8.3.2019 को विश्व महिला दिवस पर रौतहट,नेपाल में मगसम के द्वारा "एक शाम माँ के नाम" का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता श्रीमती हीरा झा ने की और मंच संचालन मगसम के राष्ट्रीय संयोजक सुधीर सिंह सुधाकर ने किया।इसमें माँ पर केन्द्रित मगसम की कविताओं का कवितापाठ करने वालों में सुधीर सिंह सुधाकर(वाराणसी) ,कैलाश झा किंकर(बिहार), विनोद कुमार हँसौड़ा (बिहार), बाबा बैद्यनाथ झा (बिहार), भीम प्रजापति देवरिया (उत्तरप्रदेश), राम प्रसाद भारत (हरियाणा), कर्मेश सिन्हा (दिल्ली), अशोक चौधरी (नेपाल) आठ मार्च को आठ बजे आठ कवियों ने माँ पर केन्द्रित आठ कविताएं पढ़ी गयीं।
नेपाल भारत मैत्री वीरांगना फाउण्डेशन काठमांडो, रौतहट,राम दुलारी शिव समाज केन्द्र रौतहट और भारतीय राज दूतावास, काठमांडो के 109 वाँ विश्व नारी दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय महाकुम्भ, कवि महोत्सव एवम् 7 वाँ सोशल मीडिया सम्मान समारोह ,सास्कृतिक कार्यक्रम दिनांक 6,7,8 मार्च 2019 के आयोजन का यह तीसरा और अन्तिम दिन था। विश्व महिला दिवस पर आज सभी साहित्यकार ,कवि- कवयित्रियाँ और छात्र-छात्राओं ने नेपाल और भारत के राष्ट्रीय ध्वज के साथ प्रभातफेरी करते हुए,नारा लगाते हुए भारत-नेपाल सीमा बैरगनिया तक गये।
भारत नेपाल मैत्री जिन्दाबाद
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
भ्रूण हत्या बन्द करो
भारत माता की जय
नेपाल भूमि की जय
दहेज लेना पाप है
स्वच्छ भारत स्वच्छ नेपाल
शराब पीना बन्द करो
जय साहित्य जय संस्कृति
जय मिथिला जय मधेश।
नेपाल भारत मैत्री वीरांगना फाउण्डेशन काठमांडो, रौतहट,राम दुलारी शिव समाज केन्द्र रौतहट और भारतीय राज दूतावास, काठमांडो के 109 वाँ विश्व नारी दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय महाकुम्भ, कवि महोत्सव एवम् 7 वाँ सोशल मीडिया सम्मान समारोह ,सास्कृतिक कार्यक्रम दिनांक 6,7,8 मार्च 2019 के आयोजन का यह तीसरा और अन्तिम दिन था। विश्व महिला दिवस पर आज सभी साहित्यकार ,कवि- कवयित्रियाँ और छात्र-छात्राओं ने नेपाल और भारत के राष्ट्रीय ध्वज के साथ प्रभातफेरी करते हुए,नारा लगाते हुए भारत-नेपाल सीमा बैरगनिया तक गये।
भारत नेपाल मैत्री जिन्दाबाद
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
भ्रूण हत्या बन्द करो
भारत माता की जय
नेपाल भूमि की जय
दहेज लेना पाप है
स्वच्छ भारत स्वच्छ नेपाल
शराब पीना बन्द करो
जय साहित्य जय संस्कृति
जय मिथिला जय मधेश।
ऐसे ही नारों से गुंजायमान धरती और आकाश आह्लादित होकर प्रेम,बंधुत्व और भाईचारे के संदेश दे रहे थे।मुख्य मंच पर भोजनोपरांत सम्मान समारोह आरम्भ हुआ।भारत और नेपाल के लहराते हुए झंडों के सम्मान में नेपाल और भारत के राष्ट् गान गाए गये।अमर शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी ।सम्मानसमारोह की अध्यक्षता कुँवर प्रभा सिंह ने की। मुख्य अतिथि थी राज्यमंत्री डा0 डिम्पल कुमारी झा और विशिष्ट अतिथि जैबा रशीद मंचस्थ थी।
मंचस्थ अतिथियों का स्वागत सत्कार हुआ। मंचस्थ अतिथियों ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया।अनिता रानी भार्द्वाज ने सरस्वती से सम्मान समारोह की शुरूआत की -"वागेश्वरी बूंदो------") मगसम के सुधीर सिंह सुधाकर,बाबा बैद्यनाथ झा, कैलाश झा किंकर, विनोद कुमार हँसौड़ा समेत सात सदस्यों की ओर से कुँवर प्रभा सिंह जी को प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया गया। राज्यमंत्री डिम्पल कुमारी झा और जैबा रशीद को भी सम्मानित किया गया। आराध्या की नृत्य प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हुए।
नरेन्द्र पाल जैन की किताब सुनो--रहने दो ,जैबा रशीद की किताब "बाबरे मन का फरेब" ,बसंत परमार की पुस्तक नन्हें एहसास और लीला दीवान की किताब "रूठ कर बैठी हूँ" का लोकार्पण राज्यमंत्री डा0 डिम्पल कुमारी झा के कर कमलों से हुआ।
राज्यमंत्री डा0 डिम्पल कुमारी झा के कर कमलों से सभी कवियों/कवयित्रियों को सम्मान पत्र और प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया गया। कविता पाठ भी हुआ। हर्षोल्लास के वातावरण में बसंतोत्सव मना कर नेपाल-भारत के स्नेहिल संम्बन्ध की प्रगाढ़ता का संदेश दिया गया।
विश्व महिला दिवस पर कैलाश झा किंकर ने अपनी प्रस्तुति में कहा-
इतना तो पता है कि ये दूरी न रहेगीहक़ की ये कहानी भी अधूरी न रहेगी
दुल्हन को तिलक देंगे ये दुल्हे के पिताजी
आँसू के समन्दर में ये नूरी न रहेगी।
...
आलेख - कैलाश झा किंकर
छायाचित्र सौजन्य - कैलाश झा किंकर आलेख - कैलाश झा किंकर
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नेपाल डायरी-2 का लिंक - https://bejodindia.blogspot.com/2019/03/2.html
नेपाल डायरी-1 का लिंक - https://biharidhamaka.blogspot.com/2019/03/1.html
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बहुत बहुत आभार ।
ReplyDeleteआपकी साहित्यिक यात्राएं यूं ही जारी रहें. हार्दिक शुभकामनाएँ और अभिनन्दन!
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