये करें प्रार्थना
स्वीकार करो मेरी आराधना
दो दिन का उपवास ये रखकर
व्रत के नियम का पालन करतीं
दृढ़ संकल्पों की शक्ति से
मन ही मन दिनकर से कहतीं
सब शुभ हो
सब कुछ मंगल हो
अपनी कृपा बनाये रखना
तेरे प्रकाश से हो प्रकाशमान
मेरे अपनो का घर अँगना ।
...

छठ पूजा पर पांच हाइकु कविता / सिद्धेश्वर

1
महिमामयी
भाई-चारा का पर्व
छठ - प्रसाद!

2
मन है चंगा
तो कठौती में गंगा
तन पवित्र!।

3
गंदगी नहीं
चाहिए देवता को
साफ-सफाई!

4
अर्ध का सत्य
सूरज की महिमा
छठ - पूजन!

5
दौलत नहीं
प्रेम की है महिमा
पुण्य के लिए!!
...

कवि - मधुरेश नारायण, वेद प्रकाश तिवारी और सिद्धेश्वर 
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com

कवि - मधुरेश नारायण

कवि - वेद प्रकाश तिवारी

कवि सिद्धेश्वर

2 comments:

  1. 5
    7
    5
    में हाइकु नहीं हो सका है

    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी. धन्यवाद. सम्बंधित कवि महोदय ध्यान दें.

      Delete

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