खगड़िया का साहित्यिक परिवार घनघोर पीड़ा में
खगड़िया:02:03:2019 हिन्दी भाषा साहित्य परिषद् खगड़िया, बिहार के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकार और स्वाधीनता संदेश के उप सम्पादक रमण सीही नहीं रहे। आज सुबह 05:00 बजे ह्रदयगति रुकने के कारण उनका निधन हो गया। वे 1994 बैच के शिक्षक थे और वर्तमान में मध्य विद्यालय मथुरापुर, खगड़िया के प्रधानाध्यापक थे। वर्षों तलक वे खगड़िया बीआरसी में बी.आर.पी. भी रहे। सम्प्रति लोकसभा आम निर्वाचन -2019 के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में जिला प्रशिक्षण कोषांग में प्रतिनियुक्ति पर थे। कोशी कालेज खगड़िया में आयोजित प्रशिक्षण -सह-उन्मुखीकरण में 01:03:2019 तक उन्होंने हमलोगों के साथ काम किया था। अचानक सुबह उनके निधन की ख़बर ने मर्मान्तक पीड़ा पहुँचाई।
माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य स्व0 जगदीश प्रसाद सिन्हा और शांति प्रभा देवी के इकलौते सुपुत्र रमण सीही का जन्म 08 जनवरी 1966 ई0 में हुआ था। उनकी प्रकाशित कृतियों में हँसुली कहाँ गयी (कहानी संग्रह) और सूनी बरसात में (ग़ज़ल संग्रह) प्रमुख हैं। कौशिकी, त्रैमासिक में वे सम्पादक मंडल सदस्य और स्वाधीनता संदेश में सह सम्पादक की भूमिका निभा रहे थे। मचंद रजत स्मृति सम्मान से सम्मानित साहित्यकार रमण सीही के आकस्मिक निधन पर खगड़िया का साहित्यिक परिवार मर्मान्तक पीड़ा झेल रहा है। प्रोफेसर चन्द्रिका प्रसाद सिंह विभाकर, नन्देश निर्मल, कैलाश झा किंकर, कविता परवाना, शंकरानन्द, गणेश राज, कामरान अल्वी, विनय कुमार यशपाल, ईoअवधेश कुमार आशुतोष, अणिमा रानी, डॉo विभा माधवी, शिवकुमार सुमन, प्रभाकर प्रभात, सुनील कुमार मिश्र, स्मिताश्री (बेगूसराय), संजय कुमार अविनाश(लखीसराय), रेखा सिन्हा (नालन्दा), विकास कुमार(मुंगेर), ऐ. के झा (देवघर), अतुल मल्लिक अनजान, बाबा बैद्यनाथ झा, (पूर्णिया), विनोद कुमार हँसौड़ा (दरभंगा), शिव कुमार सिंह (मुजफ्फरपुर) आदि ने रमण जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें और उनके परिवार को यह दु:ख झेलने की शक्ति प्रदान करें।
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आलेख - कैलाश झा किंकर
छायाचित्र साभार - कैलाश झा किंकर
सूचना स्रोत - विभा माधवी
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल - editorbejodindia@yahoo.com
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नमन🙏🙏
ReplyDeleteमैं तो नि:शब्द हो गया हूँ।
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