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Thursday, 7 November 2019

मैथिली के महकवि पंडित लाल दास का जयंती समारोह खड़ौआ (मधुबनी) में 3.11.2019 को सम्पन्न

मिथिला रामायण रामायण के रचयिता ही नहीं मिथिला के प्रथम गद्यकार भी

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महाकवि पंडित लाल दास जयंती पूर्वनिर्धारित समय पर दिनांक 3/11/2019 केँ लाल दास उच्च विद्यालय खड़ौआ' के प्रांगण मे  मनाई गई।  इस अवसर पर मेधावी छात्रों को पुरस्कार भी दिये गए।

इस अवसर पर साहित्य अकादमी में मैथिली के प्रतिनिधि डॉ. प्रेम मोहन मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ प्रेम मोहन मिश्र, विशिष्ट अतिथि डॉॅ. रामानंद झा रमण, डॉ. महेन्द्र नारायण राम, डॉ. शिवशंकर श्रीनिवास, चंदना दत्त, आयोजन समिति के अध्यक्ष अनुप कश्यप, महासचिव भागीरथ दास, संयुक्त सचिव डॉ संजीव शमा, कोषाध्यक्ष योगानंद दास, उपाध्यक्ष अजय कुमार दास, वरीय सदस्य सुनील कुमार दास आदि उपस्थित थे। 

इस अवसर पर डॉ. रमानंद झा रमण द्वारा संपादित महाकवि पं लालदास रचनावली भाग एक का विमोचन भी किया गया।

डॉ. प्रेम मोहन मिश्र ने अपने भाषण में कहा कि लाल दास ने अपनी रामायण में माँ सीता को प्रमुख स्थान दिया है। डॉ. रमानंद झा रमण ने उन्हें मिथिला और मैथिली का प्रथम गद्यकार करार दिया। चंदना दत्त ने भी अपने संक्षिप्त भाषण में महाकवि के प्रति अपने उद्गार प्रकत किये ।

1856  ई. में जन्मे पं. लाल दास दरभंगा के महाराज रमेश्वर सिंह का संरक्षण प्राप्त था और ये उनके काफी प्रिय साथी रहे। इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं - रमेश्वर चरित मिथिला रामायण, जानकी रामायण, महेश्वर विनोद, स्त्री शिक्षा, सावित्री-सत्यवान, चण्डी चरित, विरुदावली, दुर्गा सप्तशती, तन्त्रोक्त मिथिला माहात्म्य आदि। इनका निधन 1921 ई. में हो गया।

इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम ही हुआ जिसमें महाकवि के गीत गाये गए और एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन हुआ जिसमें अनेक कवियों ने अपनी रचनाएँ सुनाकर वाहवाही लूग़ी।
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आलेख - बेजोड़ इंडिया ब्लॉग
सूचना स्रोत - श्री सुनील कुमार दास, चंदना दत्त
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
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2 comments:

  1. Bahut nik report banowol ,dhanyawad

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    1. Dhanyawad. Ee facebook par share nahi hoyat. Ekata Whatsapp par share karee.

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