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Wednesday, 10 October 2018

आउ हम दीया जराबी - अरुण कुमार लाल दास की मैथिली कविता (Maithili poem by Arun Kumar Lal Das with poetic English translation)

आउ हम दीया जराबी
(मैथिली कविता/ Maithili Poem)



प्रेम कें बाती बनाकय
आउ हम दीया जराबी
मुक्त कंठे मां कें महिमा
मिलि जूलि कय
सब क्यो गाबी
Making love a  wick
Lamp is lit up without shudder
Very cordially we sing
The praise of our mother


छी बहुत नाचार हे माँ
दुष्ट कें संघार करू अहां
दुराचारक करू निवारण
भूलल बिसरल पथ स भटकल
दिव्य दृष्टि दय दयानी
रास्ता सबकें देखाबी
प्रेम कें बाती बनाकय
आउ हम दीया जराबी
So helpless we are O mother
Every wicked ones you slaughter
And free us from malfeasance
You please give the divine sight
Losing path who go hither and tither
Very cordially we sing
The praise of our mother


मांझ मे मजधार जीवन
पग पग पर छद्म शोषण
भ्रष्ट नेता बलात्कारी
भूख ओ भय-मुक्त जीवन
संस्कृतिक महान क्षरण
सभ्यताक भ रहल दोहन
आस विश्वासक जगाबी
प्रेम कें बाती बनाकय
आउ हम दीया जराबी
In the midst of life,  caught in a vortex
Pseudo,  exploitation are there to vex
The leaders are corrupt and rapists
A life free from hunger and fear like axe
Culture is being eroded
Civilisation is getting tapped
Give hope of faith, a breather
Very cordially we sing
The praise of our mother


ई हमर संतप्त जीवन
घोर तिमिर ओ विपद सम
प्राप्त हो माधुर्य जीवन
'अरुण' क्रंदन क' रहल मां
रास्ता हमरा बताबी
प्रेम कें बाती बनाकय
आउ हम दीया जराबी.
This life is so tormented
Gloom and adversity on head
May we  get the sweetness of life
'Arun' is crying pitifully afraid
Show our path another.
Very cordially we sing
The praise of our mother.
................

मूल मैथिली कवि - अरुण कुमार लाल दास / Poet of original poem in Maithili - Arun Kumar Lal Das
Link of the original poet- Please click here
Poetic translation into English by - Hemant Das 'him'
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कवि-परिचय: श्री अरुण कुमार लाल दास, भारतीय स्टेट बैंक से अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए हैं. ये मैथिली के अच्छे कवि हैं. ये मधुबनी (बिहार) के मूल निवासी हैं और वर्तमान में जयपुर (राजस्थान) में रहते हैं.
Introduction of the poet- Sri Arun Kumar Lal Das retired from SBI as an officer. He is a good poet in Maithili. He is domicile of Madhubani (Bihar) and staying at Jaipur (Rajasthan) at present.



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