नैनों की बात नैना जाने हैं
हमारे देश की मिट्टी में ही गीत संगीत है। हम लोकगीतों में पलते बढ़ते हैं और शास्त्रीय संगीत हमारी चेतना को अनुरंजित करता है जीवन भर। जीवन के उल्लास का सार संगीत में ही है जहां से यह उत्पन्न भी होता है और जिसके द्वारा अभिव्यक्त भी । किन्तु हमारे जीवन में संगीत अचानक से नहीं टपकता। संगीत का संस्कार बच्चों में कम उम्र से ही डालना पड़ता है। लोकगीतों से इतर हर संगीत की विधा में कठिन प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होता है। इस सन्दर्भ में देश के दूर दराज के कस्बों और शहरों में फैले संगीत महाविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
हालांकि आज फ़िल्मी संगीत ने हमारे संगीत के मूल स्वरूप का काफी हद तक अतिक्रमण कर रखा है फिर भी देश के संगीत संस्थान आज भी विशुद्ध भारतीय संगीत को भी अपने मूल रूप में अक्षुण रखने में कामयाब हुए हैं।
मुज़फ़्फ़रपुर के रसूलपुर जिलानी में स्थित विनोद कल्पना संगीत महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव के अवसर पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला जहां एक आकर्षक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुज़फ़्फ़रपुर पूर्वी के एसडीओ डॉ कुंदन कुमार संदीप शुक्ला, संगीतज्ञ डॉ अरविंद कुमार, लक्ष्मेश्वर प्रसाद, विनय कुमार, कुमारी कल्पना, नीलम शुक्ला व संगीतालय के निदेशक डॉ संजय संजू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इसके बाद अतिथियों के सम्मान में छात्राओं के द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। अलकनंदा वत्स ने राग मालकौंस गा कर शमा बांध दिया।'नैनों की बात नैना जाने हैं' गीत पर रजनी ने भाव नृत्य किया तो श्रोता तालियां बजाने लगे।संगीतालय के छात्र व बिग बॉस 12 के फाइनल में पहुंचने वाले दीपक ठाकुर ने एक से बढ़ कर एक गीत गाया तो पूरे श्रोता खड़ा हो कर तालियां बजाने लगे। एक सुन्दर गीत सृष्टि शर्मा ने गाया।
राग पुरिया घनाश्री गाकर अमर सिंह राणा ने माहौल को खुशनुमा बना दिया। विजया प्रकाश ने जब भाव नृत्य किया तो श्रोता देखते ही रह गए। शुभांगी के द्वारा 'घूमर' पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। एक लोकप्रिय गीत आयुषी राज ने गाया। मास्टर श्याम बिहारी, कुणाल राजवीर, सुधाकर नारायण, शेखर अरोड़ा, सुहानी ,सोनी, अंजलि,श्वेता,अर्चना वर्मा,श्रेया राज ,मेहंदी ,सुनील कुमार, निधी कुमारी, इक्षा यादव, स्वास्तिका, क्षमा शर्मा, गौरव ज्ञान आदि ने अपना गीत प्रस्तुत किया।
निशा, श्रेया राज, अलकनंदा वत्स, कैवल्या, मनीषा, प्रियांशी, सुहानी आदि ने भाव नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में होली का गीत प्रस्तुत किया गया। इंदु बाला सिन्हा, प्रेम रंजन व मास्टर श्याम बिहारी ने होली गीत गाया तो पूरा माहौल होलीमय हो गया।
मंच संचालन अमीर हमज़ा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजय संजू ने किया। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग उपस्थित थे जिनमें मुख्य रूप से डॉ संजय पंकज, एम एस हुसैन'आज़ाद', डॉ कुमार विरल, परमानंद, मधुमिता कुमारी, मो तमन्ना, नवीन कुमार, सुमन वृक्ष, दीपक टंडेल, प्रमोद आज़ाद, प्रमोद सहनी आदि।
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आलेख - अमीर हमजा
छायाचित्र सौजन्य - अमीर हमजा
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बहुत शानदार। हार्दिक धन्यवाद।।
ReplyDeleteधन्यवाद अमीर जी!
Deleteवाह वाह बहुत ही शानदार रिपोर्टिंग है
ReplyDeleteधन्यवाद। blogger.com में लॉगिन कर कमेन्ट करने आए नाम भी दिखता है।
DeleteVery nice
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