(See the English translation just below the Hindi text)
देख निमन्त्रण कार्ड देह से, टपके लगे पसीना
नेवता पुरते-पुरते हमरा, मोस्किल हो गेल जीना.
मँहगाई के समय हको, तों जइहा बनके पकिया
चुपके-चुपके देबे पड़तो, कम से कम सौ टकिया
ओकरा से कम देला पर, झुकतो ईज्जत के झंडा
बंद लिफाफा खुलते जब, फुट जइतो तोहर भंडा.
मुरगा के काउंटर पर मिलते, टीसन जैसन भीड़
बड़का-बड़का पहलवान के, फुट जा हे तकदीर
पुड़ी आउर पोलाव फ्री हो, चटनी हो मनमनता
आईसक्रिम के काउंटर पर, सुमरे पड़तो हनुमंता.
(पूरी कविता दिए गए चित्र में देखें)
The first glance over the cards and body started perspiration
The first glance over the cards and body started perspiration
My life has turned a hell
by again and again invitation
It's time of inflation
you have to look well-made
Looking abashed you give at least hundred rupees they said
If you give a less amount, your self-esteem comes down
The moment envelop opens,
you’ll be object over to frown
At the counter of chicken
it is a crowd like an station
Even the biggest of the
fighters have to suffer this oppression
As much as you want, you
take puris and casserole
Though for the Ice-cream,
just call Hanuman, my soul!
(Translation by Hemant
Das ‘Him’ or original magahi poem of Kavi ji)
लोकभाषा में ही आदमी के व्यक्तित्व का डी.एन.ए. होता है इसलिए आदमी को जानने के लिए उसकी लोकभाषा को जानना आवश्यक होता है. लोकभाषा से कटा हुआ मनुष्य वैसा ही होता है जैसे कि जड़ से कटा हुआ कोई वृक्ष. वह दिखने भी कुछ दिनों तक तो विशाल लग सकता है परन्तु जल्द ही मूल्यहीनता और संदर्भहीनता के संकट में उसके घिर जाने की सम्बभावना रहती है. पता चला है कि उदय शंकर शर्मा को मोहन लाल महतो 'वियोगी' पुरस्कार से सम्मनित किया जाएगा. यह पुरस्कार उन्हें 30 मार्च 2017 को हिन्दी भवन, छज्जू बाग, पटना में दिया जाएगा.
Uday Shankar Sharma @ Kavi Ji |
बिहार सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा इस सम्मान के अंतर्गत रु.50000/= तथा सम्मानपत्र दिये जाते हैं. उनकी लिखी हुई मगही गीता अत्यंत सरल मगही भाषा में भागवत गीता के गूढ़ रहस्यों को उजागर करती है जो किसी भी हिन्दी भाषी के लिए सुगम है. यह पुरस्कार पहले ही हरींद्र विद्यार्थी जो को दिया जा चुका है. श्री विद्यार्थी मगही साहित्य अकादमी के सदस्य रह चुके हैं.हरींद्र विद्यार्थी तारेगना के सरकारी विद्यालय में शिक्षक थे और अभी सेवानिवृत हैं, विद्यार्थी जी का मगही कविता-संग्रह 'मोरहर के पार' खास लोकप्रिय पुस्तक है जो एम.ए. के सिलेबस के अंतर्गत आज भी पढ़ाई जाती है. वे अंग्रेजी के भी अच्छे लेखक हैं. राकेश प्रियदर्शी के पुरजोर ऊर्जा वाले कवि हैं जिनके शब्दों में क्रांति के विगुल की तान बजती रहती है.उदय शंकर शर्मा उर्फ कविजी स्वतन्त्र लेखक हैं और राकेश प्रियदर्शी बिहार बिधान परिषद में कार्यरत हैं.
डॉ. बी एन. विश्वकर्मा ने बताया कि मगही भाषा के प्रसिद्द रचनाकारों में डॉ, अभिमन्यु प्रसाद मौर्य, डॉ.सत्येन्द्र सिंह 'सुमन' (संपादक - 'अलका मागधी') , डॉ. ओम प्रकाश जमुआर , रामदास आर्य उर्फ़ घमंडी राम , डॉ. सम्पति आर्यानी, मिथिलेश कुमार सिन्हा औ राजकुमार प्रेमी का नाम भी प्रमुख है. देवन मिसिर इस लोकभाषा के सर्वप्रसिद्ध लोकगायक हुए हैं जिनके गीत घर-घर में गूंजते हैं.
(English translation of the Hindi text)
DNA of person's personality is only in the local language. Therefore it is necessary to know the person's language in order to know the man. The person cut off from the his local tongue is like a tree cut from the root. He may also look like a giant for a few days, but soon there is big possibility of loss of values and perspective in vision. It has been learnt that Uday Shankar Sharma will be conferred Mohan Lal Mahto 'Vioji' award. This award will be given to him in the Hindi Bhawan, Chhejjoo Bagh, Patna on March 30, 2017.
(From left) Rakesh Priyadarshi, Harindra Vidyarthi, Uday Shankar Sharma @ Kavi ji |
Under this an appreciation letter along with Rs. 50000 / = is given by the Official Language Department of Bihar Government. In the book Magahi Gita he reveals the unintelligible mysteries of the Bhagwat Geeta in very simple Magahi language which is easily comprehensible for any Hindi knowing person. This award has already been given to Harindra Vidyarthi. Shri Vidyarthi has also been a member of the Magahi Sahitya Akademi. He was a teacher at the Government School of Tarangana and is retired now, the magahi poetry collection 'Morhar ke Paar' of Vidyarthi Ji is a specially popular book . It is still taught under the syllabus. He is also a good writer of English. Rakesh is an energetic revolutionary poet, in whose words the bugle of revolution keeps ringing. Uday Shankar Sharma alias Kaviji is an independent writer and Rakesh Priyadarshi is working at the Bihar Bidhan Parishad.
Dr. B. N. Vishwakarma conveyed
that among the famous creators of Magahi language the names of Dr. Abhimanyu
Prasad Maurya, Dr. Satyendra Singh 'Suman' (Editor - 'Alka Magadhi'), Dr. Om
Prakash Jamuar,
Ramdas Arya alias Ghambandi Ram, Dr. Samatii Aryani, Mithilesh Kumar Sinha and Rajkumar Premi
are also prominent. Devan Misir has been
a famous folk song writer of this dialect whose songs resonate in every
house-house.
मगही लोकगीत यहाँ देखें / Find Magahi folklores here http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%AE%E0%A4%97%E0%A4%B9%E0%A5%80_%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%A4
मगही साहित्य पर उपयोगी ब्लॉग-
नारायण प्रसाद / Magahi Literature-
useful blog of Narayan Prasad http://magahi-sahitya.blogspot.in/
Hrikhikesh Pathak |
B. JN. Vishawakarma |
From Left- Rakesh Priyadarshi, Bhagwat Animesh (Wajjika poet), Harindra Vidyarthi and UdayShankar Sharma |
Send more info and photos regarding Magahi litterateurs at email: hemantdas_2001@yahoo.com
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