Pages

Tuesday, 6 November 2018

आरा में हिंदी-भोजपुरी विभाग, वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय द्वारा भोजपुरी और हिंदी में रचना पाठ 3.11.2018 को सम्पन्न

भोजपुरी रचनाओं की बहार के बीच हिंदी में भी पाठ

3 नवंबर,2018 को स्नातकोत्तर हिंदी-भोजपुरी विभाग, वीरकुँवरसिंह विश्वविद्यालय, आरा, बिहार के तत्वावधान में  'रोशनी की ओर'कार्यक्रम के तहत रचना-पाठ का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ

डॉ (प्रो) नीरज सिंह, विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर, हिंदी-भोजपुरी विभाग, वीर कुँवरसिंह विश्वविद्यालय, आरा, बिहार की पहलकदमी और सौजन्य से हिंदी विभाग में रचना पाठ का शानदार आयोजन हुआ जिसमें वीकेएसयु के हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्डॉ रवीन्द्रनाथ राय, पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ अयोध्या प्रसाद उपाध्याय, हिंदी-भोजपुरी के कवि कथाकार जितेन्द्र कुमार, जसम के बिहार स्टेट सचिव डॉ सुधीर सुमन, कवि कथाकार डॉ सुमन कुमार सिंह, भोजपुरी के वरिष्ठ कथाकार कृष्ण कुमार, कवि चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर, उर्दू के शायर इस्तियाक अहमद दानिश, युवा कवि सतीश पाण्डेय, शोधार्थी आनंद ठाकुर, कवि कथाकार जनार्दन मिश्र और युवा चर्चित कवि अरुण शीतांश ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। आरंभ में मंच संचालन डॉ प्रो नीरज सिंह ने किया। बाद में उन्होंने मंच संचालन का दायित्व डॉ सुधीर सुमन को दे दिया।

गोष्ठी का आरंभ उल्लेखनीय कवि नागार्जुन के ऊपर बने वृत्तचित्र से हुआ। इसे कवि कुबेरदत्त ने बनाया था।5नवंबर को नागार्जुन की पुण्यतिथि भी है। इस अवसर पर सुधीर सुमन ने स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध जनकवि रमता प्रसाद द्विवेदी'रमता'को याद किया जिनकी जन्मतिथि 30अक्टूबर को थी। जनवादी कवि कथाकार विजेन्द्र अनिल को भी याद किया गया जिनकी पुण्यतिथि 3 नवंबर है। 2 नवंबर को प्रसिद्ध भोजपुरी शायर उपन्यासकार पाण्डेय कपिल की पुण्यतिथि है। दुर्गेन्द्र अकारी को भी याद किया गया। इन सब रचनाकारों की स्मृति में रचनाकारों ने रचना का पाठ किया।आज सुधीर सुमन ने अपनी कविता सुनाई। कई श्रोता पहली बार उनको काव्य पाठ करते हुए सुना। सतीश पाण्डेय से कविता पाठ की शुरूआत हुई। प्रो अयोध्या प्रसाद उपाध्याय ने अपनी भोजपुरी कहानी' रोहित' सुनाई।

जितेंद्र कुमार ने अपनी भोजपुरी कहानी 'सुमंगली' का पाठ किडॉ नीरज सिंह और इस्तियाक अहमद की ग़ज़लें काफी पसंद की गयीं। कृष्ण कुमार जी ने अपनी भोजपुरी कविता 'अल्ट्रासोनोग्राफी' से काफी प्रभावित किया।सुमन कुमार सिंह की कविता 'मुजफ्फरपुर नहीं जायेंगे' लड़कियों के बलात्कार के खिलाफ जबरदस्त कविता के रूप में सराही गयी। उसी तरह राकेश कुमार दिवाकर की कविता 'रात को रात कहना होता है' बेहद पसंद की गई।जनार्दन मिश्र ने अपनी कविता गा कर सुनाई ।

अंत में डॉ प्रो रवीन्द्रनाथ राय ने रचना पाठ पर अपनी बेबाक और ईमानदार आलोचकीय टिप्पणी की। धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी आनंद कुमार ठाकुर ने की।

इस गोष्ठी के आयोजन और सफलतापूर्वक कार्यान्वयन का श्रेय डॉ नीरज सिंह को जाता है।वे विश्वविद्यालय में इस तरह के साहित्यिक आयोजन कराते रहते हैं।
..........
आलेख- जीतेंद्र कुमार
छायाचित्र सौजन्य- जीतेंद्र कुमार
 जीतेंद्र कुमार का लिंक- यहाँ क्लिक करें
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आइडी- editorbiharidhamaka@yahoo.com
















  

No comments:

Post a Comment

अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.

Note: only a member of this blog may post a comment.