नोट: यदि किसी महाशय के पास इस नाटक के सम्बंध में जानकारी हो तो कृपया ई-मेल hemantdas_2001@yahoo.com पर उपलब्ध कराएँ.
यह नाटक हाल ही में कालिदास रंगालय, पटना में मंचित हुआ था और इसे प्रयोगात्मक नाटक की श्रेणी में रखा जा सकता है. समाज में फैले साम्प्रादायिक विचारों और संकीर्णताओं का विचारोत्तेजक विश्लेषण ही नाटक का उद्देश्य था. नीचे दिये गए फोटो प्रदर्शन के दौरान ब्लॉगर द्वारा खींचे गए.
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