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Friday, 11 August 2017

बिहारी धमाका सांस्कृतिक सिंहावलोकन -11.8.2017 (Bihari Dhamaka Cultural Round-up) थियेटरवाला उत्सव, गोपालगंज, बेगुसराय, मधुबनी,सोनपुर,खगौल आदि

कालिदास रंगालय, पटना में यह उत्सव 10.8.2017को  शुरु हुआ. इसके अन्य फोटो कुछ चित्रों के बाद नीचे देखें.
बेगुसराय में 'आहुति' द्वारा प्रस्तुत नाटक 'जमींदार. अन्य चित्रों को कुछ फोटो के बाद नीचे देखें.
मंत्री महोदय, प्रेमचंद रंगशाला, पटना में नाटक 'हम रौशनी बाँटते हैं' के शुरू होने के पहले सम्मन ग्रहण करते हुए
10 .8.2017 को  पटना के कालिदस रंगालय मे "और अंत में प्रार्थना' नाटक के पात्र गण

मधुबनी- अयाची मिश्र जीक प्रतिमा अनावरण समारोह हेतु आजुक बैठक नवटोल गाम मे।
9 10 सितम्बर केँ होयत आयोजन सरिसव-पाही गाम मे। 



 4.8.2017- बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन, पटना में सावन मिलन समारोह हुआ, जिसका उद्घाटन करते हुए अध्यक्ष डा. अनिल सुलभ, साथ में हैं डा. शिववंश पाण्डेय, डा. लक्ष्मी सिंह, डा. कल्याणी कुसुम सिंह, डा. मधु वर्मा और संचालक योगेन्द्र प्रसाद मिश्र। इस अवसर पर सावन के गीतों की झड़ी लग गई।

Rakesh Ranjan- इन तस्वीरों में जो दाढ़ीवाला आदमी है, फेसबुक पर नहीं है। आपको कहीं मिले तो मेरी तरफ से गले लगाकर उसे 'भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार' की बधाई दे दें और मेरे बदले मिठाई जरूर से खा लें।भाई अच्युतानंद, तुम्हें हार्दिक बधाईऔर अनंत शुभकामनाएँ!

 "कविता चली गाँव की ओर" के अवसर पर खड़िया मुंगेर में कवियों का समागम। बाएं से साथी सुरेश सूर्य, रामबहादुर चौधरी चन्दन, रामनारायण स्वामी, सुधीर कुमार प्रोग्रामर, साथी इन्द्रदेव, संजीव कुमार प्रियदर्शी, शशि आनंद अल्वेला, विनय कुमार, दिलीप कु0 दीपक, राजकिशोर मुसाफिर, शत्रुघ्न पासवान, बिभीषण मंडल आदि।

"कविता चली गाँव की ओर" के अवसर पर खड़िया मुंगेर में कवियों का समागम


प्रखर युवाकवि की  पुस्तक














बिहारी धमाका ब्लॉग के सम्पादक  हेमन्त दास 'हिम' नाटक 'आयकर लीला' में प्रशंसनीय अभिनय करने हेतु दिनाक 24.8.2017को  प्रधान आयकर आयुक्त श्री प्रशांत भूषण महोदय से स्मृति चिन्ह ग्रहण करते हुए.

गोपालगंज में कवि सम्मेलन में समीर परिमल, डॉ. रामनाथ शोधार्थी एवम अन्य कविगण

गोपालगंज में कवि सम्मेलन में समीर परिमल









नई आयी है यह पुस्तक










बेगुसराय में 'आहुति' द्वारा प्रस्तुत नाटक 'जमींदार

बेगुसराय में 'आहुति' द्वारा प्रस्तुत नाटक 'जमींदार
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बेगुसराय में 'आहुति' द्वारा प्रस्तुत नाटक 'जमींदार








शिवपूजन सहाय जयंती, अरबिंद महिला कॉलेज्, पटना




ये हैं 'लोकराग' कविता-संग्रह के रचयिता श्री प्रभात सरसिज जो बिहार के वरिष्ठ्तम कवियों में से एक. ये प्रगतिशील लेखक संघ,बिहार  के अध्यक्ष रह चुके हैं. इनकी कविताएँ प्रच्छन्न संदेशों के कारण जानी जाती हैं जो मुख्यत:सर्वहारा और जनसामान्य लोगों की व्यथा का प्रतिनिधित्व करती हैं. इनसे मिलने और इनके विचारो को सुनने का सुवसर प्राप्त हुआ.

श्री अरबिनद पासवान बहुत ही जागरूक कवि हैं जो दलित समस्याओं पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करते हैं. उनकी रचनाएँ 'दोआबा' के वर्तमान अंक में भी प्रकाशित हुईं हैं. ब्लॉगर को उनसे कुछ प्रभावकारी कविताओं के पाठ को सुनने का सुअवसर प्राप्त हुआ.






मंत्री महोदय, प्रेमचंद रंगशाला, पटना में नाटक 'हम रौशनी बाँटते हैं' के शुरू होने के पहले विचारों को प्रकट करते हुए



मंत्री महोदय, प्रेमचंद रंगशाला, पटना में नाटक 'हम रौशनी बाँटते हैं' के शुरू होने के पहले




रंगकर्मी राजेश राजा 






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