पारंपरिक और आधुनिक कलाओं में अभिव्यक्ति के सुन्दर नमूने
विश्व में जहां कहीं भी मानव है उसकी संस्कृति के केंद्र में नारी ही है. नारी ही है जिससे घर का निर्माण होता है और जिसके प्रेम के स्पर्श से सम्पूर्ण संसार में संचार होता है कामना और स्वप्न के अद्भुत लोक का जो हमें मूलतः करुणाशील बनाता है या दूसरे शब्दों में कहें तो इन्सानियत से लबरेज एक आदमी. किन्तु विश्व ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का फैसला इसलिए लेना पडा क्योंकि अपने द्वारा रचित संसार में वह खुद ही जुल्मों का शिकार हो रही है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पटना तारामंडल के प्रांगण में महिलाओं द्वारा दो दिवसीय (8 एवं 9 मार्च) पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें महिला कलाकारों की बड़ी भागीदारी रही। मुख्य रूप से अलका दास, संजू दास, सार्थ, स्मिता पराशर, मीनाक्षी झा बैनर्जी एवं श्वेता साहा की पेन्टिंग लोगों को खुब पसंद आई।सभी पेंटिंग महिला केन्द्रित थी।
...आलेख - मो. नसीम अख्तर
छायाचित्र - मो. नसीम अख्तर
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सुंदर प्रदर्शनी।
ReplyDeleteऐसे कार्यक्रमों की खबर सबको पहले भी दी जानी चाहिए
ReplyDeleteसुंदर अति सुंदर
आपने सही कहा। इन दिनों सांस्कृतिक कार्यक्रम भी "झट आयोजन पट समाप्त" की शैली में होने लगे हैं जबकि ये पर्याप्त समय पहले सबको सूचित करके अधिक व्यवस्थित तरीके से होने चाहिएं। में इसके अलावे अन्य कार्यक्रमों के बारे में भी कह रहा हूँ।
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