अंगिका भाषा के विकास के सम्बन्ध में उपलब्धियों पर हुई चर्चा
दिनाक 23 जून 2019 को सुनित्या सदन, कटिहार के सभागार में अंगिका साहित्यकारों , सहयोगियों, नेताओं, युवा छात्र-छात्राओं ने मिलकर बड़े ही उत्साह के साथ राजनेता और समाजसेवी महेंद्र नारायण यादव की अध्यक्षता में "अंगिका महोत्सव" मनाया। इस अवसर पर मुख्यातिथि राजनेता तारकिशोर प्रसाद, के साथ आयोजन निदेशक डॉ रमेश मोहन आत्मविश्वास, संयोजक अवधविहारी आचार्य, प्रमुख वक्ता सुधीर कुमार प्रोग्रामर, प्रदीप प्रभात, मतवाला आदि। सम्मान और उद्घाटनोप्रान्त अवधविहार आचार्य द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। परिचर्या का आरंभ करते हुए नाटककार मतवाला भागलपुर न्यायालय में अंगिका शब्दों के प्रभाव को जाहिर किया,
अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के झारखण्ड प्रदेश महासचिव प्रदीप प्रभात ने अंगिका साहित्य में बुजुर्ग साहित्यकारों, डोमन साहू शमीर, सुमन सुरो, डॉ अम्बष्ट, डॉ तेजनारायण कुशवाहा, डॉ नरेश पांडेय चकोर, डॉ अमरेन्द्र आदि के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। वही प्रमुख वक्ता एवं अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच, बिहार के प्रदेश महासचिव सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने अंगिका के प्रगति पर विस्तार पूर्वक तब से अब तक की जानकारी देते हुए बताया कि अंगिका के आदि कवि सरहपाद और पंडित राहुल सांकृत्यायन द्वरा "अंगिका" नामकरण जे बाद अंगिका गगनचुम्बी भाषा की ओर बढ़ चली। अंग माधुरी, अंगप्रिया, अंग भारत जैसी अंगिका के कई पत्र- पत्रिकाएं आने लगीं। पिछले 15 वर्षों से ई. कुंदन अमिताभ द्वारा angika.com के माध्यम से देश ही नही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंगिका की कृतियां, कृतिकारों की सूची सहित दैनिक गतिविधि की रिपोर्टिंग लगातार हो रही है।
राहुल शिवाय और डॉ अमरेन्द्र के सहयोग और प्रयास से कविता कोश में सैकड़ों साहित्यकारों की लगभग 75, 674 पृष्ठों में रचनाएं देखी और पढ़ी जा सकती है। बिहार सरकार ने अंगिका को सम्मान देते हुए अंगिका अकादमी का गठन किया, जबकि झारखण्ड सरकार ने अंगिका को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देकर अंगिका का मान बढ़ाया।
आज साहित्य अकादमी दिल्ली, दूरदर्शन, पटना, आकाशवाणी भागलपुर लगातार अंगिका साहित्यकारों को तरजीह देना आरंभ कर दिया है। तिलकामांझी भागलपुर से अंगिका में 200 से अधिक छात्र-छात्राएं एम्. ए. 20- पी. एच. डी., 2- डी. लिट् कर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने भी अंगिका अकादमी गठित करने का आश्वासन दिया है।
अखिल भारतीय अंगिका विकास मंच के अध्यक्ष और अंगिका भाषा के ध्वनि पर वैज्ञानिक अध्ययन करने वाले दूसरे डी. लिट्. डॉ. रमेश मोहन आत्मविश्वास ने अंगिका के ध्वनि पर वैज्ञानिक तर्क प्रस्तुत कर इसमें सुधार करने की बात कही।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का दौर चला जिसमें भगवान प्रलय, सुधीर कुमार प्रोग्रामर त्रिलोकी नाथ दिवाकर, प्रीतम विश्वकर्मा कवियाठ, साथी सुरेश सूर्य, रंजना सिंह, सच्चिदानंद किरण, शैलेश प्रजापति शैल, महेंद्र निशाकर, फूलकुमार अकेला, सुधीर झा, डॉ. अवधविहारी आचार्य, श्रवण विहारी, अनिल कुमार, प्रभाष चंद्र मतवाला या अंशु श्री, ठाकुर राष्ट्रभूषण, दिनकर दीवाना, भोला कुमार, शमसाद जिया, कपिलेश्वर कपिल के अलावे दर्जनों कवियों ने कविताएं सुनाकर कार्यक्रम को रोचक बनाया। कार्यक्रम का सञ्चालन सुधीर कुमार झा और फूलकुमार अकेला ने किया।
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आलेख - अवध विहारी आचार्य
परिचय - इस रपट के लेखक अखिल भारतीय अंगिका साहित्य विकास मंच, कटिहार के अध्यक्ष हैं.
सामग्री स्रोत - सुधीर कुमार प्रोग्रामर
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